टूटती सांसों को बचाने, ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए दौड़
एसएन मेडिकल में है अव्यवस्थाओं का आलम, तीमारदार खुद ही कर रहे मरीज के लिए ऑक्सीजन का इंतजाम।
आगरा(जागरण संवाददाता): एसएन में मरीज की सांस चलती रहें, इसके लिए तीमारदार दौड़ लगा रहे हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने पर इमरजेंसी, वार्ड और सेंट्रल ड्रग स्टोर तक भटकना पड़ता है।
एसएन में ऑक्सीजन न मिलने पर शुक्रवार को चार महीने की गहना की मौत हो गई थी। इससे पहले मई में तीमारदार को खुद ही कंधे पर ऑक्सीजन सिलेंडर रखकर बच्चे को जांच कराने के लिए वार्ड से लेकर जाना पड़ा था। मई में ही वेंटीलेटर न मिलने पर नरायच निवासी मोहन सिंह की इमरजेंसी में मौत हो गई थी। इस तरह के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। इसके बाद भी एसएन की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ है। इमरजेंसी से मरीज को वार्ड में शिफ्ट करते समय सबसे ज्यादा समस्या आती है। यहां एक ही एंबुलेंस है, इस एंबुलेंस में 10 मरीजों को एक बार में शिफ्ट किया जाता है। ऐसे में मरीज को लेकर तीमारदार इमरजेंसी के गेट पर इंतजार करते रहते हैं। वहीं, वार्ड में शिफ्ट करने और वार्ड से मरीज को जांच कराने के लिए खुद तीमारदार को ले जाना पड़ा है। इस दौरान ऑक्सीजन के लिए भी तीमारदार भटकते रहते हैं।
नर्स और वार्ड ब्वॉय नहीं कर रहे काम:
नर्स और वार्ड ब्वॉय द्वारा तीमारदार से ही सभी काम कराए जाते हैं। मरीज को शिफ्ट करने का काम भी मरीजों को खुद करना पड़ता है, ऐसे में जिन मरीजों के साथ एक ही तीमारदार है। उन्हें शिफ्ट करने में समस्या आती है। थमाया जा रहा दवाओं का पर्चा:
एसएन में दवाओं का बजट लगातार बढ़ रहा है, दवाओं की उपलब्धता भी बढ़ाई जा रही है। इसके बाद भी मरीजों से बाजार से दवाएं मंगाई जा रही हैं।