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Indo Pak War of 1971: बमों से दहला था आगरा, देश के 11 एयरबेस पर एक साथ दुश्‍मन ने की थी बमबारी

भारत-पाक के बीच 1971 में युद्ध के दौरान तीन दिसंबर की शाम खेरिया एयरपोर्ट पर पाकिस्तानी विमान ने गिराए थे बम। एयर स्ट्रिप के पास हो गए थे गड्ढे लोगों के जेहन में आज भी ताजा हैं यादें।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 11:06 AM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 11:06 AM (IST)
Indo Pak War of 1971: बमों से दहला था आगरा, देश के 11 एयरबेस पर एक साथ दुश्‍मन ने की थी बमबारी
भारत पाक युद्ध की समाप्ति पर दोनों देश के सैन्‍य कमांडर। फाइल फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। भारत-पाकिस्तान युद्ध, 1971 के दौरान आगरा बमों से दहल उठा था। पाकिस्तानी बमवर्षक विमान मार्टिन बी-57 कैनबरा ने खेरिया एयरपोर्ट पर तीन दिसंबर की शाम बम गिराए थे। रनवे के पास बम गिरने से गहरे गड्ढे हो गए थे। लोगों ने इसे अातिशबाजी समझा था, लेकिन दूसरे दिन अखबारों से उन्हें पाकिस्तान द्वारा हमला करने की जानकारी हुई थी। आगरावासियों ने इसके बावजूद हौंसला नहीं खोया था, बल्कि वो पाकिस्तान से आर-पार की लड़ाई चाहते थे।

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पाकिस्तान ने तीन दिसंबर, 1971 को भारत के खिलाफ आपरेशन चंगेज खां किया था। शाम के समय भारत के 11 एयर बेस अमृतसर, अंबाला, आगरा, अवंतीपुर, बीकानेर, हलवाड़ा, जोधपुर, जैसलेमर, पठानकोठ, भुज, श्रीनगर पर उसने शाम 5:30 बजे के बाद हमला किया था। नेहरू नगर अपार्टमेंट निवासी ध्रुव बंसल (78) बताते हैं कि एक दिन रात को ब्लैक आउट हुआ। तब लड़ाई की बात किसी ने नहीं सोची थी। अचानक बम फटने की आवाज हुई। हमने सोचा कि इस समय कौन-सा आतिशबाजी का समय आ गया है जो लोग बम फोड़ रहे हैं। उस समय मैं आगरा इंजीनियर एसोसिएशन का सचिव था, जिससे 17 सरकारी व अर्द्ध सरकारी विभागों और व्यक्तिगत कार्य करने वाले इंजीनियर जुड़े हुए थे। अगले दिन मैं सुबह कमांडर वर्क्स इंजीनियर (सीडब्ल्यूई) कर्नल नांबियार के पास गया। कर्नल नांबियार मुझे एयरफोर्स स्टेशन लेकर गए। वहां देखा कि रनवे के नजदीक बम गिरे थे और उनसे जगह-जगह गड्ढे हो गए थे। रनवे को नुकसान नहीं हुआ था। एक बिना फटा हुआ बम भी कुछ दूरी पर पड़ा हुआ था। अखबारों से यह जानकारी मिली कि रात को हमला हुआ है। अरावली की पहाड़ियों से होते हुए पाकिस्तानी बमवर्षक विमान आगरा तक पहुंचे थे। पहाड़ियों में होने की वजह से वो रडार पर पकड़ में नहीं आ सके। पाकिस्तान का यह हमला निष्फल हो गया था। हमले के बावजूद लोगों में कोई दहशत नहीं थी। सभी पाकिस्तान से आर-पार की लड़ाई चाहते थे। इससे पूर्व 1965 के युद्ध में पाकिस्तान को भारत बुरी तरह हरा चुका था।

बम गिरने से हो गया था गहरा गड्ढा

इतिहासविद राजकिशोर राजे बताते हैं कि खेरिया एयरपोर्ट पर बम गिरने के बाद वो उस जगह को देखने गए थे। वहां गहरा गड्ढा हो गया था और फसल जल गई थी। रात को ब्लैक आउट रहता था। घरों से बाहर रोशनी नहीं आने दी जाती थी।


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