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Ramleela of Agra: लगातार दूसरे वर्ष नहीं होगी उत्तर भारत में प्रसिद्ध आगरा की रामलीला, कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते आयोजन स्थगित

उत्तर भारत में प्रसिद्ध आगरा की रामलीला का मंचन लगातार दूसरे वर्ष नहीं हो सकेगा। काेरोना वायरस के संक्रमण के चलते रामलीला कमेटी ने प्रशासन से वार्ता के उपरांत रामलीला नहीं कराने का निर्णय लिया है। आगरा की रामलीला करीब 135 वर्ष पुरानी है।

By Nirlosh KumarEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 02:40 PM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 02:40 PM (IST)
आगरा की रामलीला उत्तर भारत में प्रसिद्ध है।

आगरा, जागरण संवाददाता। उत्तर भारत में प्रसिद्ध आगरा की रामलीला का मंचन लगातार दूसरे वर्ष कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते नहीं हो सकेगा। रामलीला कमेटी ने प्रशासन से वार्ता के उपरांत रामलीला का मंचन नहीं कराने का निर्णय लिया है। न तो जन-जन के आराध्य प्रभु श्रीराम की बरात निकलेगी और न ही जनकपुरी का आयोजन होगा। इससे श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंची है। कमेटी रविवार को अनंत चतुर्दशी पर प्रतीकात्मक रूप से मुकुुट पूजन करेगी। मास पर्यंत रामचरितमानस का पाठ किया जाएगा।

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आगरा की करीब 136 वर्ष पुरानी रामलीला पूरे उत्तर भारत में अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। इसकी शुरुआत प्रतिवर्ष अनंत चतुर्दशी पर लाला चन्नौमल की बारादरी में मुकुट पूजन व स्वरूपों के पूजन से होती है। रामलीला का मंचन पितृ पक्ष और नवरात्र में किया जाता है। पितृ पक्ष की एकादशी को राम बरात निकलती है और उसके अगले दो दिन शहर में चयनित क्षेत्र में जनकपुरी का आयोजन होता है। राम बरात और जनकपुरी में पूरा शहर शामिल होता है। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते पिछले वर्ष रामलीला और जनकपुरी का आयोजन नहीं हो सका था। इस वर्ष भी रामलीला कमेटी ने रामलीला का आयोजन नहीं कराने का निर्णय लिया है। लगातार दूसरे वर्ष रामलीला का आयोजन नहीं होगा। कमेटी प्रतीकात्मक रूप से रामलीला महोत्सव मनाएगी। रविवार शाम छह बजे रावतपाड़ा के मन:कामेश्वर मंदिर स्थित लाला चन्नौमल की बारादरी में अनंत चतुर्दशी पर परंपरागत गणेश पूजन और मुकुट पूजन होगा। रामचरितमानस का मास पर्यंत पाठ यहां किया जाएगा।

रामलीला कमेटी के मंत्री राजीव अग्रवाल ने बताया कि कमेटी का प्रयास था कि इस बार रामलीला महोत्सव का आयोजन किया जाए। राम बरात और जनकपुरी महोत्सव के आयोजन का विचार भी बना। कमेटी के अध्यक्ष मेयर नवीन जैन ने प्रशासनिक अधिकारियों से इसके लिए वार्ता भी की। अधिकारियों ने कहा कि कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए रामलीला महोत्सव जैसे लक्खी मेले को इस वर्ष भी टालना जनहित में रहेगा। बारादरी में प्रतिदिन शाम को होने वाले रामचरितमानस के पाठ में श्रद्धालु भी शामिल हो सकेंगे।


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