जिओ टैंगिंग में बड़ा खेल, जमीन पर नजर नहीं आ रहे स्कूल
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत हो रहे हैं आवेदन। वार्ड 80 में नहीं खुल रहा एक भी स्कूल।
आगरा, जागरण संवाददाता। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत ऑनलाइन आवेदन की शुरूआत तो हो चुकी है, लेकिन कई वार्डों में स्कूल ही नहीं दिख रहे। ऐसे में संबंधित वार्डों के लोग परेशान हैं क्योंकि उनका स्कूल दूसरे वार्ड में नजर आ रहा है।
आरटीई के तहत ऑनलाइन आवेदन करने की शुरुआत एक मार्च से हो चुकी है। पात्र परिवार अपने नौनिहालों को पब्लिक स्कूलों में प्रवेश दिलाने का सपना लिए आवेदन कर रहे हैं। लेकिन आवेदन की पहली सीढ़ी चढऩा उनके लिए मुश्किल हो रहा है। ऐसे इसलिए क्योंकि ऑनलाइन आवेदन करने के दौरान अपनी सारी जानकारी भरने के बाद वह जैसे ही अपने वार्ड के स्कूल के लिंक पर क्लिक कर रहे हैं, कई जगह एक, दो या कुछ ही स्कूल नजर आ रहे हैं। जबकि कुछ स्कूल ऐसे भी हैं, जहां एक भी स्कूल नहीं दिख रहा।
वार्ड में एक भी स्कूल नहीं
आरटीई की साइट पर वार्ड 80 जटपुरा में एक भी स्कूल नहीं दिख रहा। यह हाल तब है जब यहां करीब आधा दर्जन बड़े स्कूल हैं। यहां से पार्षद एससी आयोग अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया के प्रतिनिधि शरद चौहान हैं। उनसे भी लोगों ने कई बार शिकायत की, लेकिन समस्या नहीं सुधरी।
जानकर जियो टैगिंग में किया खेल
आरटीई एक्टीविस्ट धनवान गुप्ता ने बताया कि ऐसा किसी गलती से नहीं हुआ। यह सब पब्लिक स्कूलों और बेसिक शिक्षा विभाग की सांठगांठ से हुआ है। ऐसा एक दो वार्ड में नहीं, बल्कि कई वार्ड में हो रहा है। एक वार्ड के स्कूल दूसरे वार्ड में दिखाई दे रहे हैं। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि आवेदन के बाद उन्हें अधिक दूरी दिखाकर रद्द किया जा सके। पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था। जबकि शासन का आदेश है कि वार्ड में सभी स्कूलों को नियम में शामिल किया जाए।
जियो टैगिंग में दिक्कत की शिकायत
आरटीई के तहत आवेदन लिए जा रहे हैं। जियो टैगिंग की दिक्कत की शिकायत हैं, उसे दिखवाया जा रहा है।
- आनंद प्रकाश शर्मा, बीएसए