UP Board Exam 2021: ये नहीं बन पाएंगे यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र, यहां देखें नये नियम की पूरी लिस्ट
परीक्षा केंद्र बनने के लिए इन बिंदुओं पर भी उतरना होगा खरा। निरीक्षण रिपोर्ट में एक-एक रिपोर्ट पर रहेगी पैनी नजर। बोर्ड का स्पष्ट कहना है कि बोर्ड परीक्षा 2021 में वह विद्यालय केंद्र बनने के लायक नहीं माने जाएंगे जिनकी जानकारी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड नहीं होगी।
आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने परीक्षा केंद्र निर्धारण सूची जारी करते हुए न सिर्फ पात्रता के नियम निर्धारित किए हैं, बल्कि किस कारण से विद्यालयों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा, यह नियम भी निर्धारित कर दिए हैं। बोर्ड का स्पष्ट कहना है कि बोर्ड परीक्षा 2021 में वह विद्यालय केंद्र बनने के लायक नहीं माने जाएंगे, जिनकी जानकारी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड नहीं होगी।
जिला विद्यालय निरीक्षण रवींद्र सिंह ने बताया कि बोर्ड का स्पष्ट निर्देश है कि जिन विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने अपने विद्यालय से संबंधित आधारभूत सूचनाएं व आंकड़ों को परिषद की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया जाता है या त्रुटिपूर्ण भ्रामक सूचनाएं अपलोड की जाती हैं, तो उसके लिए प्रधानाचार्य को जिम्मेदार मानते हुए परीक्षा केंद्र पात्रता सूची से बाहर कर दिया जाएगा। साथ ही प्रधानाचार्य के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। साथ में विद्यालय का प्रबंधतंत्र भी उत्तरदायी होगी।
ऐसे विद्यालय भी नहीं बनेंगे केंद्र
- वर्ष 2018, 2019 व 2020 में परीक्षा केंद्र पर सामूहिक नकल पाए जाने पर।
- परीक्षा निरस्त करने की रिपोर्ट के आधार पर पुनः परीक्षा कराई जाने पर।
- परीक्षा डिबार मानते हुए वर्ष 2021 में परीक्षा केंद्र न बनाने के आदेश पर।
- परीक्षा में समय से पूर्व प्रश्नपत्र चोरी या गोपनीयता भंग होने पर।
- उत्तरपुस्तिका परीक्षा केंद्र से बाह लिखते हुए पकड़े जाने पर।
- परीक्षा केंद्र पर गंभीर अनियमितता पाए जाने या हिंसात्मक व आगजनी की घटना होने पर।
- निरीक्षण के दौरान अधिकारियों से अभद्रता होने के बाद एफआइआर दर्ज होने पर।
- विद्यालय असुरक्षित व अनुपयुकत् दिखाई पड़ने पर।
- जिन वित्तविहीन व सहायका प्राप्त विद्यालयों में प्रबंधंधिकरण व प्रधानाचार्य के मध्य विवाद हो।
- जिन विद्यालयों के मुख्य गेट, प्रवेश द्वार, कक्ष व प्रशासनिक कक्ष के पास से हाईटेंशन विद्युत लाइन जाने की स्थिति में।
- दो खंडे में बने विद्यालय के मध्य सार्वजनिक आवागमन के लिए बना मार्ग असुरक्षित हो।
- जिन विद्यालयों की धारण क्षमता एक पाली में 150 विद्यार्थियों से कम होगी।
- जिन विद्यालयों के शिक्षण कक्ष की खिड़कियां सार्वजनिक सड़क व संकीर्ण गली में खुलती हो।