Move to Jagran APP

आचमन योग्य बनेगा जल स्वरूपा राधारानी का जल, जानिए कैसे

ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने कुंडों के पानी को साफ कराने की योजना पर शुरू किया अमल। गुरुग्राम से पहुंची टीम ने लिए राधा कुंड से लिए नमूने।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 12:48 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 02:25 PM (IST)
आचमन योग्य बनेगा जल स्वरूपा राधारानी का जल, जानिए कैसे
आचमन योग्य बनेगा जल स्वरूपा राधारानी का जल, जानिए कैसे

आगरा, जेएनएन। गोवर्धन परिक्रमा के धार्मिक कुंडों के जल को निर्मल बनाने की कवायद शुरू हो गई है। गुरुग्राम से आई टीम ने इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। बुधवार को सात कोस परिक्रमा मार्ग के राधाकुंड और कृष्ण कुंड के जल को शुद्ध बनाने को टीम राधाकुंड पहुंची।

loksabha election banner

कुंड के जल में बैक्टीरिया कम पाए जाने पर बैक्टीरिया को बढ़ाने और जल को आचमन योग्य बनाने के लिए दोनों कुंडों में न्यूलगी बैक्टीरिया डालकर जल को साफ करने का प्रयास किया जा रहा है। ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने धार्मिक महत्व से जुड़े कुंडों के जल को शुद्ध करने की पहल राधाकुंड और श्याम कुंड से कर दी है। करीब तीन एकड़ से ज्यादा क्षेत्रफल में फैले राधा कुंड और कृष्ण कुंड के जल को शुद्ध बनाने के लिए बैक्टीरिया का सहयोग लिया जा रहा है। ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने गुरुग्राम की कंपनी को यह जिम्मेदारी सौंपी है। बुधवार को गुरुग्राम की टीम न्यूलगी बैक्टीरिया डाल कर जल को शुद्ध बनाने में जुट गई है। जेएस वाटर एनर्जी लाइफ प्राइवेट लिमिटेड कंपनी गुरुग्राम के मैनेङ्क्षजग डायरेक्टर सुनील नंदा, असिस्टेंट मैनेजर चंदन ङ्क्षसह, असिस्टेंट मैनेजर चेस्टा के साथ टीम ने कुंडों के जल का सैम्पल लेकर जांच की तो माइक्रोन्यूट्रॉनस कम पाए गए हैं। मैनेङ्क्षजग डायरेक्टर सुनील नंदा ने बताया कि राधाकुंड के जल में टीडीएस 775.61 एमएल तथा कृष्ण कुंड में 775.08 एमएल पाया गया है। जबकि 1000 मिलीग्राम प्रति लीटर होना चाहिए। राधाकुंड में डीओ 6.96 व कृष्ण कुंड में 6.96 पाया गया, जबकि 5 मिलीग्राम प्रति लीटर होना चाहिए। बीडीओ राधाकुंड में 15.03 और कृष्ण कुंड में 15.02 पाया गया, जबकि यह 5 मिलीग्राम प्रति लीटर होना चाहिए। असिस्टेंट मैनेजर चंदन ङ्क्षसह ने बताया कि राधाकुंड, कृष्ण कुंड के जल में न्यूलगी बैक्टीरिया डाला जा रहा है। पहले महीने में तीन से चार बार डाला जाएगा, जैसे-जैसे जल शुद्ध होता जाएगा तो न्यूलगी बैक्टीरिया डालना कम कर दिया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.