Corona ने लगाई रसोई में भी सेंध, खाने-पीने के सामान के दाम पर भी दिख रहा असर Agra News
थोक बाजार में राजमा की कीमतों में आया आठ फीसदी उछाल। दालचीनी और अजीनोमोटो की कीमतें भी चढ़ीं। हाेेेली पर पिचकारी और गुब्बारे भी रहेंगे महंगे।
आगरा, प्रभजोत कौर। चाइना के उत्पाद भारतीय बाजारों का बहुत बड़ा हिस्सा हैं। एंटीबायोटिक दवाओं के सॉल्ट के बाद अब राजमा, अजीनोमोटो, दालचीनी भी महंगी हो गई है। इस बार की होली पर कोरोनावायरस का असर दिखाई दे रहा है। चाइना से आने वाली पिचकारियां और मास्क पिछले सालों के मुकाबले काफी महंगे हैं। कोरोना वायरस से किस तरह बाजार प्रभावित हो रहा है, इस पर नजर डालती यह रिपोर्ट-
महंगा हुआ राजमा, दालचीनी चढ़ी
चीन से राजमा जरूरत का 50 फीसदी आयात होता है। कोरोना की वजह से 300 कंटेनर बंदरगाह पर अटके हैं। इसका असर ये है कि पिछले एक माह में थोक बाजार में राजमा की कीमतों में आठ फीसदी और फुटकर बाजार में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आगरा के मोतीगंज में थोक व्यापारी विष्णु बताते हैं कि चीन के डलियन पोर्ट से शिपमेंट न होने के कारण ग्लोबल मार्केट में राजमा के दाम आठ फीसदी बढ़कर 1100 डॉलर पर पहुंच गए हैं। चीन में बंदी के चलते भारत को आने वाले 300 कंटेनर बंदरगाह पर फंसे हुए हैं।
चीन के अलावा तुर्की से राजमा की आपूर्ति होती है लेकिन इस साल वहां फसल अच्छी नहीं होने से आयात कम हो पाया है। कोरोना वायरस से पहले फुटकर बाजार में चीन का राजमा 100 रुपये प्रति किलो बिक रहा था। अब इसके दाम बढ़कर 130-140 रुपये तक पहुंच गए हैं। इसी तरह थोक बाजार में 90 रुपये प्रति किलो के दाम बढ़कर 115 से 120 रुपये तक हो गए हैं।
जीरे के दाम गिरे
कोरोना वायरस से दाम बढ़े ही नहीं बल्कि गिरे भी हैं। इनमें जीरा पहले नंबर पर आ रहा है। भारत के जीरे का चीन बहुत बड़ा आयातक हैै। कोरोना वायरस के कारण जीरे की मांग घटी है। इस साल जीरे की बंपर फसल भी हुई है। इस कारण से जीरे की कीमतों में 20 फीसदी तक गिरावट आई है।
आवास विकास में फुटकर विक्रेता सोमनाथ साहू बताते हैं कि एक महीने पहले जीरा 180 रुपये किलो बिक रहा था। लेकिन अब वही जीरा 100 से 120 रुपये किलो तक बिक रहा है।
अजीनोमोटो-दालचीनी में उछाल
राजमा के अलावा चाउमिन में इस्तेमाल होने वाले अजीनोमोटो की कीमत भी 80 से 122 रुपये प्रति किलो हो गई है। दालचीनी का आयात भी चीन से होता है, इसलिए इसकी कीमतें भी 220 से 320 रुपये पहुंच गई हैैं।
कोरोना वायरस होली पर करेगा जेब ढीली
चीन से आयातित सामान की सप्लाई बाधित होने से इस बार की होली भी जेब पर भारी पडऩे वाली है। होली पर बिकने वाले चाइनीज आइटम बाजार तक नहीं पहुंच पाए, जिससे थोक बाजार में ही चाइनीज माल 50 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक तेज बिक रहा है। फुटकर बाजार में होली के आइटम की कीमत और भी ऊंची रहने के आसार हैं। होली पर्व को रंगीला बनाने लिए चाइना के कई आइटम हर साल बाजार में आते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के कारण इस बार होली पर बिकने वाली पिचकारी, रंग, गुब्बारे, मुखौटे आदि के दाम चढ़े रहेंगे।
50 फीसदी रहेंगे महंगे
लुहार गली में होली आयटम का थोक व्यापार करने वाले कारोबारी ललित खूबचंदानी बताते हैं कि पिछले साल की अपेक्षा हर आइटम 50 से 60 फीसदी तक महंगा रहेगा। कोरोना वायरस की वजह से चाइना के माल पर रोक है। जिससे सबसे ज्यादा प्रभाव डिमांड में रहने वाले उत्पादों पर पड़ेगा। जिसमें गुब्बारे, आर्टिफिशियल बाल, मुखौटे, पिचकारी आदि शामिल हैं। पिछली साल जो पिचकारी 50 रुपये तक मिल जाती थी, इस बार उसे खरीदने के लिए 70 रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं। नतीजतन लोगों को इस होली पर्व पर अधिक खर्च वहन करना पड़ेगा।