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मैं शेख सलीम चिश्ती की दरगाह, कोरोना से सहमी हुई

फतेहपुर सीकरी स्थित हजरत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह की पीड़ा सालाना उर्स में सन्नाटे के बीच गुजरा बड़ा मेला

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 06:15 AM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 06:15 AM (IST)
मैं शेख सलीम चिश्ती की दरगाह, कोरोना से सहमी हुई
मैं शेख सलीम चिश्ती की दरगाह, कोरोना से सहमी हुई

जागरण टीम, आगरा। मैं सूफी संत हजरत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह हूं। मेरे ही आंगन में हजरत चिश्ती की मजार शरीफ मौजूद है। मेरे आंगन में मौजूद हजरत साहब की चौखट पर बड़ी संख्या में देसी व विदेशी पर्यटक मन्नत मांगने व धागा बांधने आते हैं लेकिन अब कोरोना महामारी से मैं सहमी हुई हूं। मंगलवार को मेरा आंचल सूना-सूना रहा। लोगों के इस्तकबाल को में सुबकती रही।

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आज पवित्र रमजान महीने का 28वा रोजा है। 28 रमजान को ही हजरत सलीम चिश्ती के सालाना उर्स में बड़ा मेला सदियों से होता आया है। इस दिन मेरी झोली खुशियों से चहकती रहती थी। कारण, यहां बड़ी तादाद में आने वाले लोग। रात भर इबादत के बाद 29 रमजान की भोर में कुल शरीफ के पानी के छींटे लोगों को पवित्र करते रहे हैं लेकिन आज चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है। सदियों पूर्व वो पल मुझे याद है जब 20 रमजान भोर में हजरत सलीम चिश्ती इबादतखाना में चले गए थे। कई दिन तक वे नहीं निकले, इधर लोग उनकी राह देखते रहे। 28 रमजान को हजरत साहब रुख्सत हो चुके थे। इसी कारण 20 रमजान की भोर में यहां गुस्ल की रस्म की अदायगी होती है। विचित्र संयोग है कि सालों बाद इस पवित्र माह में यहां सन्नाटा है। सर्वधर्म सद्भाव की नगरी में यह इकलौता आयोजन है जिसमें आठ दिन उर्स शरीफ और आठ दिन मेला आयोजित होता है। बड़ी संख्या में अकीदतमंद देश और विदेश से मेरे यहां आते हैं। अब कोरोना महामारी के चलते बंदिशें हैं लेकिन मेरी दुआ है कि देश में जल्दी ही अच्छे हालात हो जाएंगे।


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