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गोविंद की नगरी में भक्ति में लीन हो गए कोविन्द, पढ़िए वृंदावन में राष्ट्रपति के दौरे का ब्योरा

आधा घंटे तक ठाकुर बांकेबिहारी की छवि को निहारते रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द। निराश्रित माताओं से मिले बोले विधवाओं को मुख्य धारा से जोड़ें विधवाओं को पुनर्विवाह का मौका मिले। राज्यपाल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रहे मौजूद।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 07:54 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 07:54 PM (IST)
गोविंद की नगरी में भक्ति में लीन हो गए कोविन्द, पढ़िए वृंदावन में राष्ट्रपति के दौरे का ब्योरा
वृंदावन के कृष्णा कुटीर में निराश्रित माताओंं को उपहार देते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद। साथ हैं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल।

आगरा, जागरण टीम। देश के प्रथम नागरिक राम नाथ कोविन्द सोमवार को गोविंद की नगरी पहुंचे तो उनकी भक्ति में लीन हो गए। राष्ट्रपति का बांकेबिहारी से बेहद लगाव है, यही कारण है कि भव्य फूल बंगले में विराजमान आराध्य की छवि सामने देख वह अपलक निहारते रहे। कान्हा की नगरी में निराश्रित महिलाओं से वह मिले तो भावुक से हो गए। माताओं से संवाद किया। उनके बनाए प्रोजेक्ट देखे। राष्ट्रपति ने विधवाओं के पुनर्विवाह पर भी जोर दिया।

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राज्यपाल आनंदी बेन और सीएम योगी ने किया स्वागत

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द का हेलीकाप्टर तय समय सुबह 9.15 बजे कृष्णा कुटीर आश्रय सदन स्थित हेलीपैड पर पहुंचा। यहां राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। यहां से कार से राष्ट्रपति स्वजन और राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री के साथ ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन को पहुंचे। षोडशोपचार विधि से करीब आधा घंटा आराध्य का पूजन किया। वैदिक मंत्रों के बीच राष्ट्रपति आराध्य की बांके छवि को अपलक निहारते रहे।

निराश्रित माताओं से मिले

कृष्णा कुटीर पहुंचे निराश्रित माताओं से मिले। माताएं महामहिम को अपने सामने पाकर गदगद हो गईं। राष्ट्रपति ने यहां माताओं को संबोधित करते हुए कहा कि विधवा जीवन गुजारना जीवन की सबसे कठिन साधना है। बालविवाह, सती प्रथा और दहेज प्रथा की तरह विधवा जीवन भी समाज की कुरीति है। उन्होंने कहा कि कृष्णा कुटीर आश्रय सदन अच्छा है, लेकिन समाज में हमें ऐसी जागरूकता लानी होगी कि ऐसे सदन न बनें और ऐसी निराश्रित माताओं के पुनर्विवाह, आर्थिक स्वावलंबन, पारिवारिक संपत्ति में हिस्सेदारी, सामाजिक-नैतिक अधिकारों की रक्षा के उपाय किए जाएं, ताकि ऐसी महिलाओं में स्वाभिमान और सम्मान का एहसास हो। हमें मिलकर तिरस्कृत और उपेक्षित महिलाओं के प्रति सामाजिक जागरूकता बढ़ानी होगी। तभी महिलाएं आत्मसम्मान से परिपूर्ण जीवन जी सकेंगी।

राष्ट्रपति ने कहा, ये परिवर्तन अच्छा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि समाज से दूर हुईं ऐसी माताओं को मुख्य धारा से जोड़ा जाए। राष्ट्रपति के सामने आज माताएं रंगीन साड़ी पहने थीं। महामहिम ने कहा कि पुराने प्रचलन के अनुसार ये माताएं सफेद कपड़ों में रहती थीं, आज रंगीन कपड़ों में बैठी हैं। ये परिवर्तन अच्छा है। आज भारत बदल रहा है, ये बदलाव माताएं देखना चाहती हैं। सरकार व समाजसेवी संस्थाएं माताओं को देश दर्शन व पर्यटन स्थल पर ले जाने की व्यवस्था करें। राष्ट्रपति ने माताओं द्वारा बनाए जा रहे विभिन्न उत्पादों को उनके स्टाल पर जाकर देखा और उनसे बातचीत की। दस माताओं को अपने हाथ से उपहार दिए। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।


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