दागी आश्रम बंद, बच्चों को किया शिफ्ट, प्राथमिक विद्यालय भी फंसा पेंच में Agra News
गुरुवार को सामने आया था किशोरी के साथ दुष्कर्म का मामला। महिला आयोग उपाध्यक्ष को मिली थीं तमाम खामियां। जेजे एक्ट में भी नहीं है रजिस्ट्रेशन।
आगरा, जागरण संवाददाता। अनाथों को अश्राय देने के नाम पर चल रहे घिनौने खेल पर आखिरकार नकेल कसने जा रही है। किशोरी से दुष्कर्म मामले में सुर्खियों में आये आश्रम की सीलिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सीडीओ जे रीभा और एसडीएम एत्मादपुर ज्योति राय आश्रम पहुंच कर प्रक्रिया को पूरा करा रही हैं। जेजे एक्ट में पंजीकरण न होने और अनियमितताओं को लेकर आश्रम प्रबंधन के खिलाफ एत्माद्दौला थाने में मुकदमा भी दर्ज किया जा रहा है। वहींं आश्रम में रहने वाले बच्चों को शिफ्ट कर दिया गया है। इस सब मामले में आश्रम में संचालित होने वाला प्राथमिक विद्यालय भी पेंच में फंस गया है। आश्रम बंद होने के चलते विद्यालय का संचालन भी अब नहीं हो सकेगा।
राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष और अधिकारियों के निरीक्षण में कमियां मिलने के बाद अब प्रशासन इसे बंद करने जा रहा है। फिलहाल इसमें रहने वाले किशोर- किशोरियों को शिफ्ट करने को सुरक्षित स्थान देखा जा रहा है। बता दें कि आश्रम में रहने वाली एक युवती ने गुरुवार को यमुना में छलांग लगा दी थी। उसने आश्रम के तीन लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। शुक्रवार को राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष शुषमा सिंह वहां पहुंची। आश्रम का जेजे एक्ट के तहत पंजीकरण नहीं था। यहां तमाम आपत्ति जनक वस्तुएं भी मिलीं। प्रशासनिक अधिकारी भी उनके साथ थे। टीम के दौरे में वहां की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। शनिवार को इस मामले में जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार ने डीपीओ लवकुश भार्गव को कारण बताओ नोटिस भेजा था। उन्होंने आश्रम का पंजीकरण न होने पर अब तक केवल नोटिस दिए थे। उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी। अब प्रशासन इसको बंद कराने जा रहा है।
आयोग की निगरानी में हुआ मेडिकल
राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने पीड़िता को अपनी निगरानी में मेडिकल कराने के लिए कहा था। राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित शनिवार को आशा ज्योति केंद्र में पहुंची तो पीड़िता वहां नहीं मिली। पीड़िता को पुलिस मानसिक आरोग्यशाला में परीक्षण को ले गई थी। राज्य महिला आयोग की सदस्य ने डीएम को फोन किया। इसके बाद पुलिस उसे लेकर आशा ज्योति केंद्र पहुंची। राज्य महिला आयोग की सदस्य ने बाद में अपनी निगरानी में मेडिकल कराया।
अनाथ आश्रम से बना अय्याशी का अड्डा
यमुना किनारे बसा आश्रम अय्याशी का अड्डा बना है। यहां रहने वाले कुछ किशोर और किशोरी तो पढ़ते हैं। मगर, कुछ तो बालिग होने के बाद भी यहां रह रहे हैं। बेरोक टोक यहां बाहरी लोगों की एंट्री होती है। कुछ मुख्य द्वार से तो कुछ टूटी बाउंड्रीवाल से भी आते हैं। आश्रय गृह में हो रही अय्याशी का सच राज्य महिला आयोग की टीम के सामने भी आ गया है।
एत्माद्दौला क्षेत्र में स्थित आश्रम में 40 से अधिक किशोर-किशोरियों वर्षो से रह रहे हैं। यहां रहने वाले किशोर और किशोरियों का कहना है कि यहां उनको ठीक से भोजन भी नहीं दिया जाता। कीड़े वाली दाल, घुना हुआ आटा और सड़े हुए चावल खाने को दिए जाते हैं। इस पर आपत्ति जताने पर किशोर किशोरियों से मारपीट की जाती है। दानदाता यहां बच्चों के लिए खाद्य सामग्री लेकर आते हैं। इसे यहां के कर्मचारी ही डकार जाते हैं। कुछ राशन तो बाजार में बेच दिया जाता है।
दीवार ठीक कराई, रिकार्ड तैयार
राज्य महिला आयोग की सदस्य को आश्रम की दीवार टूटी मिली थी। आश्रम में कोई रिकार्ड भी नहीं मिला था। कर्मचारियों ने रात में ही रिकार्ड तैयार किया। शुक्रवार को टूटी हुई दीवार ठीक करा दी गई। यहां आने जाने वाले लोगों पर भी रोक लगा दी है।