Vat Savitri Vrat 2021: सांसों को बचाना है तो पूजन के साथ बरगद का रोपण भी करें, जानिए कितना है जरूरी
Vat Savitri Vrat 2021 आओ रोपे बरगद आक्सीजन की खान है वट वृक्ष तमाम हैं फायदे। धार्मिक महत्व वट सावित्री व्रत रख महिलाएं करती पूजा। सनातन धर्म में पूजनीय बरगद औषधीय गुणों से भरपूर है। अब तो हालातों को देख बरगद लगाने की जरूरत और भी ज्यादा है।
आगरा, जेएनएन। हिंदू धर्म में प्रकृति को ही ईश्वर माना गया है, वैसे तो तुलसी, पीपल, केला जैसे वृक्ष भी पूजनीय हैं, लेकिन इनमें बरगद का पेड़ भी अगाध आस्था का प्रतीक सदियों से है। बरगद जहां सांसों के लिए आक्सीजन देने वाले पेड़ों में दूसरे स्थान पर है, वहीं इस वृक्ष के नाम पर ही महिलाएं वट सावित्री व्रत रख पति की लंबी आयु की कामना हर साल करती हैं। इस बार वट सावित्री व्रत 10 जून को है। कोरोना काल में इस अहम दिन को खास बनाएं और बरगद का पेड़ लगाएं।
बरगद जिसे वट वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। बरगद के पेड़ की तमाम खासियत सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक और औषधि के रूप में भी खास हैं। इन दिनों आक्सीजन की जरूरत का महत्व जनमानस समझ चुका है। सनातन धर्म में पूजनीय बरगद औषधीय गुणों से भरपूर है। अब तो हालातों को देख बरगद लगाने की जरूरत और भी ज्यादा है। श्रीमद् भागवत गीता में वट वृक्ष का वर्णन है, जिसे आध्यात्मिक रूप से वर्णित किया गया है। इस बार वट सावित्री व्रत की तैयारी कर रहीं महिलाएं सिर्फ पूजा तक ही नहीं बल्कि बरगद रोपकर जनहित के लिए पौधरोपण भी करेंगी।
बरगद के यह हैं लाभ
वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र अवागढ़ के प्रभारी डा. मनीष कुमार सिंह बताते हैं कि बरगद का पेड़ पीपल के बाद आक्सीजन देने में दूसरे स्थान पर है। यह 22 घंटे आक्सीजन उत्सर्जित करता है। बरगद के पत्ते, फल, छाल, जड़ें आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण में प्रयोग की जाती हैं। ठंडी तासीर के चलते कफ, पित्त की समस्या, बुखार, स्त्री रोग, त्वचा रोग में भी वृक्ष के सभी भाग काम आते हैं। इम्युनिटी बढ़ाने में भी यह कारगर है।
इस तरह लगाएं बरगद
उद्यान विशेषज्ञ डा. वीरेंद्र सिंह बताते हैं कि बरगद का पेड़ लगाने के लिए पहले से ही दो वर्ग फीट का गड्ढा तैयार करें, मिट्टी में गोबर की खाद मिलाकर उसमें आधा फीट भरें तथा नियमित पानी दें। जब मिट्टी व खाद ऊपर आ जाए तो पौधा रोपें। वट वृक्ष की शाखाएं व जड़ें दूर तक फैलती हैं इसलिए पौधा घर व इमारत से 20 से 30 मीटर दूरी पर लगाएं।वट वृक्ष रोपने का लिया संकल्प