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राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के संपर्क प्रमुख बोले, जागरूक राष्ट्र का करना है निर्माण, बांटने वालों से रहना होगा सावधान

आरएसएस के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने कहा एक जागरूक समाज की है आवश्कता। भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जिसमें रूढ़ियों को छोडकर आगे बढ़ने की इच्छाशक्ति है। इसके लिए शिक्षित समाज को आगे आना होगा।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 09:38 AM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 09:38 AM (IST)
राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के संपर्क प्रमुख बोले, जागरूक राष्ट्र का करना है निर्माण, बांटने वालों से रहना होगा सावधान
आगरा में संगोष्‍ठी का शुभारंभ करते संघ के संपर्क प्रमुख रामलाल।

आगरा, जागरण संवाददाता। आरएसएस के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने कहा कि कुछ लोग समाज काे जातियों में बांटने का काम करते हैं, लेकिन संघ जोड़ने का काम करता है। हमें इनसे सावधान रहना होगा। देश में एक राष्ट्रीयता का उदय हुआ है, लेकिन विकृत मानसिकता का समूह भारत को तोड़ने के लिए एकजुट हो रहा है। भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जिसमें रूढ़ियों को छोडकर आगे बढ़ने की इच्छाशक्ति है। वर्तमान समय में एक जागरूक समाज की आवश्यकता है। जागरूक व्यक्ति की जागरूक राष्ट्र का निर्माण कर सकता है।

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डा. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में आरएसएस द्वारा बौद्धिक गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने गोष्ठी में आमंत्रित शिक्षकों और चिकित्सकों से कहा कि देश की सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक तीनो शक्तियां मिलकर आने वाले समय में विश्व का मार्गदर्शन करेंगी। शिक्षित समाज को आगे आना होगा और इंटरनेट मीडिया पर भ्रम फैलाने वालों को जवाब देना होगा। वहीं संघ का स्वयंसेवक कभी ऐसी बात नहीं करता है, जिससे राष्ट्र और समाज का नुकसान हो।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डा. आरसी मिश्रा और मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रिय हिंदी संस्थान की निदेशक डा. वीना शर्मा मौजूद थीं। कार्यक्रम का संचालन विभाग संपर्क प्रमुख सीए संजीव माहेश्वरी ने किया।

संघ के संग आइए तब पाएंगे समझ

संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख ने कहा कि संघ चरित्र का निर्माण करता है। एक घंटे के लिए शाखा में एकत्रित होकर भारतीय संस्कृति के प्रतीक भगवा ध्वज के समक्ष अपना शारीरिक, मानसिक, चारित्रिक विकास करना ही संघ का कार्य है। बीबीसी ने 90 के दशक में एक क्विज प्रतियोगिता में कहा था दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन संघ है। ये ऐसा संगठन है जिसमें शिशु, प्रौढ़ सभी आते हैं। उन्होंने सभी से जुड़ने का आह्वान किया।

कोरोना काल में जुड़े परिवार

कोरोना काल में परिवार जुड़े हैं, तो चिकित्सकों ने भी बेहतरीन कार्य किया है। भारत ने कोरोना की दवा को विदेशों में भेजी, जिससे विश्व में भारत की स्वीकारोकता बढ़ी है।

सवालों के दिए जवाब

संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख से चिकित्सकों, शिक्षकों के प्रश्नों का जवाब भी दिया। एक शिक्षक ने कहा कि संघ में महिलाओं की सहभागिता कम दिखती है, क्या कभी सरसंघचालक के दायित्व पर महिला पहुंचेगी। संपर्क प्रमुख ने कहा कि राष्ट्र सेविका समिति में बहनों की सहभागिता है। एक चिकित्सक ने कहा कि मैं शिशु मंदिर का छात्र रहा, लेकिन आज अंग्रेजी मीडियम की स्वीकारोकता है। संपर्क प्रमुख ने कहा कि हमारा किसी भाषा का विरोध नहीं है। प्रारंभिक शिक्षा मात्र भाषा में हो, ये प्रयास है। अाप स्वयं उदाहरण हैं।

ये रहे मौजूद

कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक डा. हरीश, सहप्रांत प्रचारक धर्मेंद्र, प्रांत कार्यवाह प्रमोद शर्मा, प्रांत प्रचार प्रमुख केशवदेव शर्मा, सह प्रचारप्रमुख कीर्तिकुमार, विभाग प्रचार प्रमुख मनमोहन निरंकारी, हरीशंकर शर्मा, अशोक कुलश्रेष्ठ, डा. प्रशांत गुप्ता, पीके कालरा, डा. प्रशांत लवानिया आदि मौजूद थे।


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