रोगियों की खुराक में घपले की टीबी, फीरोजाबाद की इस रिपोर्ट ने पूरे प्रदेश में मचा दिया हड़कंप Agra News
फर्जी बैंक खाता खोल हजम कर ली गई पौष्टिक आहार की रकम। 22 हजार खाते संदिग्ध।
आगरा, राजीव शर्मा। टीबी रोगियों को पौष्टिक आहार के लिए खातों में ट्रांसफर होने वाली रकम विभागीय कर्मी ही फर्जी खातों के जरिए हजम कर रहे थे। फीरोजाबाद में घपले का पर्दाफाश की भेजी गई रिपोर्ट के बाद शासन स्तर से पूरे प्रदेश में कराई गई जांच में करीब 22 हजार बैंक खाते संदिग्ध पाए गए हैं।
टीबी के मरीजों को निश्शुल्क दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। पौष्टिक आहार के लिए रोगियों के खाते में हर माह 500 रुपये ट्रांसफर किए जा रहे हैं। मगर क्षय रोग विभाग के कर्मचारियों ने इस प्रक्रिया में भी सेंध लगा दी। हुआ यह कि इस योजना की हकीकत जानने के लिए मोबाइल एप ‘नि:क्षय’ पर एक नया फीचर 16 सितंबर को ही एड किया गया है। इसके जरिए योजना में हो रही गड़बड़ी पकड़ में आ जाती है। स्थानीय स्तर पर इस फीचर को जिले से कनेक्ट करते हुए खंगाला गया तो व्यापक हेराफेरी का पर्दाफाश हुआ।
19 सितंबर को शासन को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया कि फीरोजाबाद में 550 बैंक खाते संदिग्ध पाए गए। इनमें से 80 फर्जी खातों से पौष्टिक आहार की रकम में हेराफेरी की गई। पड़ताल में पता चला कि रोगियों को इस योजना की जानकारी दिए बिना उनकी जगह अपने रिश्तेदार और परिचितों के बैंक खाते लिंक करा दिए। इसके बाद हर महीने रकम निकालते रहे।
वापस लौटाई धनराशि
सूत्रों के अनुसार, जिले में 550 संदिग्ध खातों में से 80 के फर्जी होने की बात सामने आने पर विभागीय कर्मियों में खलबली मच गई। खातों से निकाली गई पौने तीन लाख से अधिक धनराशि विभागीय खाते में जमा करा दी गई।
पूरे प्रदेश में हुई जांच
विभागीय जानकार कहते हैं कि फीरोजाबाद से भेजी गई रिपोर्ट के बाद शासन ने पूरे प्रदेश में जांच कराई। इनमें 22 हजार से ज्यादा खाते संदिग्ध पाए गए हैं। हड़पी गई रकम का आकलन कराया जा रहा है।
सीडीओ को सौंपी जांच
डीएम चंद्र विजय सिंह ने जिले में हुए घपले की जांच के लिए सीडीओ नेहा जैन की अध्यक्षता में टीम गठित कर दी है। सीडीओ ने बताया कि जांच कमेटी की बैठक सोमवार की शाम बुलाई गई है। इसमें जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आरएस यतींद्र भी अभिलेखों के साथ उपस्थित रहेंगे।