Police Horse: इंसान से अधिक सुविधाओं में रहते हैं पुलिस के घोड़े, अस्तबल में लगा है गीजर भी
Police Horse गर्माहट को ब्लोअर। नए पर्दे लगवाए सर्दियों में खान-पान पर भी दिया जा रहा है ध्यान। पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में बने अस्तबल में इस समय 14 घोड़े हैं। इनमें से विलेज ग्रेसी मस्तमौला और बलवान खास घोड़े हैंं।
आगरा, यशपाल चौहान। सर्दी का सितम इंसानों पर ही नहीं जानवरों पर भी होता है। पुलिस के घोड़ों पर कोई असर न हो, इसको देखते हुए पुलिस लाइन के अस्तबल में सुविधाओं को ध्यान में रखा जाता है। अब अस्तबल में पर्दे बदलवा दिए गए हैं। घोडों को ब्लोअर से गर्म हवा और गीजर के गर्म पानी से इनके पैरों की सिकाई की जा रही है। एसएसपी बबलू कुमार खुद सप्ताह में दो दिन अस्तबल में जाकर घोड़ों को गुड़ खिलाते हैं।
पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में बने अस्तबल में इस समय 14 घोड़े हैं। इनमें से विलेज, ग्रेसी, मस्तमौला और बलवान खास घोड़े हैंं। विलेज एसएसपी का मनपसंद है। कुछ दिन पहले एसएसपी ने अस्तबल का निरीक्षण कर घोड़ों के लिए सर्दी से बचाव के इंतजाम करने को कहा था। अस्तबल प्रभारी एसआइएमपी दिलशाद अहमद का कहना है कि घोड़ों के लिए मौसम के हिसाब से हर बार इंतजाम किए जाते हैं। इस बार घोड़ों को सर्दी से बचाने के लिए चार ब्लोअर खरीदे गए हैंं। इनसे घोड़ों को गर्म हवा दी जाती है। गीजर के गर्म पानी घोड़ों के पैरों की सिकाई की जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है, जिससे सर्दी में उनके पैर अकड़ें नहीं। अस्तबल के पुराने पर्दों को हटवा कर नए लगवा दिए गए हैं, जिससे घोड़ों को सर्द हवा न लगे। अस्तबल में कई कोठरी खाली हैं। उनसे तेज हवा घोड़ों तक पहुंचती थी। एसएसपी के निर्देश पर खाली कोठरियों में घास भरवा दी गई है। शनिवार को एसएसपी बबलू कुमार ने अस्तबल का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखीं। उन्होंने अपने पसंदीदा घोड़ों को हाथ से गुड़ भी खिलाया।
परेड की कर रहे तैयारी
पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में इन दिनों गणतंत्र दिवस परेड की तैयारियां चल रही हैं। इस परेड में पुलिस के घोड़े भी हिस्सा लेते हैं। इसके लिए इनकाे भी परेड में शामिल किया जाता है।
गर्मी के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान
घोड़ों को गर्मी के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। अस्तबल प्रभारी दिलशाद अहमद ने बताया कि अस्तबल में इन दिनों घोड़ों को गुड़, अजवाइन, अलसी का तेल आदि भी खिलाया जा रहा है।
गर्मियों में लगवाए गए थे कूलर
घोड़ों को गर्मी से बचाव को अस्तबल में कूलर की व्यवस्था की गई थी। गर्मियों में घोड़े कूलर की ठंडी हवा में रहते हैं और उनका खान-पान भी गर्मी के हिसाब से कर दिया जाता है।