सलमान खान को इस Police Officer ने बनाया था कुश्ती का 'सुल्तान' Agra News
पद्मश्री पहलवान पिता के डिप्टी एसपी बेटे ने अखाड़े के हर दांव में हासिल की सफलता। पिता का नाम रोशन करने को जुनून से जीती हर कुश्ती।
आगरा, विनीत मिश्र। ये लगन और जुनून ही है। बचपन में अपने दांव से बड़े-बड़े पहलवानों को चित करने वाला ये बच्चा जब पुलिस अफसर बना, तो अपराधी कांपने लगे। डिप्टी एसपी बने ये रुपहले पर्दे पर छा गया। अखाड़े के दांव देख बॉलीवुड स्टार सलमान खान और आमिर खान भी मुरीद हो गए। फिल्म सुल्तान में सलमान के कोच बने, तो दंगल फिल्म में बबिता और गीता का रोल निभाने वाले अभिनेत्रियों के चयन में भी भूमिका निभाई।
जगदीश कालीरमन, कहने को मथुरा की छाता सर्किल में डिप्टी एसपी हैं, लेकिन अखाड़े से लेकर रुपहले पर्दे तक उनकी चर्चा आम है। पिता पद्मश्री मास्टर चंदगीराम देश के जाने-माने पहलवान रहे, सो अखाड़े के दांवपेच तो जगदीश विरासत में ही सीख गए। महज छह साल की उम्र में अखाड़े के ताल ठोंकनी शुरू कर दी। तीन भाइयों में सबसे बड़े जगदीश के गुरु भी पिता ही थे। जगदीश का सूत्रवाक्य है कुश्ती मुझे विरासत में तो जरूर मिली है, लेकिन हर जीत मुझे खुद ही हासिल करनी है। पिता का नाम रोशन करने के लिए इन्होंने हर कुश्ती जीती है।
जगदीश बताते हैैं कि बात 2016 की है। सुल्तान फिल्म के लिए अभिनेेता सलमान खान को पहलवानी की एक्टिंग सिखाने वाले कोच की तलाश थी। जगदीश कुश्ती की कमेंट्री भी करते हैं। कई चैनलों पर उनकी कमेंट्री के लोग दीवाने हैें। 2016 में रियो ओलिंपिक में जगदीश ने कमेंट्री की।
सुल्तान फिल्म के निर्देशक अली अब्बास जफर ने जगदीश के बारे में पता चलने पर इनसे संपर्क किया और फिल्म अभिनेता सलमान खान तथा अभिनेत्री अनुष्का शर्मा को फिल्म के सीन के हिसाब से ट्रेनिंग देने की बात कही। फिल्म में जगदीश ने सलमान के कोच की भूमिका निभाई। 2016 में आमिर खान की फिल्म दंगल में महिला पहलवान की भूमिका निभाने वाली गीता (फातिमा सना शेख) और बबिता (सानिया मेहरोत्रा) के चयन व ट्रेनिंग में भी इंदौर के पहलवान कृपाशंकर के साथ जगदीश की भी भूमिका रही। मूलत: हिसार के गांव सिसाय निवासी जगदीश कहते हैं कि पिता के पदचिह्नों पर चलकर उनका नाम रोशन करना ही जीवन का उद्देश्य है।
जगदीश की कामयाबी
जगदीश कालीरमन वर्ष 2001 से लेकर 2004 तक लगातार भारत केसरी रहे। 2001 से 2003 तक लगातार नेशनल चैंपियन बने। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में विभिन्न देशों में अपने भार वर्ग 120 किलो में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 2004 में खेल कोटे से पुलिस में उप निरीक्षक बन गए, तो 2005 में मेडल लाने पर ऑउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर बने और फिर 2016 में डिप्टी एसपी। इन्हें दिल्ली के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में डिस्ट्रिक्ट आइकॉन के रूप में भी चुना गया है। जगदीश कालीरमन को थिएटर की दुनिया भी खूब पसंद है। वह रामलीला दिल्ली में रामलीला आदि में कई भूमिकाएं निभा चुके हैं।