Indian Railway: रेलवे को चूना लगाने वाले पकड़े गए, फैक्ट्री में गला रहे थे स्लीपर
Indian Railway शिकोहाबाद की फैक्ट्री में गलाए गए रेलवे के स्लीपर आरपीएफ का छापा। इटावा के बलरई रेलवे स्टेशन के बाद साइट से चुराए गए थे 52 स्लीपर। मैनेजर समेत चार गिरफ्तार गैंग का सरगना और फैक्ट्री मालिक फरार।
आगरा, जेएनएन। आठ दिन पूर्व इटावा के बलरई रेलवे स्टेशन के नजदीक निर्माणाधीन आरओबी से चुराए गए रेलवे के 52 स्लीपर शिकोहाबाद की आयरन फैक्ट्री में गलाए जा रहे थे। आरपीएफ की क्राइम इंवेस्टीगेशन विंग (सीआइडब्लू) ने जांच में सुराग खोजकर छापा मारा। फैक्ट्री में गलाए गए स्लीपर और कैश के साथ मैनेजर और सुपरवाइजर समेत चार को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं गैंग का सरगना, फैक्ट्री मालिक और उसका बेटा फरार होने में कामयाब रहे। पकड़े गए चारों लोगों को जेल भेज दिया गया है।
बलरई रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज से लोहे के पुराने 52 स्लीपर निकाले गए थे। निर्माणाधीन साइट से 28 मई की शाम स्लीपर चोरी हो गए। इसकी शिकायत शिकोहाबाद आरपीएफ थाने में दर्ज कराई गई। इसके बाद मामले की जांच क्राइम इंवेस्टीगेशन विंग को सौंपी गई। घटना स्थल से शहर के जाने वाले रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से टीम के सदस्यों से एक ट्रक का नंबर मिला। इसके बाद टीम ट्रक नंबर के सहारे मालिक और ड्राइवर तक पहुंच गई। ट्रक मालिक वीरेंद्र सिंह और ड्राइवर रामवीर निवासी तमेरा की मढ़ैया थाना जसवंत नगर इटावा से पूछताछ की गई। उन्होंने बताया कि सोनू यादव निवासी पूंछा गांव थाना जसवंत नगर के साथ मिलकर स्लीपर चुराए गए थे। ट्रक से ले जाए गए स्लीपर शिकोहाबाद में असुआ रोड स्थित मां कैला देवी आयरन फैक्ट्री में डाले गए हैं। वहां पर स्लीपर गलाकर उन्हें लोहे की सिल्लियां बनाई गई है। सारे सुबूत जुटाने के बाद इंवेस्टीगेशन विंग के इंचार्ज प्रभात चौधरी ने टीम के साथ शुक्रवार देर शाम फैक्ट्री में छापा मारा। यहां पर चार स्लीपर और 48 स्लीपर की बनाई गई लोहे की सिल्लयां बरामद कर ली। इसके अलावा छापे में फैक्ट्री से बरामद 8.78 लाख रुपये कैश जब्त किया गया है। टीम इंचार्ज ने बताया कि फैक्ट्री मैनेजर कमलकांत पालीवाल, सुपरवाइजर दिनेश कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है। चोरी में प्रयुक्त ट्रक को भी सील कर चारों आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। वहीं फरार गिरोह के सरगना सोनू यादव, फैक्ट्री मालिक सुधीर अग्रवाल व उसके पुत्र प्रतीक अग्रवाल की तलाश की जा रही है।
रेलवे का अधिकारी बनकर उठाए थे स्लीपर
ट्रक मालिक ने बताया कि सोनू यादव रेलवे अधिकारी बनकर साइट पर पहुंचा था। स्लीपर उठाने से पहले वहां काम कर रहे मजदूरों को बताया था कि वह रेलवे का अधिकारी है और स्लीपर स्टोर में रखवाने के लिए ले जाए जा रहे हैं। विंग इंचार्ज प्रभात चौधरी ने बताया कि चोरी गए स्लीपर की कीमत 1.61 लाख रुपये है। कार्रवाई करने वालों में एचसीपी अजय पाल मीणा, कांस्टेबल नरेश कुमार और शिकोहाबाद थाना टीम शामिल है।
फैक्ट्री मालिक और गैंग का पुराना है गठजोड़
स्लीपर चुराने वाले और गलाने वालों का गठजोड़ पुराना है। आरपीएफ की सीआइडब्लू टीम ने गिरोह के सरगना, ट्रक मालिक, फैक्ट्री मालिक और उसके बेटे के मोबाइल की काल डिटेल निकलवाई। लगभग एक महीने से उनके बीच लगातार बातें होती थी। पुलिस इस काल डिटेल को सुबूत के तौर पर इस्तेमाल करेगी।