Agra University Admissions 2022-23: भौगोलिक रूप से साउथ एशिया का सबसे बड़ा कालेज है आरबीएस, नैक से मिली ए प्लस ग्रेड
आगरा के इस कॉलेज ने देश को अब तक 20 से ज्यादा दिए हैं कुलपति। कृषि क्षेत्र में शोध के लिए जाना जाता है कालेज। अवागढ़ नरेश ने राजपूतों के शैक्षणिक विकास के लिए 1878 में आगरा में राजपूत बोर्डिंग हाउस छात्रावास की शुरुआत की।
आगरा, जागरण संवाददाता। भौगोलिक रूप से साउथ एशिया का सबसे बड़ा कालेज आगरा में है। इस कालेज की पहचान इसके कृषि क्षेत्र के पाठ्यक्रमों और शोध के कारण है।जिस आरबीएस कालेज से देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अब तक 20 से ज्यादा कुलपति मिल चुके हैं, उस कालेज में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
कालेज का इतिहास
अवागढ़ नरेश ने राजपूतों के शैक्षणिक विकास के लिए 1878 में आगरा में राजपूत बोर्डिंग हाउस छात्रावास की शुरुआत की। 1899 में स्वर्गीय मदन मोहन मालवीय और कोटला के जमींदार ठाकुर उमराव सिंह के परामर्श से राजपूत हाइस्कूल के रूप में अपग्रेड हुआ। कालेज के बाद 1100 एकड़ भूमि है। अवागढ़ नरेश के परिवार ने इस कालेज के विकास के लिए 100 एकड़ जमीन दान दी थी। 1940 में कालेज के रूप में मान्यता मिली।
पांच परिसर हैं कालेज के
कालेज को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से ए-प्लस ग्रेड प्राप्त है। कॉलेज वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त है। कालेज के पांच परिसर हैं। इसमें खंदारी परिसर स्थित मुख्य परिसर में प्रशासनिक भवन, कला, वाणिज्य, विज्ञान संकायों के साथ पुस्तकालय, खेल का मैदान और पुस्तकालय है।
खंदारी हाउस में बीएड व एमएड के साथ छात्रावास है। खंदारी परिसर में बीबीए, बीसीए, एमबीए, एमसीए की कक्षाएं लगती हैं। बिचपुरी परिसर में कृषि के पाठ्यक्रम संचालित है। इसी परिसर में इंजीनियरिंग संकाय है। शोध कार्य के लिए कृषि फार्म है। एक परिसर एटा जिले के अवागढ़ में है। यहां कृषि विज्ञान केंद्र है।
स्नातक के पाठ्यक्रम व सीटें
पाठ्यक्रम - सीटें
बीए - 720
बीकाम - 334
बीएससी (गणित) - 240
बीएससी (बायो) - 240
बीएससी (कृषि) - 160
बीएड - 100
बीबीए - 60
बीसीए - 90
परास्नातक पाठ्यक्रमों में सीटें
एमए हिंदी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, संस्कृत, भूगोल, मनोविज्ञान, राजनीतिशास्त्र में 70-70 सीटें हैं। एमकाम लेखा एवं विधि, व्यापार प्रशासन, व्यावहारिक व्यवसायिक अर्थशास्त्र में 70-70, एसएमएसी वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान, भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, सीड टेक्नोलॉजी व बायो टेक्नोलाजी में 30-30 सीटें हैं। एमएससी शस्य विज्ञान, उद्यान, कृषि अर्थशास्त्र, कृषि प्रसार, कृषि जंतु एवं कीट विज्ञान व आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन में 18-18 सीटें हैं। कृषि रसायन एवं मृदा विज्ञान में 15 व पशु पालन एवं दुग्ध विज्ञान में 12 सीटें हैं।
प्रो. डीपी सिंह रहे है कालेज के पूर्व छात्र
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह, आइसीएआर के पूर्व निदेशक डा. ओपी गौतम के अलावा कालेज के कई पूर्व छात्र विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपति बने। इसमें डा. पंजाब सिंह, डा. मंगला राय, डा. ध्यानपाल सिंह, डा. एनसी गौतम, डा. जीसी सक्सेना, डा. धीरेंद्र प्रताप सिंह, डा. आरके सिंह आदि हैं।
कालेज में सुविधाएं
एक प्रेक्षागृह, सर्वाधिक सात एनएसएस यूनिट, एनसीसी, रोवर्स रेंजर्स, एनएसक्यूएफ कम्युनिटी कालेज, खेलकूद एवं सांस्कृति गतिविधियां।
शैक्षणिक वातावरण में अपेक्षित सुधार और नवीन सामाजिक आर्थिक चुनौतियों के समक्ष अपने समस्त छात्रों को सक्षम बनाना हमारा लक्ष्य है। वैश्विक पटल पर महाविद्यालय की पहचान को सुदृढ़ी करने के लिए शोध गतिविधियों को बल दिया जा रहा है। वर्तमान सत्र में महाविद्यालय की छात्रा निकिता ने पीएचडी प्रवेश परीक्षा में प्रदेश स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
- प्रो. विजय श्रीवास्तव, प्राचार्य, आरबीएस कालेज