हरिद्वार व दिल्ली के होटलों में छिपा रहा अंशुल, पुलिस देती रह शह
पुलिस हिरासत में राजू की मौत का मामला दोषी दारोगा अभी भी गिरफ्त से दूर
आगरा, जागरण संवादादता। पुलिस के हत्थे चढ़ा अंशुल फरारी के दौरान सवा महीने तक दिल्ली और हरिद्वार के होटलों में छिपा रहा। इनाम घोषित होने के बाद पुलिस का दबाव बढ़ने पर उसने चकमा देने के लिए रणनीति अपनाई। बताते हैं अपना मोबाइल किसी और को देकर उसकी लोकेशन दूसरे शहरों में दिखाता रहा। इसके चलते पुलिस मथुरा समेत अन्य जिलों में दबिश देती लेकिन वह हाथ नहीं आता। अंशुल ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह दिल्ली और हरिद्वार में हर दूसरे दिन होटल बदल देता था ताकि पुलिस उस तक नहीं पहुंच सके। इंजीनियर की नौकरी छोड़ संभाला कारोबार
अंशुल की दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। वह मथुरा रिफाइनरी की सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर पिता के कहने पर कुछ महीने पहले ही उनका केमिकल का कारोबार संभालने आया था। दारोगा तक नहीं पहुंच सकी पुलिस
पुलिस ने कारोबारी अंशुल को तो गिरफ्तार कर लिया। मगर, दारोगा अनुज सिरोही तक नहीं पहुंच सकी। जबकि दोनों पर ही 20 हजार रुपये का इनाम घोषित है। दारोगा ने कोर्ट में समर्पण प्रार्थना पत्र डाला, मगर हाजिर नहीं होने पर वह खारिज हो गया। उप मुख्यमंत्री से डीजीपी तक पहुंचा वैश्य समाज
पुलिस हिरासत में पिटाई से मृत राजू गुप्ता के परिजनों को लेकर वैश्य समाज के लोग उप मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी तक से मिले। उन्होंने लगातार आंदोलन जारी रखा। आरोपितों की गिरफ्तारी को महापंचायत बुलाई गई। पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को सात दिन का अल्टीमेटम देने के बाद पुलिस पर दबाव बढ़ा। वैश्य समाज के विनय अग्रवाल आदि ने कहा कि दारोगा की गिरफ्तारी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।