जिला जेल में बंदी ने किया खुदकशी का प्रयास, हालत गंभीर, लाया गया आगरा Agra News
20 माह से निरुद्ध है घनेंद्र। फांसी लगाकर किया था आत्महत्या का प्रयास।
आगरा, जेएनएन। कासगंज जिला जेल में मंगलवार की सुबह बंदी ने फांसी लगाकर खुदकुशी का प्रयास किया। साथी बंदियों और जेल र्किमयों ने उसे बचा लिया। गंभीर हालत में बंदी को जिला चिकित्सालय से आगरा रेफर किया गया है।
बीते लगभग दो वर्ष पूर्व थाना सुन्नगढ़ी के ग्राम गणेशपुर भाटान में भगत अजयपाल की गोली मारकर की गई हत्या के मामले में जेल में निरूद्ध चले आ रहे बंदी घनेंद्र ने अपने गले में अंगोच्छे से फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी का प्रयास किया। बताया जाता है कि जब सुबह लगभग साढ़े दस बजे बैरिक से निकालकर बंदियों की गिनती की जा रही थी कि तभी बंदी घनेंद्र वहां से खिसक गया और समीपीय पानी की टंकी के पाइप में अंगोच्छा डालकर गले में फांसी का फंदा लगा लिया। किसी बंदी ने जब यह देखा तो आनन फानन में घनेंद्र को फांसी के फंदे से उतारा गया। उसकी हालत गंभीर थी। उपचार के लिए जेल प्रशासन ने जिला चिकित्सालय भेजा हालत नाजुक होने के कारण उसे आगरा रेफर कर दिया गया है।
बंदी के तीन भाई और भी हैं जेल में
भगत अजय पाल की हत्या के मामले में बंदी घनेंद्र के भाई कृपाल सिंह, पप्पू और लालू भी जेल में निरूद्ध हैं। चारों भाई एक ही बैरिक में रखे गए हैं।
परिवार को लेकर था तनाव में
घनेंद्र के परिजनों के मुताबिक परिवार के चारों भाई हत्या के मामले में जेल में हैं। घर में कोई भी जिम्मेदार नहीं है। ऐसे में परिवार के सामने तमाम समस्याएं खड़ी हैं। घनेंद्र इन्हीं सब को लेकर तनाव में रहता था और उसने यह कदम इसी तनाव के चलते उठाया है।
क्या कहते हैं अधिकारी
बंदी घनेंद्र लगभग 20 माह से जेल में हत्या के मामले में निरूद्ध है। गिनती के दौरान उसने पाइप पर फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी का प्रयास किया था। उसे आगरा रेफर किया गया है।
आरके सिंह, जेलर जिला कारागार