Positive India: डीएम के इस आदेश की स्कूल वाले नहीं कर सकेंगे अनदेखी, पैरेंट्स को मिली बड़ी राहत
डीएम ने सभी स्कूलों के लिए जारी किया आदेश। बाद में फीस जमा करने पर नहीं वसूल सकेंगे विलंब शुल्क।
आगरा, जागरण संवाददाता। स्कूल अभिभावकों पर शैक्षिक सत्र की प्रथम तिमाही यानि मार्च, अप्रैल और मई या जून का शुल्क जमा करने का दवाब नहीं बनाएंगे। न ही किसी तरह का विलंब शुल्क ही लिया जाएगा। हालांकि जो अभिभावक स्वेच्छा से शुल्क जमा करना चाहते हैं, वह करा सकते हैं। यह आदेश सोमवार को डीएम प्रभु एन सिंह नेे सभी स्कूल संचालकों को जारी किया है।
कोरोना के खौफ से स्कूल, कॉलेज, ऑफिस सब बंद है, सीमित संसाधनों में गुजर- बसर करने को मजबूर हैं। इस मुश्किल समय में उन अभिभावकों के सामने बड़ी समस्या है, जिनके बच्चे स्कूलों में हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें अप्रैल में तीन माह की फीस भरनी है। ऐसे में सीमिति वित्तीय संसाधनों में फीस की मजबूरी ने उन्हें परेशान कर दिया है। वह लगातार जिला प्रशासन से इस माामले में हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। ऐसे में डीएम ने आदेश जारी किया है कि जो अभिभावक स्वेच्छा से मार्च, अप्रैल या प्रथम शैक्षिक सत्र तिमाही का शुल्क जमा करना चाहते हैं, वे जमा कर सकते हैं। विद्यालय प्रबंधन इस समय किसी को भी तत्काल फीस जमा करने के लिए बाध्य नहीं करेगा और न ही बाद में शुल्क जमा करने पर किसी भी प्रकार का विलंब शुल्क लेगा।
मेयर ने लिखा था पत्र
इस मामले में रविवार को मेयर नवीन जैन ने डीएम को पत्र लिखा था। अन्य अभिाभावक भी लगातार गुहार लगा रहे थे, जिसके बाद उन्होंने यह फैला लिया।
जुलाई से तीन किश्तों में दें तीन माह की फीस
लॉक डाउन शुरू होने के बाद से ही स्कूलों की फीस को लेकर कई तरह के संदेश सोशल मीडिया पर प्रचारित हो रहे हैं। दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, मुंबई सरकार ने स्कूलों से तीन महीने की फीस नहीं लेने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से ही उत्तर प्रदेश में भी यह मांग उठने लगी। हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से इस बाबत कोई घोषणा नहीं की गई है। सोमवार को सोशल मीडिया पर एक मैसेज घूमने लगा, जिसमें लिखा था कि शहर के स्कूल भी अब तीन महीने की फीस नहीं लेंगे। आगरा में स्कूलों की तीन एसोसिएशन हैं। तीनों ही एसोसिएशनों ने मैसेज को फर्जी बताया।
नप्सा से शहर और देहात के लगभग 72 स्कूल जुड़े हैं। नप्सा के अध्यक्ष संजय तोमर ने बताया कि हमने सभी स्कूलों को सर्कुलर भेज दिया है कि वे किसी भी अभिभावक को फीस के लिए मैसेज नहीं भेजेंगे। स्कूल खुलने के बाद ही फीस ली जाएगी। वोसा के अध्यक्ष राहुल राज ने कहा कि तीन महीने की फीस किश्तों में ली जाएगी। पहली किश्त जुलाई, दूसरी अक्टूबर और तीसरी दिसंबर या जनवरी में ली जाएगी। विलंब शुल्क भी नहीं लिया जाएगा और ना ही किसी विद्यार्थी का नाम स्कूल से काटा जाएगा। अप्सा के अध्यक्ष डा. सुशील गुप्ता ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने महापौर से भी मुलाकात की है। डा. गुप्ता ने कहा कि बिना फीस लिए स्कूल नहीं चलाए जा सकते हैं क्योंकि शिक्षकों का वेतन फीस से ही दिया जाता है। अप्सा से जुड़े सभी स्कूल जुलाई के बाद ही फीस जमा करने के लिए कहेंगे। अभिभावक तीन महीने की फीस किश्तों में दे सकेंगे। फीस पर विलंब शुल्क भी नहीं लगेगा।
बिना ब्याज के मिले ऋण
महापौर को सौंपे ज्ञापन में अप्सा के सचिव डा. गिरधर शर्मा ने मांग की है कि प्राइवेट स्कूलों को एक साल के बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराया जाए। ज्ञापन में लिखा गया है कि बिना फीस के स्कूल नहीं चल सकते हैं। शिक्षकों के साथ ही कर्मचारियों की तनख्वाह भी देनी होती है। स्कूल का रख-रखाव और अन्य मद में भी खर्चे होते हैं।