मां- बेटी और मासूम का हत्यारा नौ साल में नहीं खोज सकी पुलिस
पत्नी-बेटी के 22 टुकड़े करने की घटना में शामिल था सुल्तानपुर का कासिम। आरोपित पति और उसके चालक को कोर्ट सुना चुकी है उम्र कैद की सजा।
आगरा, जागरण संवाददाता। न्यू आगरा के बल्केश्वर में पत्नी और बेटी के 22 टुकड़े करने के आरोपित पति और उसके चालक को तो कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुना दी। मगर, जघन्य हत्याकांड में शामिल व्यापारी के नौकर को पुलिस नौ साल बाद भी नहीं खोज सकी। सुल्तानपुर का रहने वाला कासिम बेसुराग है। कातिल कासिम खुलेआम घूम रहा है। मृतकों के परिजन आज उसे सलाखों के पीछे देखना चाहते हैं।
फ्लैश बैक
पति द्वारा घर से निकाले जाने के बाद शालिनी शर्मा बल्केश्वर के गीता नगर निवासी मुकेश शर्मा के यहां काम करने लगी। उसने शालिनी को प्रेमजाल में फांस करके शादी कर ली। उससे एक बेटा कृष्णा हुआ। शालिनी ने अपना हक मांगा तो मुकेश ने उसे रास्ते से हटाने की साजिश रची। वह 15 अप्रैल 2010 को अपने चालक बेलनगंज निवासी अशोक उपाध्याय के साथ शालिनी के घर आया। पुत्र कृष्णा का इलाज कराने के बहाने से शालिनी और खुशबू को साथ ले गया। मां-बेटी की हत्या करने के बाद लाशों के 22 टुकड़े करके सिकंदरा के जंगल में फेंक दिए। कृष्णा का गला घोंटकर शव कालिंदी विहार में फेंक दिया था। मामले में मुकेश शर्मा उसके चालक और नाबालिग बेटे समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
सुल्तानपुर का रहने वाला है कासिम
शालिनी के भाई भारत लालवानी के अनुसार हत्या में मुकेश का नौकर कासिम निवासी सुल्तानपुर भी शामिल था। पुलिस ने तीन आरोपितों को तो गिरफ्तार कर लिया। मगर, कासिम को पता नहीं लगा सकी। जबकि मुकेश का कहना था कि छुरी से लाशों के टुकड़े करने में वह साथ रहा था। लाशों के टुकड़े पैक कराने की साजिश भी उसी ने रची थी। पुलिस ने कासिम को कुछ महीने तक तो उसे खोजने की कोशिश की। उसका सुराग नहीं लग सका। पुलिस यदि कुछ और प्रयास करती तो कासिम तक पहुंच सकती थी।