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Ready to Eat Food खाएंगे तो अस्‍पताल पहुंचेंगे, पढ़ें बीमारियों की क्‍या बन रही वजह

इनमें मिले केमिकल शरीर को पहुंचा रहे नुकसान। कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का हो रहे शिकार।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 04:45 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 04:45 PM (IST)
Ready to Eat Food खाएंगे तो अस्‍पताल पहुंचेंगे, पढ़ें बीमारियों की क्‍या बन रही वजह
Ready to Eat Food खाएंगे तो अस्‍पताल पहुंचेंगे, पढ़ें बीमारियों की क्‍या बन रही वजह

आगरा, जागरण संवाददाता। रेडी टू ईट और पैकेज्ड फूड का चलन इन दिनों तेजी से बढ़ रहा है। इन उत्पादों में प्रिजर्वेटिव्स, स्वीटनर और कलर मिलाए जाते हैं। ऐसे सभी उत्पाद शरीर के लिए धीमे जहर का काम करते हैं बल्कि कैंसर जैसी घातक बीमारियों की वजह भी बन रहे हैं। इनसे बचने का एक मात्र उपाय घर में बनाए खानपान को डाइट में शामिल करना है।

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ये हैं हानिकारक

पोटेशियम ब्रोमेट: इसके सेवन से कैंसर का खतरा रहता है। इसे ब्रेड और बेकरी उत्पादों में मिलाया जाता है। पोटेशियम ब्रोमेट आटे को लचीला बनाता है। इससे बनी चीजों को यदि उच्च तापमान पर नहीं पकाया जाए तो यह उनमें ही रह जाता है।

सोडियम बेंजोएट: सॉस, फ्रूट जूूस, जैम और अचार आदि में इस प्रिजर्वेटिव का प्रयोग किया जाता है जिसका अधिक इस्तेमाल कैंसर की आशंका को बढ़ाता है।

ट्रांस फैट: वेजीटेबल ऑयल में हाइड्रोजन मिलाने से उसमें ट्रांस फैट की अधिकता बढ़ती है। इससे उत्पाद को लंबे समय तक सुरक्षित तो रखा जा सकता है लेकिन खाने वाले के शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ जाता है जो आगे चलकर हृदयरोग या हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।

रिफाइंड ग्रेन्स: रिफाइंड ग्रेन्स जैसे वाइट ब्रेड, वाइट राइस व वाइट पास्ता हृदय रोगों का खतरा बढ़ाते हैं। इनमें स्टार्च की मात्रा अधिक होती है जिससे मोटापा बढ़ता है। इनमें की जाने वाली कलरिंग भी खतरनाक होती है।

प्रोपाइल गैलेट: मीट उत्पाद, वेजीटेबल ऑयल, पोटेटो स्टिक्स, च्यूंइगम और रेडी टू यूज सूप में इसका प्रयोग होता है। ये उत्पाद की शेल्फ लाइफ बढ़ाते हैं लेकिन इनके अधिक इस्तेमाल से पेट के कैंसर का खतरा बढ़ता है।

सोडियम नाइट्रेट: हेम बर्गर, हॉट डॉग्स और सॉसेज आदि में इस प्रिजर्वेेटिव का प्रयोग किया जाता है। इससे अस्थमा का खतरा बढ़ता है और फेफड़ों के रोग होने की आशंका भी होने लगती है।

एस्परटेम: लो कैलोरी डाइट फूड और शक्कर के विकल्प के रूप में इस कृत्रिम स्वीटनर का उपयोग होता है। इसके ज्यादा इस्तेमाल से माइग्रेन, नेत्रदोष और सिरदर्द होने लगता है।

सॉल्ट यानी नमक: जिन खाद्य पदार्थों में नमक की मात्रा ज्यादा होती है वे स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं हैं। जैसे पैक्ड वेजीटेबल, फास्ट फूड, चिप्स, नमकीन व सूप आदि। इनके अधिक प्रयोग से ब्लडप्रेशर बढ़ता है। हृदयरोग व स्ट्रोक का खतरा रहता है।

रहता है रोगों का खतरा

पैकेज्ड और फास्ट फूड से लोगों को दूर रहना चाहिए। इनमें मिलाए जाने केमिकल शरीर को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। इससे लोगों को पेट संबंधी बीमारियों के साथ कैंसर तक का खतरा रहता है।

-डॉ. अनूप वाधवानी, फिजीशियन 


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