प्रिया हास्पिटल में लिंग परीक्षण: भ्रूण जांच के कोड वर्ड थे तय, बेटे के लिए हनुमान जी, बेटी के लिए लक्ष्मी मां
Agra News डा. राजीव कुमार एमडी टीबी एंड चेस्ट हैं। उन्होंने एसएन मेडिकल कालेज से 1997 में एमडी की है। मगर प्रैक्टिस जनरल करते हैं और हास्पिटल में आपरेशन किए जाते हैं। वे आइएमए आगरा के सदस्य हैं उनके खिलाफ तीसरी कार्रवाई हुई है।
आगरा, जागरण संवाददाता। भ्रूण लिंग परीक्षण और कन्या भ्रूण हत्या मामले में प्रिया हास्पिटल और अल्ट्रासाउंड सेंटर का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। डा. राजीव कुमार के खिलाफ कार्रवाई के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल एनएमसी को भी पत्र लिखा जाएगा। वहीं, टीम को आशंका है कि गर्भपात के बाद भ्रूण नाले में फेंके जाते थे।
हरियाणा और स्थानीय पीसीपीएनडीटी की टीम ने शनिवार को प्रिया हास्पिटल के संचालक डा. राजीव कुमार को भ्रूण लिंग परीक्षण करने पर पकड़ लिया था। हास्पिटल के आपरेशन थिएटर में डस्टबिन से पांच महीने का कन्या भ्रूण मिला था। टीम को आशंका है कि हास्पिटल में भ्रूण लिंग परीक्षण के बाद गर्भपात भी कराया जा रहा था। भ्रूण को हास्पिटल के सामने हाईवे के नाले में डाल दिया जाता था। इस क्षेत्र में नाले से कई बार भ्रूण मिल चुके हैं। इसकी भी जांच की जा रही है।
सीएमओ डा. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि प्रिया हास्पिटल और अल्ट्रासाउंड सेंटर का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। हास्पिटल में कई और डाक्टर भी जाते थे, इनका भी ब्योरा जुटाया जा रहा है। हास्पिटल में आवास भी है, इसलिए सील नहीं किया गया है। मरीज शिफ्ट करा दिए गए थे।
कोड वर्ड, बेटे के लिए हनुमान जी, बेटी के लिए लक्ष्मी मां
गर्भवती का अल्ट्रासाउंड करने के बाद कोड वर्ड में गर्भस्थ शिशु का लिंग बताया जाता था। बेटा होने पर हनुमान जी को लडडू चढ़ाकर आना और बेटी होने पर लक्ष्मी मां को प्रसाद लगा देना। इसके साथ ही फोटो भी दिखाकर गर्भस्थ शिशु का लिंग बताया जाता है।
40 से 50 हजार में सौदा
सभी की हिस्सेदारी भ्रूण लिंग परीक्षण के लिए गर्भवती को भेजने वाले को 50 प्रतिशत और 50 प्रतिशत में से डाक्टर और दलाल को दिया जाता था। बेटी होने पर गर्भपात के लिए 10 से 20 हजार रुपये अतिरिक्त लिए जाते थे।
आइएमए ने सदस्यता की निलंबित
आइएमए, आगरा के अध्यक्ष डा. ओपी यादव ने बताया कि डा. राजीव कुमार की सदस्यता निलंबित कर दी है। 26 मई को कार्यकारिणी की बैठक में सदस्यता निरस्त करने का प्रस्ताव रखा जाएगा। इसके बाद केंद्रीय कार्यकारिणी को सदस्यता निरस्त करने की संस्तुति भेजी जाएगी।