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UP Board: यूपी बोर्ड में होने जा रहा बड़ा बदलाव, बस्ते के बोझ में कटौती की तैयारी

UP Board सिलेबस में कटौती के लिए चल रही है शासन स्तर पर कवायद। एनसीईआरटी के निर्देश पर हो चुकी है 30 फीसद की कटौती। आने वाले दिनों में सिलेबस में 50 फीसद तक की कटौती संभव है। हालांकि अंतिम फैसला शासन स्तर से ही होना है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 09:16 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 09:16 AM (IST)
UP Board: यूपी बोर्ड में होने जा रहा बड़ा बदलाव, बस्ते के बोझ में कटौती की तैयारी
सिलेबस में कटौती के लिए चल रही है शासन स्तर पर कवायद।

आगरा, संदीप शर्मा। कोरोना काल ने विद्यार्थियों का सिलेबस 25 से 30 फीसद तक कम करा दिया है, लेकिन नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) इसे विद्यार्थियों के लिए और ज्यादा सुविधाजनक बनाने की तरफ ने कदम बढ़ा रहा है। इसके अंतर्गत सारा ध्यान विद्यार्थियों के बस्ते में शामिल बे-वजह के बोझ को घटना है। इसके लिए यूपी बोर्ड स्तर से पाठ्यक्रम समितियों का गठन कर युद्ध स्तर पर मंथन भी शुरू हो चुका है।

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यदि सबकुछ उम्मीद के मुताबिक रहा, तो आने वाले दिनों में सिलेबस में 50 फीसद तक की कटौती संभव है। हालांकि अंतिम फैसला शासन स्तर से ही होना है। यूपी बोर्ड ने फिलहाल सिलेबस को 30 फीसद घटाने का फैसला एनसीईआरटी के मार्गदर्शन में किया था। वहीं कुछ विषयों में बदले सिलेबस के अनुसार पढ़ाई इसी साल से शुरू हो भी गई है। संभावना यही है कि यूपी बोर्ड भी एनसीईआरटी का ही अनुसरण करेगा। हालांकि शासन स्तर पर भी पाठ्यक्रम में संभावित बदलावों पर मंथन चल रहा है, जिसमें डिप्टी सीएम समेत शासन के प्रमुख अधिकारी पाठ्यक्रम समितियों में शामिल किए हैं। बोर्ड स्तर पर यही समितियां तय करेंगी कि किस विषयों में क्या जोडा़ और घटाया जाए।

30 फीसद घटाया सिलेबस

यूपी बोर्ड ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का अनुसरण करते हुए कोरोना संक्रमण के कारण 30 फीसद सिलेबस कम कर दिया है। हालांकि कोरोना खत्म होने के बाद पूरा पाठ्यक्रम दोबारा लागू होगा या नहीं, इस पर भी मंथन जारी है क्योंकि नई शिक्षा नीति में सुविधाजनक सिलेबस उपलब्ध कराने की कवायद जारी है। लिहाजा बोर्ड विषय विशेषज्ञों से इस पर सुझाव ले रहा है। 

समिति में चल रहा मंथन 

सूत्रों के अनुसार शासन स्तर पर भी पाठ्यक्रम में संभावित बदलावों पर मंथन चल रहा है, जिसमें डिप्टी सीएम समेत शासन के प्रमुख अधिकारी पाठ्यक्रम समितियों में शामिल किए हैं। बोर्ड स्तर पर यही समितियां तय करेंगी कि किस विषयों में क्या जोडा़ और घटाया जाए।


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