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फिर से निखरेंगी मुगलकालीन पेंटिंग, इस विश्‍व धरोहर में किया जा रहा संवारने का काम Agra News

मुगल शहंशाह अकबर की कब्र के कक्ष वाले गेट पर किया जा रहा है काम। एक दशक पूर्व एएसआइ की रसायन शाखा ने किया था।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 11:47 AM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 11:47 AM (IST)
फिर से निखरेंगी मुगलकालीन पेंटिंग, इस विश्‍व धरोहर में किया जा रहा संवारने का काम Agra News
फिर से निखरेंगी मुगलकालीन पेंटिंग, इस विश्‍व धरोहर में किया जा रहा संवारने का काम Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। शहंशाह अकबर के मकबरे में मुगलकालीन पेंटिंग का साइंटिफिक रेस्टोरेशन किया जा रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की रसायन शाखा यह काम करीब एक माह से कर रही है। शहंशाह अकबर की कब्र वाले कक्ष के मुख्य द्वार के अंदर दीवारों व सीलिंग पर हो रही पेंटिंग को रेस्टोर किया जा रहा है।

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मुगलकाल में आगरा में बने स्मारकों में पेंटिंग का काम भी हो रहा है। उचित देखरेख के अभाव और सीलन की वजह से यह पेंटिंग नष्ट होने के कगार पर हैं। अकबर के मकबरे सिकंदरा में भी पेंटिंग का शानदार काम है। नीले, लाल और अन्य रंगों से अकबर की कब्र वाले कक्ष के द्वार पर अंदर की दीवारों व छत पर की गई पेंटिंग देखते ही बनती है। नष्ट होती मुगलकालीन पेंटिंग के साइंटिफिक रेस्टोरेशन का काम एएसआइ की रसायन शाखा द्वारा किया जा रहा है। द्वार के बायें तरफ के हिस्से में पेंटिंग के रेस्टोरेशन का काम किया जा रहा है। इससे पूर्व यहां करीब 12 वर्ष पूर्व पेंटिंग के साइंटिफिक रेस्टोरेशन का काम द्वार के दूसरी तरफ किया गया था। पेंटिंग के रेस्टोरेशन का काम मजूदरों से न कराकर एएसआइ की रसायन शाखा स्वयं करती है। सिकंदरा में पेंटिंग के साइंटिफिक रेस्टोरेशन पर करीब छह लाख रुपये व्यय होंगे।

सीलिंग में दरार की वजह से रुकेगा काम

कब्र वाले कक्ष के गेट की सीलिंग में दरार है। इसके चलते एएसआइ की रसायन शाखा द्वारा यहां काम रोका जा रहा है। वो पेंटिंग पर प्रीजरवेटिव लगाकर काम को रोक देगी। इसके बाद सीलिंग में आई दरार की मरम्मत की जाएगी। मरम्मत के बाद दोबारा मुगलकालीन पेंटिंग के साइंटिफिक रेस्टोरेशन का काम होगा।


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