Move to Jagran APP

Mid Day Meal: आगरा में राशन मिला तो मिला लेकिन खाद्य सुरक्षा भत्ता आधे में अटका

मिड-डे-मील योजना के अंतर्गत शिक्षकों की कोशिश के बाद आगरा जिले के स्‍कूलों को मिला खाद्यान भत्ता अब भी बाकी। पहले और दूसरे चरण में खाद्य सुरक्षा भत्ता अटका। लाकडाउन के दौरान इस योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को घर बैठे खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया था।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 04:26 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 04:26 PM (IST)
Mid Day Meal: आगरा में राशन मिला तो मिला लेकिन खाद्य सुरक्षा भत्ता आधे में अटका
मिड डे मील योजना के अंतर्गत आगरा के स्‍कूलों को खाद्य सुरक्षा भत्ता का इंतजार है।

आगरा, संदीप शर्मा। लाकडाउन से लेकर कोरोना संक्रमण काल में अब तक विद्यालय भले बंद हैं, लेकिन विद्यार्थियों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने को मिड-डे-मील (एमडीएम) योजना लगातार जारी है। इसके अंतर्गत विद्यार्थियों को घर बैठे खाद्यान्न तो उपलब्ध हो गया, लेकिन खाद्य सुरक्षा भत्ता विद्यार्थियों को नहीं मिल सका है। स्थित यह है कि महज 30 से 50 फीसद विद्यार्थियों के लिए आया भत्ता, किसे दें और किसे छोडे़ं के अंतर्द्धंद में खातों में ही अटका पड़ा है।

loksabha election banner

कोविड-19 संक्रमण के कारण बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में विद्यार्थी नही आ रहे हैं। शासन ने इन विद्यालयों में पंजीकृत विद्यार्थियों को खाद्य सुरक्षा भत्ते के रूप में खाद्यान्न और परिवर्तन लागत उपलब्ध कराने का आदेश दिए थे। इसके अंतर्गत पहले लाकडाउन व ग्रीष्मकालीन अवकाश में 76 दिनों और अगली बार में 49 दिन का खाद्यान्न और कनवर्जन कास्ट दी जानी थी, ताकि विद्यार्थियों को पौष्टिक आहार मिलता रहे।

जिले की स्थिति

जिले में कुल 2086 प्राथमिक और 871 उच्च प्राथमिक विद्यालय समेत कुल 2957 है, जिनमें करीब दो लाख 34 हजार विद्यार्थी पंजीकृत हैं।

इतना मिला खाद्यान्न

पहले चरण में प्राथमिक स्तर पर 76 दिनों के लिए 2.5 किग्रा गेहूं और 5.1 किग्रा चावल समेत कुल 7.6 किग्रा खाद्यान्न व उच्च प्राथमिक स्तर पर 3.8 किग्रा गेहूं और 7.6 किग्रा चावल समेत कुल 11.4 किग्रा खाद्यान्न विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया गया।

वहीं शासन ने जुलाई व अगस्त 2020 का 49 दिन का खाद्यान्न फिर भेजा। इसमें प्राथमिक स्तर पर 1.630किग्रा गेहूं और 3.270 किग्रा चावल समेत कुल 4.9 किग्रा खाद्य, जबकि उच्च प्राथमिक स्तर पर 2.450 किग्रा गेहूं और 4.9 किग्रा चावल समेत कुल 7.350 किग्रा खाद्यान्न शामिल था। उक्त दोनों चरण का खाद्यान्न सभी विद्यालयों में वितरित हो चुका है।

खाद्य सुरक्षा भत्ता अटका

पहले चरण की 76 दिन की कनवर्जन कास्ट, जो प्राथमिक स्तर पर 374 रुपये व उच्च प्राथमिक स्तर पर 561 रुपये प्रति विद्यार्थी थी, सभी विद्यार्थियों को नहीं मिल पाई, नामांकन की अपेक्षा सिर्फ 50 फीसद विद्यार्थियों के लिए ही सहायता राशि ही विद्यालय के खाते में भेजी गई, जिसका खामियाजा शिक्षकों को अभिभावकों की खरी-खोटी सुनकर भोगना पड़ा। जबकि दूसरे चरण की 49 दिन का कनवर्जन कास्ट का महज 30 से 40 फीसद ही विद्यालयों ने भेजा, जो प्राथमिक स्तर पर 243.50 रुपये और उच्च प्राथमिक स्तर पर 365 रुपये प्रति छात्र है। इस कारण कई विद्यार्थी वंचित हैं। कई विद्यालयों में यह राशि अब भी नहीं भेजा गई।

शिक्षक हो रहे परेशान

यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) जिला महामंत्री राजीव वर्मा का कहना है कि जिले के विद्यार्थियों को विद्यालय बंद होने के बावजूद खाद्यान्न तो मिल रहा है, लेकिन विभाग पर्याप्त कनवर्जन कास्ट धनराशि विद्यालयों को उपलब्ध नहीं करा पा रहा। इससे अभिभावक विद्यालय में आकर शिक्षकों से अभद्रता कर रहे हैं। मामले में यूटा जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को ज्ञापन सौंपेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.