फर्जी दस्तावेज बनाने में माहिर है सॉल्वर गैंग, जानिये कैसे वसूलते थे प्रतियोगी से लाखों
फर्जी दस्तावेज बनाने वाले आरोपित पुलिस ने भेजे जेल जबकि सरगना समेत गैंग के चार सदस्य हैं फरार।
आगरा, जेएनएन। रविवार को यूपी में हुई 69 हजार शिक्षकों की लिखित भर्ती परीक्षा से पहले टूंडला पुलिस और क्राइम ब्रांच द्वारा दबोचे गए सॉल्वर गैंग के चार सदस्यों के पास से फर्जी दस्तावेजों का जखीरा बरामद हुआ है।
दो अलग-अलग स्थानों से दबोचे गए आरोपितों रूपेश पौनिया पुत्र लाखन सिंह निवासी बसई टूंडला, हरेंद्र पुत्र रणधीर निवासी नगला तुलसी टूंडला, अजय पौनिया पुत्र उदयभान सिंह निवासी बसई टूंडला और सुशील कुमार पुत्र सुखदयाल निवासी नगला रति लाइनपार फीरोजाबाद को पुलिस ने सोमवार को जेल भेज दिया है। आरोपित फर्जी दस्तावेज बनाने में माहिर थे। दस्तावेजों के बदले प्रत्येक प्रतियोगी से आठ से दस लाख रुपये तक वसूलते थे। आरोपितों के पास से सील- मुहर भी बरामद हुए हैं। इतना ही नहीं सॉल्वर गैंग के सदस्य दूसरे अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा देते थे। परीक्षा पास कराने के नाम पर लाखों रुपये वसूले जाते थे। फिलहाल गैंग के सरगना मोहन यादव पुत्र सुखराम यादव निवासी नगला दत्ता, नगला सिंधी फीरोजाबाद सहित सचिन पुत्र किडोरे सिंह निवासी गढ़ी भगवंत नगला सिंधी, अनिल और जितेंद्र फरार हैं। फीरोजाबाद पुलिस फरार सदस्यों की धरपकड़ करने के प्रयास कर रही है।
बता दें कि शनिवार देर रात क्राइम ब्रांच की टीम ने लाइनपार क्षेत्र से मोहन यादव नामक युवक को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने तीन अन्य युवकों को फीरोजाबाद जिले के टूंडला के अंतर्गत आने वाले गांव बसई से दबोच लिया। सूत्रों के अनुसार, मोहन यादव नौकरी दिलाने के नाम पर दलाली करता था। जून में हुई पुलिस भर्ती परीक्षा में भी उसने कई युवकों के स्थान पर सॉल्वर गैंग के सदस्यों को बिठाकर परीक्षा पास करायी थी। इसमें बसई गांव से पकड़े गए दो युवक भी शामिल हैं। पकड़े गए युवकों को एक माह बाद ट्रेङ्क्षनग पर जाना था। इन्हें नौकरी मिलने की खुशी में गांव में मिठाई बांटी गई थी।
मोहन के पास से एक रजिस्टर भी मिला है। इसमें अब तक पुलिस में भर्ती कराए गए युवकों के नाम, पते व मोबाइल नंबर अंकित हैं। बताते हैं, पकड़े गए युवकों ने पुलिस को अपने गैंग में शामिल कुछ अन्य युवकों के नाम भी बताए हैं। ये युवक अलग-अलग शहरों में रहते हैं। पुलिस इनके यहां भी दबिश दे रही है। क्राइम ब्रांच की एक टीम हमीरपुर भी दबिश देने गई है। पुलिस अभी इस मामले में कुछ नहीं बता रही है।
परीक्षा से पहले होते थे फर्जी कागजात तैयार
पुलिस गिरफ्त में आया शातिर परीक्षा पास कराने के एवज में लाखों रुपये वसूलता था। परीक्षा से पहले अभ्यर्थिंयों के ङ्क्षफगर ङ्क्षप्रट के साथ ही कुछ अन्य फर्जी कागजात तैयार कराए जाते थे।
50 हजार में सुखवीर की जगह परीक्षा दे रहा था बनवारी
सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में रविवार को आगरा में भी एक सॉल्वर पकड़ा गया था। उसने पूछताछ में बताया कि परीक्षा देने के बदले उसे 50 हजार रुपये मिलने थे। आरोपित के खिलाफ हरीपर्वत थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है।
आरबीएस इंटर कॉलेज में परीक्षा शुरू होने से पहले कक्ष निरीक्षक प्रवेश पत्र चेक कर रहे थे। तभी फोटो मिलान के दौरान उन्हें एक अभ्यर्थी पर शक हुआ। उससे पूछताछ की तो पता चला कि वह दूसरे अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने पहुंचा था। कक्ष निरीक्षक ने उसे पुलिस को सौंप दिया। पकड़े गए युवक ने अपना नाम बनवारी मीणा बताया। वह राजस्थान के अलवर का रहने वाला है और एमएससी करने के बाद दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। एक मध्यस्थ के माध्यम से उसकी बाह निवासी सुखवीर की जगह परीक्षा देने की बात हुई। सौदा पचास हजार रुपये में तय हुआ था। इनमें से 20 हजार रुपये परीक्षा देते ही मिल जाते। पूछताछ के बाद पुलिस उसे थाने ले गई। इंस्पेक्टर हरीपर्वत महेश चंद्र गौतम ने बताया कि आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।