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आरटीओ दफ्तर में कर्मचारियों ने ताले में किया खुद को किया कैद, जानिये क्या रही वजह

सशक्त सेना टिकट लगाने के नाम पर चल रहा है खेल। राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा। कार्रवाई को सात दिनों का दिया है अल्टीमेटम।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 01:50 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 01:50 PM (IST)
आरटीओ दफ्तर में कर्मचारियों ने ताले में किया खुद को किया कैद, जानिये क्या रही वजह
आरटीओ दफ्तर में कर्मचारियों ने ताले में किया खुद को किया कैद, जानिये क्या रही वजह

आगरा, जागरण संवाददाता। विवाद और भ्रष्टाचार के लिए सुर्खियों में रहने वाले आरटीओ दफ्तर में शनिवार को एक बार फिर हंगामा बरपा। राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ता ने जिलाध्यक्ष संजय जाट के नेतृत्व में हंगामा किया। वहीं महिला कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों को चूडिय़ां दिखाई। करीब डेढ़ घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। इस दौरान आरटीओ कर्मचारियों ने दफ्तर के मुख्यद्वार को अंदर से बंद कर लिया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि आरटीओ में सशक्त सेना की टिकट के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है।

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एक- एक फाइल पर जबरन दर्जनों टिकट लगा दी जाती हैं। आपत्ति करने पर कर्मचारी हवाला देते हैं कि टिकट का मूल्य सेना के कोष में जा रहा है। जबकि ऐसा नहीं है। एक फाइल पर एक या ग्राहक की मंशा अनुसार निर्धारित संख्या में ही टिकट लगाई जाती है। दस रुपये की कीमत की एक टिकट को मनमुताबिक दर्जनों की संख्या में लगा दिया जाता है।

वहीं कार्यकर्ताओं ने वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने के नाम पर वसूली का आरोप भी लगाया। डेढ़ घंटे तक नारेबाजी होती रही। इसके बाद आरटीओ डीके सिंह ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया।  सात दिन में कार्रवाई के आश्वासन के बाद ही कार्यकर्ता माने।

तीन दिन पहले भी हुआ था वसूली के खिलाफ हंगामा

संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में वसूली के खिलाफ बुधवार को भी राष्ट्रीय बजरंग दल के पदाधिकारियों ने मोर्चा खोल दिया था। वाहन में स्पीड गवर्नर लगाने के नाम पर वसूली को लेकर दफ्तर में हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों ने आरआइ के निलंबन की मांग को लेकर 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था।

दरअसल राष्ट्रीय बजरंग दल के विभाग अध्यक्ष गोविंद पाराशर व जिला महामंत्री रौनक ठाकुर गुरुवार को एक वाहन में स्पीड गवर्नर लगवाने पहुंचे थे। आरोप है कि आरटीओ के बाहर खुली दुकानों में स्पीड गवर्नर 25 सौ रुपये का था, रसीद भी इतने की ही दी जा रही थी, लेकिन रुपये पांच हजार लिए जा रहे थे। विरोध करने पर दुकानदार ने आरआइ सुधीर कुमार को 15 सौ रुपये कमीशन देने का हवाला दिया। इसके बाद दोपहर करीब ढाई बजे पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने आरटीओ दफ्तर के अंदर हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों ने लाइसेंस और वाहन फिटनेस में वसूली का भी आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों का प्रतिनिधिमंडल आरटीओ प्रवर्तन अनिल कुमार से मिला और आरआइ के संरक्षण में खुलेआम वसूली का आरोप लगाया। उन्होंने अल्टीमेटम दिया कि अगर आरआइ का निलंबन 24 घंटे में नहीं किया तो आरटीओ का घेराव करेंगे। आरटीओ प्रवर्तन अनिल कुमार ने बताया कि आरोपों की जांच कराई जाएगी।


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