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Pollution Control: परियोजनाओं का करना होगा डस्ट ऑडिट, लगाना होगा पीटीजेड कैमरा

Pollution Control सर्दियों में वायु प्रदूषण और स्मॉग को रोकने को कवायद। पीटीजेड कैमरा से यूपीपीसीबी कभी भी देख सकेगा स्थिति। यूपीपीसीबी ने निर्माण कार्यों से जुड़े सभी विभागों को भेजे पत्र। 10 अक्टूबर तक सेल्फ डस्ट ऑडिट करने और साइट्स पर पीटीजेड कैमरा लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 09:48 AM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 09:48 AM (IST)
Pollution Control: परियोजनाओं का करना होगा डस्ट ऑडिट, लगाना होगा पीटीजेड कैमरा
आगरा-दिल्‍ली हाईवे चौड़ीकरण के चलते जगह जगह बिखरी है मिट्टी।

आगरा, निर्लोष कुमार। सर्दियों में बढ़ने वाले वायु प्रदूषण और स्मॉग को नियंत्रण में रखने को उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने कमर कस ली है। सरकारी विभागों को निर्माण परियोजनाअों का 10 अक्टूबर तक सेल्फ डस्ट ऑडिट करने और साइट्स पर पैन टिल्ट जूम (पीटीजेड) कैमरा लगाने के निर्देश दिए गए हैं। पीटीजेड कैमरे से यूपीपीसीबी कभी भी प्रोजेक्ट पर मानकों के पालन और धूल उड़ने की स्थिति जांच सकेगा।

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प्रमुख सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने 16 सितंबर को लखनऊ में सर्दियों में वायु प्रदूषण आैर स्मॉग को रोकने के लिए राज्य स्तरीय एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक की थी। इसमें सभी निर्माण परियोजनाअों को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत 10 अक्टूबर तक सेल्फ डस्ट ऑडिट करने और साइट्स पर पीटीजेड कैमरा लगाने के निर्देश दिए गए हैं। संबंधित विभागों को समस्त निर्माण परियोजनाअों का यूपीपीसीबी के पोर्टल dustapp.upecp.in पर सेल्फ डस्ट ऑडिट करना होगा। उन्हें साइट्स पर पीटीजेड कैमरा (360 डिग्री पर घूमने वाला कैमरा) लगाने के बाद उसकी एक्सेस यूपीपीसीबी के ईमेल uppcb.controlroom@gmail.com पर उपलब्ध करानी होगी। इससे परियोजना में धूल उड़ने से रोकने को मानकों के अनुपालन की स्थिति यूपीपीसीबी कभी भी देख सकेगा।

सेल्फ डस्ट ऑडिट में हां या ना में देने हैं जबाव

सेल्फ डस्ट ऑडिट में निर्माण परियोजनाओं में धूल उड़ने से रोकने को किए गए इंतजामों पर आधारित प्रश्नों के जवाब हां या नहीं में देने हैं। इनमें बड़ी निर्माण परियोजनाओं में धूल उड़ने से रोकने को ट्रीटेड वाटर का उपयोग, एंटी स्मॉग गन लगाने, निर्माण सामग्री को ढककर रखने और ढककर लाने, तेज हवा चलने पर निर्माण गतिविधियों को सीमित रखने, निर्माण सामग्री लेकर आने वाले वाहनों के प्रदूषण सर्टिफिकेट, वाहनो के पहिए धुलवाने, वैक्यूम क्लीनिंग आदि प्रमुख हैं। साइट्स के लेआउट को इस तरह डिजाइन करना होगा, जिससे कि धूल कम उत्पन्न हो।

यूपीपीसीबी ने विभागों को भेजे पत्र

यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी भुवन प्रकाश यादव ने बताया कि निर्माण परियोजनाओं में 10 अक्टूबर से पूर्व पैन टिल्ट जूम कैमरा लगाने और सेल्फ डस्ट ऑडिट करने के लिए संबंधित विभागों को पत्र भेजे हैं। इनमें नगर निगम, एडीए, छावनी परिषद, आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, लोक निर्माण विभाग, आवास विकास परिषद, उप्र राज्य सेतु निगम लिमिटेड, यमुना प्रदूषण नियंत्रण इकाई उप्र जल निगम, उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम शामिल हैं।

इन शहरों में करनी होगी व्यवस्था

राज्य स्तरीय एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग कमेटी ने प्रदेश के वायु प्रदूषण की दृष्टि से 16 नॉन-अटेनमेंट शहरों में निर्माण परियोजनाओं में सेल्फ डस्ट ऑडिट और पीटीजेड कैमरा लगाने के निर्देश दिए हैं। इनमें आगरा के अलावा लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, गाजियाबाद, नोएडा, खुर्जा, गजरौला, अनपरा, मुरादाबाद, फीरोजाबाद, बरेली, रायबरेली, झांसी व मेरठ शामिल हैं। नॉन-अटेनमेंट शहर वो हैं, जहां पिछले कुछ वर्षों से एयर क्वालिटी इंडेक्स 60 से अधिक बना हुआ है।


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