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एकतरफा प्यार, जुनून और बदला...थ्रिलर उपन्यास से कम नहीं संजली हत्याकांड, जानिये साजिश की सचाई

तयेरे भाई ने अपनी सनक में जला दिया था 18 दिसंबर को संजली को। पुलिस जांच में परत दर परत खुली सचाई।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 02:56 PM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 02:56 PM (IST)
एकतरफा प्यार, जुनून और बदला...थ्रिलर उपन्यास से कम नहीं संजली हत्याकांड, जानिये साजिश की सचाई
एकतरफा प्यार, जुनून और बदला...थ्रिलर उपन्यास से कम नहीं संजली हत्याकांड, जानिये साजिश की सचाई

आगरा, जेएनएन। मोहब्बत यूं तो दिलों को आबाद करती है लेकिन मोहब्बत अगर जुनून बन जाए तो इसकी लपटों जिंदगियां तबाह भी हो जाती हैं। आगरा का संजली हत्याकांड रिश्तों के खून की दास्तां बयां नहीं करता बल्कि एकतरफा मोहब्बत का घातक परिणाम भी है।

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छात्रा संजली को जिंदा जलाने के लिए योगेश द्वारा रची गई साजिश किसी थ्रिलर उपन्यास से कम नहीं थी। 

संजली के हत्यारोपी तयेरे भाई योगेश ने दो महीने पहले से रेकी शुरू कर दी थी। उसने अपनी लोकेशन को छिपाने की हर संभव कोशिश की। उसका ध्यान इस बात पर था कि किस जगह पर वह पकड़ में आ सकता है, इससे कैसे बचा जाए। अपना मोबाइल नंबर कब चालू रखना है, कहां पर उसकी टावर लोकेशन नहीं आनी चाहिए। घटना के बाद भागते समय क्या दिक्कत आ सकती हैं। यह सब उसके दिमाग में पहले से था।

इसीलिए अपने तक पहुंचने वाले हर रास्ते और सुराग को खत्म करने का खाका भी उसने तैयार किया। मोबाइल नंबर से लेकर कपड़े-जूते और बाइक सब कुछ लोकेशन के साथ बदल रहा था। मगर, घटना के बाद अपने मन में बैठे डर और चेहरे के बदले भावों को बाहर आने से नहीं रोक सका। संजली की मौत के अगले दिन उसे लग गया था कि कानून के लंबे हाथ कभी भी उसकी गर्दन तक पहुंच सकते हैं।

'यू आर लूजर'

योगेश ने संजली को अपने प्रभाव में लेने को हर तरीका अपनाया। इसकी पुष्टि उसके मोबाइल से मिली चैट से भी होती है। इसमें एक जगह संजली  ने उसके लिए यू आर लूजर लिखा है। इस पर उसने अपना मोटिवेशनल यू ट्यूब वीडियो उसे भेजा। जवाब में संजली ने लिखा कि तुम्हारे वीडियो भी तुम्हारी तरह लूजर हैं। छात्रा ने योगेश को यहां तक लिखा है कि मुझसे बात मत करना, तुम भाई कहलाने लायक नहीं हो। 

एकतरफा प्यार में संजली को दिलवाई थी साइकिल

योगेश ने एकतरफा प्यार में संजली को फर्जी सर्टिफिकेट देकर साइकिल गिफ्ट की। संजली और उसके घर वालों को शक न हो इसलिए यह बताया कि साइकिल उसे प्रतियोगिता में मिली थी।

हत्यारोपितों ने खोली सचाई

संजली के तयेरे भाई ने भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को कलंकित कर दिया। एकतरफा प्यार में उसी ने संजली को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाया। घटना में शामिल उसके दो अन्य साथियों ने पुलिस गिरफ्त में आने के बाद पूरी घटना कबूल ली। पुलिस ने आरोपितों की निशानदेही पर कई अहम साक्ष्य भी संकलित किए हैं।

मलपुरा के लालऊ में आठ दिन पहले मंगलवार को 15 वर्षीय संजली पेट्रोल डालकर जला दी थी। 36 घंटे बाद उसकी अस्पताल में सांसें थम गईं। आरोपित योगेश ने भी उसकी मौत के बाद खुदकशी कर ली। आरोपितों के पकड़े जाने के बाद मंगलवार को पुलिस ने इसका पर्दाफाश किया।

एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि योगेश संजली से एकतरफा प्यार करता था। कुछ दिनों तक संजली भाई होने के कारण उसके इरादे नहीं भांप सकी। जब उसकी नीयत का अहसास हुआ तो वह विरोध करने लगी। योगेश को यह नागवार गुजरा, इसीलिए उसे सबक सिखाना चाहता था। 23 नवंबर को संजली के पिता हरेंद्र (आरोपित के चाचा) पर उसने मलपुरा नहर पर हमला कराया। इसके बाद संजली को जिंदा जलाने की साजिश रची। इसमें उसने अपने ममेरे भाई कलवारी निवासी विजय और उसके रिश्तेदार आकाश को शामिल कर लिया। पूरी तैयारी के बाद योगेश ने 18 दिसंबर को रेकी के लिए अपने ममेरे भाई विजय को लगाया। दोपहर 1.30 बजे बाद जब संजली स्कूल से निकली तो वह पीछे लग गए। काले रंग की पैशन प्रो बाइक पर विजय अलग चल रहा था। जबकि सफेद रंग की अपाचे बाइक को आकाश चला रहा था और योगेश पीछे बैठा था। संजली के पास पहुंचते ही आकाश के पैर मारकर योगेश ने बाइक रुकवाई और बोतल से पेट्रोल संजली के ऊपर डाल दिया। पेंट में लगा लाइटर निकालकर उसको आग लगा दी। आरोपितों ने अपना जुर्म कबूल लिया है। उनकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त दोनों बाइक, जले हुए कपड़े, हेलमेट और बैग बरामद कर लिया है।

बाइक बदल ली ताकि पहचान न ले संजली

एकतरफा प्यार में झुलस रहा योगेश संजली को बेवफाई की सजा देना चाहता था। लेकिन संजली द्वारा उसे पहचान लिए जाने का भी खतरा था। घटना को अंजाम देने से पहले पहचान छिपाने के लिए उसने खेरागढ़ के भिलावली निवासी अपने दोस्त के घर अपनी बाइक खड़ी कर दी और उसकी सफेद अपाचे बाइक ले आया। किसी को शक न हो इसलिए घटना के बाद वह सीधे दोस्त के घर से अपनी बाइक लेकर ही घर पहुंचा। जबकि अन्य आरोपित विजय और आकाश घटनास्थल पर होते हुए आगरा की ओर आए। अपनी पहचान छिपाने के लिए योगेश ने पहले चेहरा रुमाल से बांधा और फिर हेलमेट लगा लिया था। जबकि आकाश ने स्वेट शर्ट का हुड सिर पर लगाकर चेहरा रुमाल से बांध लिया था। संजली के पास पहुंचते ही योगेश ने आकाश को पैर मारकर बाइक रोकने का इशारा दिया। बाइक रुकते ही उसने घटना को अंजाम दे दिया।

'मोटिवेशन गुरू' निकला 'क्राइम मास्टर'

यू ट्यूब पर मोटिवेशनल चैनल चलाने वाले योगेश की युवाओं में मोटिवेशन गुरू के रूप में पहचान थी। सभी उसकी गंभीरता की मिशाल देते थे। मगर, उस गंभीर चेहरे के पीछे शातिर दिमाग क्राइम मास्टर छिपा था। क्राइम पेट्रोल और सीआइडी जैसे सीरियल देखकर संजली की हत्या की ऐसी साजिश रची कि पुलिस भी कई बार गच्चा खा गई।

संजली की हत्या में शामिल विजय और आकाश की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को योगेश की पूरी साजिश की जानकारी हुई। हरेंद्र पर हमले से सहानुभूति न मिलने के बाद में उसने संजली की हत्या की गहरी साजिश रची। वह क्राइम पेट्रोल, सीआइडी की कहानियों से उसने बारीकी से साजिश रचने में मदद ली। पुलिस को उस पर शक हुआ तो उसने खुदकशी कर ली।

योगेश ने की पुख्ता तैयारी

- 26 नवंबर को ही उसने घटना की रूपरेखा दिमाग में बना ली थी। इसी दिन उसने अपने एक दोस्त के नाम से सिम ली और सैमसंग का पुराना मोबाइल ले लिया।

- संजली बाइक से उसे पहचान न ले, इसलिए अपने दोस्त की अपाचे बाइक लाया।

- घटना के बारे में किसी बाहरी व्यक्ति को पता न लगे, इसके लिए अपने मामा के लड़के को शामिल किया, लेकिन उसे संजली के बारे में नहीं बताया।

- विशेष प्रकार का गैस लाइटर लिया, जिससे उसके हाथ न जलें।

- लाइटर पर उसके फिंगर प्रिंट न आएं और संजली को आग लगाते समय हाथ न जलें, इसके लिए सर्जिकल ग्लब्ज पहने।

- घटना से पहले अपना मुंह रुमाल से बांधकर हेलमेट लगा लिया और संजली के पास कुछ भी न बोलने की प्लानिंग की।

- पुलिस को भ्रमित करने के लिए वह अपनी बाइक पर एक कार्टून पीछे बांधकर लाया, जिसमें एलईडी लाइट थीं।

- घटना कहां करनी हैं? बाद में कहां जाना है और कहां मिलना है? यह पहले ही रेकी कर अपने साथियों को समझा दिया था।

- पेट्रोल पंप से बाइक में पेट्रोल डलवाई, जिससे सीसीटीवी कैमरे में रिकार्डिंग में कुछ नहीं दिखे।

- घटना से पहले खुद और साथियों को दूसरे कपड़े पहनाए। इन्हें वह बैग में रखकर लाया था। आकाश के जूते भी यह कहकर पहन लिए कि यदि बाद में फेंकने पड़े तो मेरे जूते महंगे हैं। 

ग्रुप 40 रखा था ऑपरेशन पर्दाफाश का कोड

छात्रा संजली हत्याकांड के पर्दाफाश में जुटी 12 टीमों ने ऑपरेशन का कोड ग्रुप 40 रखा था। हत्या से संबंधित हर सुराग और पल-पल की जानकारी से एक दूसरे को अपडेट कर रहे थे। एक सप्ताह तक सभी लोग दिन-रात सुराग और उससे जुड़ी कडिय़ों को जोडऩे में लगे रहे। तकनीकी और टीम वर्क के मेल ने देश में चर्चित संजली कांड का 168 घंटे में पर्दाफाश कर दिया।

एसएसपी अमित पाठक ने संजली हत्याकांड के पर्दाफाश के लिए 12 टीमें बनाई थीं। इसमें एसएसपी के अलावा आइपीएस मनोज सोनकर, प्रशिक्षु आइपीएस गोपाल चौधरी एवं दीक्षा शर्मा, एसपी ग्रामीण डॉ. अखिलेश नारायण, सीओ नम्रिता सिंह एवं इंस्पेक्टरों समेत 40 अधिकारी थे। इन सभी का एक वाट्स ग्रुप बनाया गया। हत्याकांड के पर्दाफाश में जुटी टीमों द्वारा इसका कोड ग्रुप-40 रखा गया।

टीम छात्रा को जिंदा जलाने से जुड़ी हर जानकारी को ग्रुप पर लगातार अपडेट कर रही थी। जो भी नए साक्ष्य सामने आ रहे थे, अधिकारी एक दूसरे से तत्काल साझा कर रहे थे। टीमों को कहां जाना है, किससे बात करनी है, नए सुराग के आधार पर अगला कदम क्या होगा। इस बारे में लगातार दिशा-निर्देश लिए और दिए जा रहे थे। सोमवार को संजली के हत्यारोपितों तक पहुंचने के साथ ही ऑपरेशन कोड 40 खत्म हुआ।   

मैसेज टोन सुन बंध जाती उम्मीद 

आपरेशन कोड 40 की मैसेज टोन अन्य वाट्सएप मैसेज से अलग थी। हर मैसेज की टोन के साथ ही नए सुराग की उम्मीद बंध जाती थी।

इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह ने दिया अहम सुराग

सर्विलांस टीम को हत्याकांड से संबंधित अहम सुराग इंस्पेक्टर सदर नरेंद्र सिंह ने दिया। टीम में शामिल नरेंद्र सिंह को शक के दायरे में आए लोगों की कॉल डिटेल खंगालते समय आकाश और विजय की लोकेशन 23 नवंबर और 18 दिसंबर को नौ मील और लालऊ के बीच मिली। योगेश ने आकाश और विजय से ही संजली के पिता हरेंद्र पर 23 नवंबर की रात हमला कराया था। संजली को जलाने के दिन भी दोनों के मोबाइल की लोकेशन वहां थी। 

पुलिस टीम पर पुरस्कारों की बारिश

संजली हत्याकांड का पर्दाफाश करने वाली टीम पर मंगलवार को पुरस्कारों की बारिश हुई। डीजीपी और एडीजी आगरा जोन ने 50-50 हजार रुपये जबकि एसएसपी ने 25 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की। पर्दाफाश करने वाली टीम में क्रिमिनल इंटेलीजेंस विंग प्रभारी इंस्पेक्टर अनुज कुमार, इंस्पेक्टर रवि त्यागी के अलावा इंस्पेक्टर अजय कौशल, गिरीश गौतम, एसओ मलपुरा विजय कुमार, एसआइ कपिल कुमार नैन, एसआइ सुनील तिवारी, साइबर सेल प्रभारी एसआइ अमित कुमार, सिपाही हृदेश कुमार, रियाजुद्दीन, विवेक जादौन, अमित चौधरी आदि थे।

पर्दाफाश से संतुष्ट नहीं परिजन, सीबीआइ जांच की मांग

इधर संजली हत्याकांड के पर्दाफाश से परिजन संतुष्ट नहीं हैं। मंगलवार को उनकी समाज के नेताओं के साथ बिजलीघर स्थित अंबेडकर पार्क में बैठक हुई। इसमें सीबीआइ जांच की मांग रखी गई।

पुलिस भले ही संजली की हत्या का पर्दाफाश करने का दावा कर रही हो, लेकिन परिजन इसे मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि पुलिस किसी दबंग को बचा रही है। पकड़े गए रिश्तेदार युवकों को टॉर्चर कर पुलिस ने घटना कबूल कराई है। वे इसके लिए कोर्ट की शरण लेंगे। हालांकि एसएसपी अमित पाठक ने सोमवार रात को ही संजली के पिता हरेंद्र को पुलिस लाइन में बुलाकर आरोपितों के खिलाफ मिले सुबूत दिखाए थे। इसके बाद उन्होंने अपने पीछे बैठाकर आरोपितों से हत्याकांड की कहानी पूछी थी। अपने कानों से पूरी कहानी सुनने के बाद भी हरेंद्र को इस पर यकीन नहीं है। वे इसे पुलिस के दबाव में दिए गए बयान बता रहे हैं। अन्य सुबूतों को भी वे सिरे से नकार रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने उन्हें सीसीटीवी फुटेज दिखाए थे। इनमें योगेश है कि कोई और? यह पहचान में नहीं आ रहा। ऐसे में योगेश ने हत्या की है यह कैसे माना जा सकता है?

पर्दाफाश होते ही बदला सोशल मीडिया

दो दिन पहले तक संजली हत्याकांड में पुलिस के खिलाफ आग उगलने वाले सोशल मीडिया का रुख मंगलवार को बदल गया। अब पुलिस का विरोध करने वालों के खिलाफ भी कमेंट किए जा रहे हैं।

वाट्स एप पर तो फोटो व मैसेज एक दूसरे को भेजे जा रहे हैं। फेसबुक पर भी संजली हत्याकांड कई दिन से छाया हुआ है। ट्विटर पर जस्टिस फॉर संजली के नाम से अभियान भी चलाया गया था। इस घटना को लेकर विभिन्न दलों के अध्यक्षों ने भी ट्वीट किया। मंगलवार को कई मैसेज में पुलिस की तारीफ की गई। एक मैसेज तो ऐसा भी था, जिसमें लिखा था 'कैंडिल जलाने वालों के लिए भी जलें कैंडिल। इसके अलावा कई ने नेताओं पर दूसरे भी कटाक्ष किए।

सुबूतों से सजा तक पहुंचाएगी पुलिस

संजली हत्याकांड को आगरा पुलिस ने चुनौती के रूप में लिया था। साक्ष्यों के संकलन में पुलिस ने सावधानी बरती। अब यही साक्ष्य आरोपितों को सजा दिलाने में कारगर हो सकते हैं।

हत्याकांड के पहले दिन ही पुलिस के शक के दायरे में छात्रा का तयेरा भाई योगेश आ गया था। एसएसपी की डायरी के पहले पन्ने पर उसका नाम था। मगर, पुलिस कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती थी। उसकी गतिविधियों पर नजर रखी। पूछताछ को बुलाया और मोबाइल कब्जे में ले लिया। उसकी हकीकत सामने आने वाली थी। इससे पहले ही उसने खुदकशी कर ली। अब पुलिस के पास दिशा तो थी, लेकिन संदिग्ध की मौत परेशान भी कर रही थी। पुलिस ने ऐसे में योगेश के घर से ही सुबूत तलाशने में दिमाग लगाया और सफलता मिली। उसके घर से पत्र मिलने पर पुलिस को शक गहरा गया। इसके बाद सर्विलांस की मदद से कुछ नंबर मिले। इन्हें लगातार मॉनीटर किया गया। कई सुबूत यहां से मिले और कडिय़ां जुड़ती गईं। रोड साइड लगे कैमरे में रिकार्डिंग न मिली तो शीशे के रिफ्लेक्शन से सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग जुटाई गई।  एक-एक पेपर को पुलिस ने साक्ष्य के रूप में इकट्ठा किया। अब यही आरोपितों के गले की फांस बनेंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. हरिदत्त शर्मा का कहना है कि परिस्थिति जन्य और वैज्ञानिक साक्ष्यों की कडिय़ां जोड़ी हैं। ये आरोपितों को सजा दिलाने के लिए काफी हैं। 

ये हैं साक्ष्य

- योगेश के वाट्सएप चैट का विवरण

- योगेश द्वारा संजली को लिखे गए पत्र जो उसके घर कॉपी से बरामद हुए।

- योगेश के घर से बरामद हुई साइकिल की रसीद। यह साइकिल योगेश ने संजली को दी थी, लेकिन प्रतियोगिता में मिली बताई।

- योगेश के मोबाइल में संजली का फोटो, जो घटना से कुछ दिन पूर्व ठीक घटनास्थल पर ही खींची गई थी।

- योगेश के घर से बरामद ब्लैंक सर्टिफिकेट, यही संजली को दिया गया था।

-योगेश को कागारौल में एक कॉलेज में स्काउट गाइड की कार्यशाला से घटना वाले दिन अनुपस्थित रहना।

- सैंया क्षेत्र में आरोपितों द्वारा जलाए गए कपड़ों के कुछ अंश

- योगेश का मोबाइल 

- सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग

सैंया में जलाए थे आरोपितों ने कपड़े

संजली को पेट्रोल डालकर जलाने के बाद आरोपितों ने कागारौल की ओर भागने की कोशिश की। मगर, वहां जाम होने के कारण वे दक्षिणी बाइपास की ओर बाइक से भाग निकले। सैंया क्षेत्र में जाकर उन्होंने कपड़े जला दिए। यहां उन्होंने सर्जिकल ग्लब्ज, बाइक पर बंधा कार्टून समेत अन्य सामान भी जला दिया। मंगलवार को फोरेंसिक टीम ने मौके से जले हुए कपड़ों के कुछ अंश बरामद किए। 

सुबूत मिटाने वाले भी जाएंगे जेल

एसएसपी अमित पाठक ने कहा है कि हत्याकांड में योगेश के शामिल होने की कई लोगों को जानकारी थी। जिन्होंने भी इसमें सुबूत मिटाकर उसे बचाने के प्रयास किए होंगे, उन्हें मुल्जिम बनाकर जेल भेजा जाएगा।

दोस्तों से भी काम निकलवाने को बोलता रहा झूठ

योगेश अपना काम निकालने को दोस्तों से भी झूठ बोलता रहा। उसने भिलावली निवासी अपने दोस्त को भी नौकरी का झांसा दिया था। उससे कहा था कि दस हजार रुपये तक की नौकरी लगवा देगा। इसी झांसे में वह उसकी बाइक ले जाता था। घटना में शामिल रिश्तेदारों से कहा था कि वह योगेश से उन्हें 15-15 हजार रुपये दिलवा देगा। उधर, दोस्त से कहा था कि मेरे साथ बिजली का काम करने वाले दो लड़के आएंगे। पैसे देने को कहने पर बहाना बना देना। यही हुआ। घटना के बाद जब आकाश और विजय वहां पहुंचे तो योगेश का दोस्त घर नहीं मिला। काफी देर बाद आया तो कह दिया कि उसकी पत्नी एटीएम ले गई है। इसके बाद घर से एटीएम लाने का बहाना बनाकर योगेश ने दोनों को चलता कर दिया।

छात्रा के बयान से नहीं मिली आरोपितों की कहानी

छात्रा ने मृत्युपूर्व दिए बयान में कहा था कि आरोपित लाल बाइक से आए थे। दोनों हेलमेट लगाए थे। उनमें से एक काली जैकेट पहने था। मगर, आरोपितों द्वारा बताई गई कहानी में बाइक सफेद रंग की, जैकेट लाल और सफेद रंग की निकली। वहीं बाइक चला रहा युवक बिना हेलमेट के  बताया। उसके सिर पर स्वेट शर्ट का हुड था।


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