Lockdown में माह-ए- रमजान, मुस्लिमों का कहना जान अल्लाह की अमानत हमारे जिम्मे सिर्फ हिफाजत
अप्रैल को दिखा चांद तो 25 से शुरू होंगे रोजे। नहीं आया खजूर फल और शरबत से होगा इफ्तार। वैश्विक महामारी के कारण सऊदी अरब से खजूर की सप्लाई बंद है।
आगरा, जागरण संवाददाता। माह-रमजान 25 अप्रैल से शुरू हो सकता है। पवित्र माह का चांद 24 अप्रैल को दिखाई देने की उम्मीद है। मुस्लिम समुदाय में रोजा की तैयारी चल रही हैं। लॉकडाउन में लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे। धर्मगुरुओं का कहना है कि जान अल्लाह की अमानत है। इसलिए इसकी हिफाजत करना हमारा काम है। दुनियाभर में फैली वैश्विक महामारी से बचने के लिए घरों में रहना ही बेहतर उपाय है।
पवित्र माह में धर्मगुरुओं ने मुस्लिम समाज से रोजा रखने की गुजारिश की है। पांच वक्त की नमाज के अलावा तराबीह की नमाज भी अदा करने की गुजारिश की है। नामनेर मस्जिद के इमाम मौलाना रियासत अली ने हदीस के हवाले से बताया कि एक मरतबा मूसलाधार बारिस हो रही थी। नबी (पैगंबर हजरत सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने घरों में नमाज अदा करने का जिक्र किया था। जमीयत उलमा-ए- हिंदू के प्रवक्ता सगीर अहमद ने मुस्लिम समुदाय से रमजान के पवित्र महीना में घर में इबादत करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पांच वक्त की नमाज और कुरान की तिलाबत करें। रात को तराबीह की नमाज अदा करें। उन्होंने कहा लोगों को शारीरिक दूरी का ध्यान में रखना है। सभी लोगों को प्रशासन का साथ देना चाहिए।
रमजान के पाक महीने में घरों में करें इबादत
दरगाह हजरत शेख सलीम चिश्ती के सैफ मियां चिश्ती ने लोगों से घर-घर जा रही स्वास्थ्य विभाग की टीमों का सहयोग करने की अपील की है। साथ ही लॉकडाउन का पालन करने व रमजान माह की इबादत घरों में रहकर करने का आह्वान किया है। सैफ मियां ने कहा कि कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। जरूरी है कि पहले से ज्यादा सतर्क रहकर लॉकडाउन और सरकार के निर्देशों का पालन करें। उन्होंने शारीरिक दूरी कड़ाई से पालन करने का आह्वान किया। कहा कि अपने पड़ोसियों को भूखा न सोने दें। जो मुमकिन हो उनकी मदद करें। रमजान माह में गरीबों के लिए इफ्तार व सहरी की व्यवस्था करने पर जोर दिया।
रमजान में तराबीह की नमाज घर पर ही अदा करें। सहरी के वक्त की घोषणा परंपरा के अनुसार ही होगी लेकिन लोग मस्जिदों की ओर रुख न करें। कोरोना के खिलाफ जंग में शासन के निर्देशों के अनुसार सहभागिता करें।
शराफत अली, इमाम, गढ़ी दरियाव मस्जिद
रमजान उल मुबारक की सुबह-शाम जिक्र-ए-खुदा में गुजारें। नेक बनें और दूसरों को नेक बनने की दावत दें। लॉकडाउन का पालन करें। प्रशासन का सहयोग कर घर में ही नमाज पढ़ें।
हाफिज हिफ्जुर्रहमान, इमाम, जामा मस्जिद