मथुरा में पकड़े गए पांच बांग्लादेशी घुसपैठिए, कर रहे थे कूड़ा बीनने का काम
एजेंट के माध्यम से दाखिल हुए थे ीारत में। हरियाणा का व्यक्ति बना था शरणदाता। उसी ने सिखाई थी भाषा और कूड़ा बीनना।
आगरा(जेएनएन): मथुरा जिले के कोसीकलां की सड़कों पर कूड़ा बीनने का काम करने वाले बांग्लादेशी घुसपैठिए निकलेंगे। जी हां, यह सच है। मंगलवार को कस्बे में पांच अवैध बाग्लादेशी घुसपैठियों को पुलिस ने पकड़ा है। यह लोग पिछले दो साल से आसपास के गावों एवं इलाके में रहकर कूड़ा बीन कर यहीं गुजर बसर कर रहे थे। पकड़े गए बाग्लादेशी घुसपैठियों में बच्चू सरदार पुत्र मोहिनुद्दीन, हफिजूल पुत्र तूफेल, अशरफ पुत्र मोहम्मद अली मुल्ला, रशीदा उर्फ रसूला पत्नी हाफिज उल, मरियम पत्नी बच्चू सरदार हैं। पुलिस को उनके पास से बाग्लादेशी करेंसी भी बरामद हुई है। यह लोग दो साल पूर्व बाग्लादेशी एजेंट के माध्यम से फेंसिंग पारकर हिंदुस्तान में घुसे थे। एजेंट गफूर पुत्र शहरु उद्दीन इन्हें उत्तर भारत में लेकर आया था। हरियाणा के होडल के पास पदम सिंह पुत्र राजेंद्र उर्फ राजू इनका शरणदाता बना हुआ था। यहीं से इन्हें कबाड़ बीनने का हुनर सिखाया गया और लोगों में घुल मिलकर यहा की भाषा सीखने और अपना ठिकाना बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया। एसपी ग्रामीण आदित्य शुक्ला ने बताया कि कोसी पुलिस टीम को खुफिया विभाग से बाग्लादेशियों के यहा होने की जानकारी मिली थी। जिस पर कार्यवाई करते हुए इंस्पेक्टर अमित कुमार एवं उनकी टीम ने इनकी खोजबीन की और इन्हें मुहल्ला निकासा से पकड़ लिया। यह लोग यहीं रहकर कबाड़ा बीनकर यहा की भाषा सीखते थे और लोगों में घुल मिलने का प्रयास कर रहे थे। मरियम तो अच्छी भाषा सीख गई थी जबकि अन्य लोग टूटी- फूटी हिंदी बोल पाते थे। इसी के चलते यह लोग जल्दी से पुलिस की गिरफ्त में आ गए। पुलिस ने पकड़े गए पांचों अवैध घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई की है। वही इनके एजेंट गफूर एवं शरणदाता पदम सिंह निवासी होडल के यहा पर लगातार दबिश दी जा रही है। यह लोग फरार चल रहे हैं।