छलनी हैं रोड आखिर कब बनेंगी, लोग हो रहे परेशान
बारिश से रोड और गलियों में हुए गड्ढे - नगर निगम एडीए और पीडब्ल्यूडी ने मूंद रखी हैं आंखें -अफसरों के पास हर दिन पहुंचती हैं शिकायतें जांच के दिए जाते हैं आदेश
आगरा, जागरण संवाददाता। पश्चिमपुरी रोड हो या फिर बाईपुर रोड। यह ऐसी रोड हैं, जिन पर आधा फीट से लेकर डेढ़ फीट तक के गड्ढे हैं। लोग जागरूक हैं और हर दिन रोड के निर्माण की शिकायतें करते हैं। शिकायतों की जांच के आदेश होते हैं लेकिन अफसोस ठोस कार्रवाई नहीं होती है। दैनिक जागरण टीम ने शनिवार को ऐसी ही कई रोड की पड़ताल की।
आवास विकास सेक्टर चार की रोड की हालत खराब मिली। रोड पर कई जगहों पर पानी भरा हुआ था। गड्ढों के बीच लोग निकलने को मजबूर थे। कुछ यही हाल आवास विकास सेक्टर छह, सेंट्रल पार्क की रोड का भी था। जहां लोगों को रोड पर चलने में दिक्कत हो रही थी। पश्चिमपुरी रोड और दुष्यंतनगर रोड की हालत ठीक नहीं थी। करीब सौ मीटर की रोड तो गड्ढों में बदल गई थी। बाईपुर रोड पर तो जगह-जगह गड्ढे हो गए थे।
- रोड की मरम्मत के लिए कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं लेकिन आजतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
शिवराज सिंह, आवास विकास सेक्टर चार - बाईपुर रोड के निर्माण को लेकर पीडब्ल्यूडी के अफसरों को दो शिकायतें की जा चुकी हैं। कई अन्य लोगों ने भी शिकायत की हैं।
अनुराग शुक्ला, बाईपुर रोड - बारिश के चलते रोड खराब हो गई थी। संबंधित विभाग को इसकी शिकायत की गई पर अभी तक रोड नहीं बनी है।
सोनू सिंह, पश्चिमपुरी रोड फैक्ट फाइल
नगर निगम
- नगर निगम ने पिछले वित्तीय साल में 60 करोड़ रुपये से रोड का निर्माण और उनकी मरम्मत कराई थी।
- निगम की सड़कों की लंबाई 1100 किमी के करीब है।
- निगम में रोड पर गड्ढे होने की हर दिन सात से आठ शिकायतें मिलती हैं। एडीए
- एडीए ने पिछले वित्तीय साल में 16 करोड़ से रोड का निर्माण व उनकी मरम्मत कराई थी।
- सबसे अधिक रोड शास्त्रीपुरम के विभिन्न ब्लॉक सहित अन्य क्षेत्रों में थीं।
- एडीए कार्यालय में हर दिन पांच से छह शिकायतें पहुंचती हैं।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्लयूडी)
- पीडब्ल्यूडी ने पिछले वित्तीय साल में 70 करोड़ से रोड का निर्माण और मरम्मत कराई थी।
- शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर रोड की लंबाई 1200 किमी के करीब है।
- पीडब्ल्यूडी कार्यालय में हर दिन छह से आठ शिकायतें पहुंचती हैं।
- बारिश से कई रोड खराब हो गई हैं। रोड में आधा फीट से लेकर डेढ़ फीट तक के गड्ढे हो गए हैं। गड्ढों को पत्थरों से भरने के लिए कहा गया है। बारिश खत्म होते ही डामरीकरण कराया जाएगा।
अरुण प्रकाश, नगरायुक्त - नगर निगम, एडीए और पीडब्ल्यूडी के अफसरों को दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। बारिश के दौरान डामरीकरण नहीं कराया जा सकता है। ऐसे में गड्ढों को पत्थरों से भरने के लिए कहा गया है।
एनजी रवि कुमार, डीएम