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मार्च है जनाब, हर रिटर्न का रखें ध्यान, फाइलों को कर लें दुरुस्‍त Agra News

मार्च के महीने में जमा होने है करीब आधा दर्जन रिटर्न। टैक्स क्लीनिक पर बढ़ी व्यापारियों-कारोबारियों की भीड़।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 09:32 AM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 09:32 AM (IST)
मार्च है जनाब, हर रिटर्न का रखें ध्यान, फाइलों को कर लें दुरुस्‍त Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। व्यापारी से लेकर कारोबारी तक मार्च को लेकर परेशान हैं। कारण यह महीना उनके लिए किसी चुनौती से कम साबित नहीं होगा। उन्हें एक-दो नहीं, बल्कि इस महीने आधा दर्जन रिटर्न फाइल करने हैं, लिहाजा इसको लेकर टैक्स क्लीनिक तक उनकी भाग-दौड़ बढ़ गई है।

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वह सुबह से शाम तक टैक्स प्रोफेशनल, सीए और टैक्स अधिवक्ताओं के साथ वाणिज्य कर विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। कारोबारियों की सबसे बड़ी चिंता 31 मार्च को फाइल होने वाला जीएसटीआर नाइन और नाइन सी है। वित्तिय वर्ष 2018-19 के वार्षिक रिटर्न को फाइल करने की अंतिम तिथि 31 मार्च है। वहीं इससे पहले सात मार्च को टैक्स डिटेक्टेड एट सोर्स (टीडीएस) जमा कराने की अंतिम तिथि है। 11 मार्च को जीएसटीआर वन का मासिक रिटर्न फाइल करना है। वहीं जीएसटीआर थ्रीबी भी इसी महीने भरना है। पांच करोड़ तक की सालाना बिक्री वाले कारोबारियों के लिए इसे भरने की अंतिम तारीख 24 मार्च है, जबकि शेष के लिए 20 मार्च।

15 मार्च तक जमा होगा एडवांस टैक्स

दूसरी तरफ 15 मार्च तक वर्ष 2019-20 का 100 फीसद एडवांस टैक्स जमा कराने की आखिरी तारीख भी है। वहीं वित्तीय वर्ष 2018-19 का आयकर रिटर्न न भरने वालों पर एक आखिरी मौका अब भी है, लेकिन उन्हें 10 हजार बिलंब शुल्क के साथ आइटी रिटर्न फाइल करना होगा।

बैलेंसशीट और पीएल एकाउंट जांच लें

सीए मोहनलाल कुकरेजा ने बताया कि इस महीने सारे रिटर्न भरने से पहले व्यापारी और कारोबारी अपने स्तर से थोड़ी कसरत कर लें। वर्ष 2019-20 की बैलेंसशील और प्रॉफिट एंड लॉस एकाउंट अभी से देख लें, ताकि बाद में परेशानी न हो। खासकर लेनदारों व देनदारों से स्टेटमेंट जरुर मिला लें। वहीं अप्रैल 2019 से अब तक का जीएसटीआर टूए भी डाउनलोड कर उसे मिला लें, ताकि कठिनाई न हो।

अप्रैल से लागू होंगे नए रिटर्न

अप्रैल 2020 से जीएसटी के नए रिटर्न सहज, सुगम और जीएसटी आरईटी वन लागू होने जा रहे हैं, इसको लेकर भी अभी से तैयारी कर लें, ताकि बाद में दिक्कत न हो। इनमें सहज उन व्यापारियों को भरना होगा, जो सिर्फ उपभोक्ताओं से व्यापार करते हैं। जबकि सुगम उन व्यापारियों को भरना है, जो उपभोक्ताओं के साथ अन्य व्यापारियों से भी व्यापार करते हैं। जबकि जीएसटी आरईटी वन सभी तरह की बिक्री, एक्सपोर्ट, ई-कॉमर्स आदि बिक्री पर भी आएगी। 


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