Taxation: काम की खबर, आयकर रिटर्न में कीं ये गलतियां तो पड़ेंगी भारी
Taxation टैक्स बचाने को फर्जी छूट का सहारा लेने पर होगी कार्यवाही। सही फॉर्म का करें चयन नहीं तो रिटर्न हो सकता है निरस्त।
आगरा, जागरण संवाददाता। वित्तीय वर्ष 2019-20 के आयकर रिटर्न 30 नवंबर 2020 तक दाखिल कि जाएंगे, ऐसे में यदि आपने अब तक अपना रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो जल्दी करें। हालांकि इस वर्ष से आयकर रिटर्न फाइल करते समय आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा। इसे भरते समय की गई गलतियां भारी पड़ सकता है, इसलिए सावधानी का ख्याल अवश्य रखें।
सीए पंकज जैन ने बताया कि इसमें सबसे महत्वपूर्ण सावधानी यह है कि सभी करदाताओं को रिटर्न फाइल करते समय अपनी सही जानकारियां भरनी होंगीं। जैसे आपके पैन और आधार कार्ड में, आपका जो नाम, पता, ई-मेल, फोन नंबर दर्ज हो, वहीं आइटीआर में भी होना जरूरी है। गलत जानकारी देने पर आपको रिफंड पाने मे दिक्कत झेलनी पड़ सकती है।
न लें फर्जी छूट का सहारा
अधिकांश लोग टैक्स से बचने के लिए तमाम फर्जी छूट का सहारा ले लेते है। कई लोग झूठे दान की आड़ में भी टैक्स बचने की कोशिश करते हैं। ऐसा करने वालों को अब चौकन्ना हो जाने की जरुरत है क्योंकि अब ऐसा जानकारी मिलने पर आयकर विभाग उन पर कार्रवाई कर सकता है। बता दें कि ऐसा करने के लिए कई लोग बच्चों की पढ़ाई के नाम पर फर्जी फीस रसीदें, फर्जी किराए की रसीदें, लोन के कागज आदि का भी इस्तेमाल करते हैं।
सही फॉर्म का करें चयन
सीए प्रार्थना जालान का कहना है कि सभी करदाताओं को अपनी आय के हिसाब से सही आयकर रिटर्न फॉर्म का चयन करना बेहद आवश्यक है। आयकर विभाग ने कई आइटीआर फॉर्म जारी किए हैं, करदाताओं को अपनी आय के साधन के आधार पर अपना तय आईटीआर चुनना होगा, ऐसा न होने पर आयकर विभाग उसे अस्वीकार भी कर सकता है। इसके बाद आपको आयकर की धारा 139(5) के तहत संशोधित विवरणी दाखिल करनी होगी।
आयकर रिटर्न करें सत्यापित
अधिकांश लोग आयकर रिटर्न फाइल करने के बाद उसे यूं ही छोड़ देते हैं। लेकिन टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद उसे सत्यापित करना भी आवश्यक है। करदाता अपने इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल से टैक्स रिटर्न को वेरिफाई कर सकते हैं।
अचल संपत्ति से आय की जानकारी
इस बार रिटर्न फाइल करते समय शेयर की खरीद-बिक्री, एफडी पर मिलने वाले ब्याज, बचत खाता, मकान के किराए या अचल संपत्ति से होने वाली आय की जानकारी भी देनी होगी। देश में सोना बेचने पर कैपिटल गेन कर वसूला जाता है, जिसकी जानकारी कई बार नहीं दी जाती, ऐसा करने पर टैक्स स्क्रूटनी में परेशान होगी।