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इम्‍यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय के कौन से हैं वो सुझाव? PM मोदी की अपील में जिनका जिक्र

धर्म वैज्ञानिक डॉ जे जोशी के अनुसार आयुष मंत्रालय के सुझावों के पीछे छुपा है सनानत धर्म का विज्ञान।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 14 Apr 2020 02:02 PM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2020 05:20 PM (IST)
इम्‍यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय के कौन से हैं वो सुझाव? PM मोदी की अपील में जिनका जिक्र

आगरा, तनु गुप्‍ता। 21 दिन का लॉकडाउन अब बढ़कर 3 मई तक हो चुका है। मौजूदा हालात इस ओर इशारा भी कर रहे थे। और जो संक्रमितों का आंकड़ा सामने आ रहा है वो स्थिति के प्रति बेहद चिंताजनक है। अकेले आगरा की बात की जाए तो कोरोना विस्‍फोट की भांति यहां संक्रमित लोग सामने आ रहे हैं। एक संक्रमित व्‍यक्ति एक दर्जन से अधिक लोगों में यहां संक्रमण फैला चुका है। खतरे की घंटी तो बहुत पहले ही बज चुकी है। अब तो जरूरत है कि घर में रहकर कोरोना वायरस से दो दो हाथ करने की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह देश के नाम अपने संबोधन में इस ओर इशारा भी कर चुके हैं। सात बातों के साथ में तीसरी बात की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने आयुष मंत्रालय की सलाह मानने के लिए लोगों से कहा है।

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आपको जानकर हैरानी होगी कि आयुष मंत्रलाय की सलाह का हर उपाए घर में ही छुपा है और सनातन धर्म में सदियों से वो उपाय उपयोग में आता रहा है। धर्म विज्ञान शोध संस्‍थान, उज्‍जैन के निर्देशक डॉ जे जोशी से जागरण डॉट कॉम ने सनातन धर्म के इन उपायों पर बात की। उन्‍होंने बताया कि आदिकाल से हमारे देश में हर परंपरा, खानपान का उदय वैज्ञानिक और औषधिय आधार पर हुआ है। विभिन्‍न त्‍योहार प्रकृति पूजा की ओर इशारा करते हैं यानि पर्यावरण यदि सुरक्षित है तो इंसान सुरक्षित है। तुलसी जैसे औषधिय गुणों की खान की पूजा की जाती है। पीपल और वट वृक्ष को देवतुल्‍य माना जाता है। कपूर और गुग्‍गल का प्रयोग हवनादि में करने के पीछे बैक्टिरिया- वायरस का खत्‍म करनेे की सोच ही है।

 

आयुष मंत्रालय के सुझाव

- COVID-19 वायरस के प्रभाव से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप नियमित तौर पर गुनगुना पीना पिएं।

- शरीर के इम्यून सिस्टम को दुरूस्त रखने के लिए आपको नियमित तौर पर उचित मात्रा में आंवला, एलोवेरा, गिलोय, नींबू आदि का जूस पीना चाहिए।

- रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के आप पानी में तुलसी रस की कुछ बूंदें डालकर पी सकते हैं।

- गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीने से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है।

- इम्यून सिस्टम की बेहतरी के लिए आप काढ़ा का सेवन करना उत्तम रहेगा।

- घर और आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए आप नियमित तौर पर नीम की पत्तियों, गुग्गल, राल, देवदारु और दो कपूर को साथ में जलाएं। उसके धुएं को घर और आस-पास में फैलने दें।

- इसके अलावा आप चाहें तो गुग्गल, वचा, इलायची, तुलसी, लौंग, गाय का घी और खांड को किसी मिट्टी के पात्र में रखकर जलाएं और उसके धुएं को घर और आस-पास में फैलने दें।

- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए आप नियमित तौर पर तुलसी की 5 पत्तियां, 4 काली मिर्च, 3 लौंग, एक चम्मच अदरक का रस शहद के साथ ले सकते हैं।

- चाय पीने के शौकीन हैं, तो आपको नियमित रूप से 10 या 15 तुलसी के पत्ते, 5 से 7 काली मिर्च, थोड़ी दालचीनी और उचित मात्रा में अदरक डालकर बनाई गई चाय पीनी चाहिए। य​ह आपको रोगों से बचने में मदद करेगी।

ये प्रयोग नहीं होने देंगे वायरस से रोग

डॉ जे जोशी के अनुसार आमतौर पर घरों में रहने वाली तुलसी का प्रयोग करें। एक पत्‍ता श्‍याम और एक राम तुलसी का खाना शुरु कर दें, तो कोरोना वायरस कभी अटैक नहीं करेगा। हर घर में घंटा ध्‍वनि और शंखनाद किये जाएं तो आठ मीटर के घेरे में वायरस खत्‍म हो जाते हैं। आठ दिन में एक बार हल्‍दी के उबटन का प्रयोग करें। एंटीसेप्टिक का प्रयोग बाहर से करने से वायरस शरीर में अंदर प्रवेश नहीं करेगा। प्रतिदिन घर में गुग्‍गल की धुनि दें। गुग्‍गल अपने आसपास के बैक्‍टीरिया को स्‍वत: की खत्‍म कर देता है। कपूर के ऊपर गुग्‍गल रखें और उसे जलाकर उसका धुंआ घर में दें।

आइसोलेशन में भी सुनाया जाता है महामृत्‍युंजय मंत्र

कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को जिस आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है वहां भी महामृत्‍युंजय या गायत्री मंत्र सुनाया जाता है। इसके पीछे के कारण को डॉ जोशी बताते हैं कि सनातन धर्म में मंत्र शक्ति एक अद्भुत शक्ति है। इससे कई असाध्‍य रोग प्राचीन समय से अपने आप सही होते रहे हैं। कोरोना वायरस से बचाव के लिए यदि ऊंची ध्‍वनि में घर और घर के आसपास के क्षेत्र में महामृत्‍युंजय मंत्र को बजाया जाए या स्‍वयं लाउडस्‍पीकर पर किया जाए तो चमत्‍कारिक रूप से वायरस की चपेट में आने से बचा जा सकता है। महामृत्‍यंजय मंत्र के प्रत्‍येक शब्‍द में ऊर्जा समाहित होती है। हर शब्‍द जीवन प्रदान करता है।  


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