पतति पावनी की व्यथा: यमुना के कालिय नागों ने बना दिया नदी को नाला
यूपीपीसीबी के आंकड़ों ने खोली जलशोधन की कलई कागजों पर जल शोधित करते रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स।
आगरा, जागरण संवाददाता। यमुना नदी नहीं अब नाला है। यह वाक्य सुनने में अजीब और भावनाओं को आहत कर सकता है, लेकिन ताजा रिपोर्ट यही बता रही है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वर्ष 2018 में जल की शुद्धता को जुटाए आंकड़ों ने न केवल यमुना नदी की बदहाली की स्याह तस्वीर उजागर की है बल्कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स में हो रहे कागजी जल शोधन से भी परदा उठा दिया है। आगरा ही नहीं, मथुरा और फीरोजाबाद में भी यमुना नदी की शुद्धता कहीं नजर नहीं आई।
यमुना जिन-जिन शहरों से गुजर रही है, वहां के नालों का पानी शोधित करने के लिए एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगे हुए हैं। जलशोधन के नाम पर इनकी मशीनें दिन-रात धड़धड़ातीं हैं मगर यूपीपीसीबी के आंकड़ों ने इनको आइना दिखाया है। वर्ष 2018 के माहवार आंकड़ों के आधार पर यमुना में जल प्रदूषण की रिपोर्ट जारी की है। आगरा में अप स्ट्रीम में कैलाश घाट पर यमुना कम प्रदूषित है, लेकिन जैसे-जैसे वो आगे बढ़ती जाती है, उसमें गिर रहे शहर के नालों की वजह से जल प्रदूषण बढ़ता ही गया। डाउन स्ट्रीम में ताजमहल पर तो हालात चौंकाते हैं। बीओडी मानक से तीन गुना अधिक है। टोटल कॉलिफार्म का वार्षिक औसत जहां अपस्ट्रीम में कैलाश घाट पर 100 मिली लिटर पानी में 32750 एमपीएन था, वो डाउन स्ट्रीम में ताजमहल पर बढ़कर 98750 एमपीएन तक पहुंच गया।
डाउन स्ट्रीम में सबसे अधिक टोटल कॉलिफार्म जुलाई, 2018 में एक लाख 60 हजार एमपीएन दर्ज किया गया। इसी तरह, मथुरा में अपस्ट्रीम पर विश्रम घाट के पास टोटल कॉलिफार्म 92083 जबकि फीरोजाबाद में अपस्ट्रीम पर ८६ हजार पाया गया। इसका आशय है कि इतना प्रदूषित जल शोधित ही नहीं हो सकता। यूपीपीसीबी ने हालांकि इन दोनों जिलों में डाउनस्ट्रीम पर जल प्रदूषण के आंकड़े जारी नहीं किए हैं।
नहीं हो सकता पानी का ट्रीटमेंट
5000 एमपीएन से अधिक टोटल कॉलिफार्म वाले पानी का ट्रीटमेंट ही नहीं हो सकता है। इसके बावजूद वार्षिक औसत के आधार पर कैलाश घाट पर यमुना जल में 32750 एमपीएन और वाटर वर्क्स पर 52833 एमपीएन टोटल कॉलिफार्म होने पर भी जल संस्थान उसका कैसे शोधन कर रहा है, इस पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
यह हैं मानक
डीओ: पीने के पानी में छह मिलीग्राम प्रति लिटर, नहाने के पानी में पांच मिलीग्राम प्रति लिटर या उससे अधिक और ट्रीटमेंट के बाद पानी में इसकी मात्र चार मिलीग्राम प्रति लिटर होनी चाहिए।
बीओडी: पीने के पानी में दो मिलीग्राम प्रति लिटर, नहाने के पानी में तीन मिलीग्राम प्रति लिटर और ट्रीटमेंट के बाद पानी में इसकी मात्र तीन मिलीग्राम प्रति लिटर होनी चाहिए।
टोटल कॉलिफार्म: इसे मोस्ट प्रोबेबल नंबर (एमपीएन) प्रति १०० एमएल में मापा जाता है। पीने के पानी में ५०, नहाने के पानी में ५०० से अधिक नहीं होना चाहिए। टोटल कॉलिफार्म की मात्र जिस पानी में ५००० एमपीएन से कम है, उसी को ट्रीट किया जा सकता है। इससे अधिक होने पर वो ट्रीट ही नहीं हो पाएगा।
एसटीपी ने घोला जहर
यमुना नदी के लिए एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) कालिय नाग बने हुए हैं। शहर के नालों के पानी को शोधित करने का दिखावा किया जा रहा है। यमुना जल में भीषण प्रदूषण जाहिर करता है कि इसे एसटीपी से शोधित किया ही नहीं गया।
पिछले वर्ष 2018 के दरम्यान उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जुटाए गए आंकड़े बताते हैं कि आगरा में यमुना जल में एमपीएन की मात्रा का 1.6 लाख तक पहुंचना सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के संचालन की कलई खोल रहा है। एसटीपी से बिना शोधित हुए ही गंदा पानी यमुना में छोड़ा जा रहा है, जिससे यह स्थिति बनी है। जानकार बताते हैं कि 5000 एमपीएन से अधिक टोटल कॉलिफार्म वाले पानी का शोधन हो ही नहीं सकता। मथुरा, आगरा और फीरोजाबाद में यमुना नदी के जल में टोटल कॉलिफार्म निर्धारित मानक से कई गुना ज्यादा पाया गया।
वार्षिक औसत
डीओ, बीओडी, टोटल कॉलिफार्म
अपस्ट्रीम कैलाश घाट
6.5, 9.8, 32750
अपस्ट्रीम वाटर वक्र्स
5.8, 12.2, 52833
डाउन स्ट्रीम ताजमहल
5.1, 13.1, 98750
माहवार यमुना में प्रदूषण की स्थिति
अपस्ट्रीम कैलाश
माह, डीओ, बीओडी, टोटल कॉलिफार्म
जनवरी, 6.4, -, 31000
फरवरी, 5.8, -, 35000
मार्च, 6.2, -, 32000
अप्रैल, 7.4, -, 35000
मई, 7.3, -, 35000
जून, 7.2, -, 38000
जुलाई, 6.8, -, 38000
अगस्त, 5.6, 9.6, 22000
सितंबर, 5.8, 9.0, 24000
अक्टूबर, 5.5, 10.0, 30000
नवंबर, 7.8, 12.5, 38000
दिसंबर, 6.3, 8.0, 35000
अपस्ट्रीम वाटर वक्र्स
माह, डीओ, बीओडी, टोटल कॉलिफार्म
जनवरी, 5.3, 15.2, 52000
फरवरी, 5.1, -, 54000
मार्च, 5.7, -, 54000
अप्रैल, 6.3, -, 54000
मई, 6.0, -, 54000
जून, 5.5, -, 92000
जुलाई, 6.7, -, 92000
अगस्त, 5.4, 10.2, 25000
सितंबर, 5.7, 10.6, 30000
अक्टूबर, 5.3, 10.6, 35000
नवंबर, 6.7, 14.0, 54000
दिसंबर, 6.0, 12.4, 38000
डाउन स्ट्रीम ताजमहल
माह, डीओ, बीओडी, टोटल कॉलिफार्म
जनवरी, 4.9, 20.4, 120000
फरवरी, 4.6, -, 120000
मार्च, 4.7, -, 120000
अप्रैल, 6.0, -, 120000
मई, 5.0, -, 120000
जून, 5.0, -, 120000
जुलाई, 5.4, -, 160000
अगस्त, 5.2, 10, 28000
सितंबर, 5.3, 11.8, 35000
अक्टूबर, 4.3, 12.8, 38000
नवंबर, 5.8, 10.5, 92000
दिसंबर, 4.8, 12.8, 92000
फुल फॉर्म
-डीओ: डिजॉल्वड ऑक्सीजन।
-बीओडी: बायो-केमिकल ऑक्सीजन डिमांड।
-टोटल कॉलिफार्म: पानी में घुला मानव या जीवों का अपशिष्ट।
मथुरा
अपस्ट्रीम विश्राम घाट
माह, डीओ, बीओडी, टोटल कॉलिफार्म
जनवरी, 3.8, 9.0, 88000
फरवरी, 3.8, 10.0, 90000
मार्च, 4, 14, 96000
अप्रैल, 3.4, 15.0, 98000
मई, 3.1, 14.0, 90000
जून, 4.2, 15.0, 92000
जुलाई, 4.1, 9.6, 110000
अगस्त, 6.6, 7.0, 80000
सितंबर, 6.1, 8.0, 96000
अक्टूबर, 4.8, 14.0, 80000
नवंबर, 4.2, 9.0, 92000
दिसंबर, 4.9, 11.0, 93000
वार्षिक औसत, 4.4, 11.3, 92083
डाउन स्ट्रीम मथुरा
माह, डीओ, बीओडी, टोटल कॉलिफार्म
जनवरी, 3.8, -, -
फरवरी, 3.8, -, -
मार्च, -, -, -
अप्रैल, 3.4, 13.0, -
मई, 4.8, 12.0, -
जून, 3.7, 14.0, -
जुलाई, 4.0, 10.2, -
अगस्त, 6.4, 8.0, -
सितंबर, 5.9, 9.0, -
अक्टूबर, 4.8, 14.0, -
नवंबर, 4.0, 10.0, -
दिसंबर, 4.2, 13.0, -
वार्षिक औसत, 4.4, 11.5
फीरोजाबाद
अपस्ट्रीम
माह, डीओ, बीओडी, टोटल कॉलिफार्म
जनवरी, 5.1, 18.5, -
फरवरी, 5.4, -, -
मार्च, 5.6, -, -
अप्रैल, 6.1, -, -
मई, 6.3, -, -
जून, 5.6, -, -
जुलाई, 6.3, -, -
अगस्त, 5.5, 14.0, 86000
सितंबर, -, -, -
अक्टूबर, -, -, -
नवंबर, -, 18.0, -
दिसंबर, -, 17.0, -
वार्षिक औसत, 5.7, 16.9, 86000
डाउन स्ट्रीम
माह, डीओ, बीओडी, टोटल कॉलिफार्म
जनवरी, 4.9, 20.0, -
फरवरी, 5.2, -, -
मार्च, 5.3, -, -
अप्रैल, 5.7, -, -
मई, 5.8, -, -
जून, 5.2, -, -
जुलाई, 6.0, -, -
अगस्त, 4.9, 16.0, -
सितंबर, -, -, -
अक्टूबर, -, -, -
नवंबर, -, 19.5, -
दिसंबर, -, 19.5, -
वार्षिक औसत, 5.4, 18.8, -