Navratra 2020: दिनों में बांट लें आहार तो व्रत में नहीं पड़ेंगे बीमार, पढ़ें नवरात्र का डायट प्लान
Navratra 2020 व्रतियों को खानपान का विशेष ध्यान देना चाहिए। उपवास पूरे नौ दिन का हो या प्रथम या अंतिम दिन का। एक दिन की खान पान की लापवाही मुश्किल कर सकती है। इसलिए हर दिन के अनुसार अपने आहार को पहले ही तय कर लें।
आगरा, जागरण संवाददाता। नवरात्र व्रत में श्रद्धालु पूरा दिन भूखे तो रहते हैं लेकिन सुबह व शाम के समय अधिक आहार ले लेते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। व्रतियों को खानपान का विशेष ध्यान देना चाहिए। उपवास पूरे नौ दिन का हो या प्रथम या अंतिम दिन का। एक दिन की खान पान की लापवाही मुश्किल कर सकती है। इसलिए हर दिन के अनुसार अपने आहार को पहले ही तय कर लें। आहार विशेषज्ञ मनोज वर्मा के अनुसार आहार ऐसा हो जो शक्ति की पूजा करने के लिए आपको शक्ति भी दे और सुस्ती भी न आने दे।
दिनों में बांट लें आहार
नवरात्र के एक से तीन दिन
फल आहार का पालन करें। आप सेब, केला, चीकू, पपीता, तरबूज, और मीठे अंगूर की तरह मीठे फल खा सकते हैं। आंवला का रस, लौकी का रस और नारियल पानी भी ले सकते हैं।
चार से छह दिन
अगले तीन दिनों में, आप पारंपरिक नवरात्रि आहार फलों के रस, छाछ और दूध के साथ एक बार भोजन कर सकते हैं।
सात से नौंवा दिन
अंतिम तीन दिनों के दौरान, आप एक पारंपरिक नवरात्रि आहार का पालन कर सकते हैं। स्वास्थ्य की स्थिति के मामले में यह सबसे अच्छा होगा अगर आप उपवास से पहले चिकित्सक से परामर्श करें और याद रखें कि आरामदायक स्थिति के साथ कर सके उतना ही करें।
उपवास के परायण की विधि
जब आप शाम को या रात में अपना उपवास का परायण करें तो हल्का भोजन करें ताकि आपका शरीर भारी न हो। रात में भारी और तला हुआ भोजन सिर्फ पाचन क्रिया के लिए ही नहीं बल्कि सफाई प्रक्रिया और उपवास के सकारात्मक प्रभाव के लिए भी अच्छा नहीं है। आसानी से पच जाए ऐसा भोजन कम मात्रा में खाएं।
रखें ध्यान
उपवास के दिनों में गर्भवती महिलाओं को अधिक ध्यान देने की जरूरत है। हृदय रोग व मधुमेह से पीड़ित रोगियों को सावधानी बरतनी चाहिए। गर्भवती महिलाएं और रोगी निर्जला उपवास न रखें। इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है और अपशिष्ट पदार्थ शरीर के बाहर नहीं आ पाते। इससे पेट में जलन, कब्ज, संक्रमण, पेशाब में जलन जैसी कई समस्याएं बन सकती हैं।
क्या लें और क्या न लें
- व्रत में ड्राई फ्रूट व तली भूनी चीजों का परहेज रखना चाहिए।
- अगर संभव हो तो थोड़े अंतराल पर तरल पदार्थ जरूर लेते रहें।
- खानपान में घर में तैयार चीजों का ही प्रयोग करें।
- दूध व दूध से बनी चीजों का प्रयोग अधिक करें।
- सेब, अनार, केला, साबूदाना की खीर, खजूर, छुहारा आदि चीजों का प्रयोग करें।
- नींबू के पानी में शहद डाल कर पीना अच्छा रहेगा।