CAA 2019: फीरोजाबाद मेंं उपद्रव पीडि़तों से मिलने आ सकती हैं प्रियंका, शुक्रवार को पहुंचाया था पत्र Agra News
सांसद राशिद अल्वी की अगुवाई में गोपनीय तरीके से पीडि़त परिवारों से मिला प्रतिनिधिमंडल। पत्र में लिखा जब भी जरुरत हों आवाज देने में हिचक न करें जिला इकाई को नहीं भनक।
आगरा, जागरण संवाददाता। 20 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद उपद्रव और हिंसा के बाद सियासत गरम है।शनिवार को प्रियंका गांधी के फीरोजाबाद आने की अचानक चर्चा शुरु हो गई। चर्चा के मुताबिक प्रियंका शाम को आ सकती हैं। इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने एक पत्र लिखकर पार्टी नेताओं के जरिये उपद्रव प्रभावित परिवारों के पास तक पहुंचाया था। गुपचुप तरीके सेे परिवारों के बीच दिल्ली से कांग्रेस नेताओं की टीम पहुंची थी और उन्हें प्रियंका का पत्र सौंपा था। इसके साथ ही पीडि़तों के आंसू पोंछते हुए मदद का भरोसा दिलाया। दौरे को इस कदर गोपनीय रखा गया कि जिला कांग्रेस कमेटी को भी भनक नहीं लगने दी गई।
सांसद राशिद अल्वी और पीएल पुनिया शुक्रवार देर शाम स्थानीय नेता के साथ पीडि़त परिवारों के बीच पहुंचे। उपद्रव में मारे गए परिवार के सदस्य के बारे में जानकारी ली और संवेदनाएं जताने के साथ प्रियंका गांधी के पत्र का लिफाफा सौंपा। इस दौरान साथ में चल रहे स्थानीय नेताओं को भी बाहर रखा गया। प्रियंका ने पत्र में आदरणीय करके संबोधित किया है। पत्र देने के बाद प्रतिनिधिमंडल वापस लौट गया। प्रतिनिधि मंडल उपद्रव में मारे गए मुकीम, शफीक, मुकर्रम तथा नवीजान के घर गए थे। पुलिस को भी इसकी भनक नहीं लगी।
आप अपने आप को कतई अकेला न समझें....
अपनों का खोना क्या होता है मैं दिल की गहराईयों से समझती हूं। आपके साथ जो हुआ, उसकी कोई भरपाई तो नहीं की जा सकती है। ऐसे मौके पर एक दूसरे का हाथ थामने से मन को तसल्ली मिलती है। आप कतई अपने आप को अकेला न समझें। हौंसला न खोएं। हम आपके साथ है। हमें आगे बढऩा है और इंसाफ की मांग को मजबूत करना है। इंसान को बांटने वाली ताकतें मुल्क को कमजोर कर रहीं है। हमें अपने प्यारे मुल्क और संविधान को बचाने के लिए लडऩा है। जब भी और जहां भी हमारी जरुरत हो आवाज देने में हिचक न करें। ....आपकी साथी प्रियंका गांधी वाड्रा।