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खराब स्थिति में बरकरार ताजनगरी की वायु गुणवत्ता, Control में नहीं एक्‍यूआइ Agra News

ताजनगरी में मंगलवार को सीपीसीबी के अनुसार 215 दर्ज किया गया एक्यूआइ। 42 गुना से अधिक कार्बन मोनोऑक्साइड पांच गुना पीएम2.5।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 03:04 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 03:04 PM (IST)
खराब स्थिति में बरकरार ताजनगरी की वायु गुणवत्ता, Control में नहीं एक्‍यूआइ Agra News
खराब स्थिति में बरकरार ताजनगरी की वायु गुणवत्ता, Control में नहीं एक्‍यूआइ Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में वायु गुणवत्ता खराब स्थिति में बरकरार है। मंगलवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 215 दर्ज किया गया। यहां अति सूक्ष्म कणों (पीएम2.5) की मात्रा बढ़ी हुई दर्ज की गई।

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सीपीसीबी द्वारा प्रतिदिन ऑटोमेटिक मॉनीटरिंग स्टेशनों पर एकत्र आंकड़ों के आधार पर देश के विभिन्न शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की जाती है। संजय प्लेस स्थित ऑटोमेटिक मॉनीटरिंग स्टेशन पर दर्ज आंकड़ों के आधार पर एक्यूआइ 215 दर्ज किया गया। सीपीसीबी की गाइडलाइन के अनुसार यह खराब स्थिति है। गाइडलाइन के अनुसार वायु गुणवत्ता एक्यूआइ 0-50 तक रहने पर अच्छी, 51-100 तक रहने पर संतोषजनक, 101-200 तक रहने पर मध्यम और 201-300 तक रहने पर खराब रहती है।

मंगलवार को अति सूक्ष्म कणों की अधिकतम मात्रा 307 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई। यह मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के पांच गुना से अधिक था। कार्बन मोनोऑक्साइड की अधिकतम मात्रा 171 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई। ये मानक चार माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के 42 गुना से अधिक रही।

पिछले कुछ दिनों में स्थिति

तिथि, एक्यूआइ, स्थिति

25 जनवरी, 232, खराब

26 जनवरी, 280, खराब

27 जनवरी, 275, खराब

28 जनवरी, 215, खराब

ये रही प्रदूषक तत्वों की स्थिति

प्रदूषक तत्व, न्यूनतम, अधिकतम, औसत

कार्बन मोनोऑक्साइड, 2, 171, 131

नाइट्रोजन डाइ-ऑक्साइड, 40, 96, 78

सल्फर डाइ-ऑक्साइड, 16, 64, 28

ओजोन, 3, 10, 6

अति सूक्ष्म कण, 150, 307, 215

धूल कणों में नहीं आई कमी

मंगलवार को मौसम में कुछ बदलाव रहा। शहर पर छितरे हुए बादल छाए रहे। कहीं-कहीं हल्‍की बरसात भी हुई। इससे पहले जनवरी में दो दिन लगातार बारिश हो चुकी है, उसके बावजूद धूल कणों की मात्रा में कमी नहीं आ रही है। सड़काेें पर धूल के गुबार उड़ते नजर आ रहे हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट के स्‍पष्‍ट आदेश हैं कि ताजमहल को धूल कण नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन्‍हें नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।  


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