Good News: कैशलेस होगी रोडवेज में यात्रा, जानिए कब से मिलेगी ये सुविधा Agra News
एंड्रॉयड फोन की तरह होगी बसों में नई ईटीएम। नेटवर्क न होने पर भी काम करेगी मशीन। 15 फरवरी तक आगरा रीजन में आ आएंगी एंड्रायड तकनीक की मशीन।
आगरा, जागरण संवाददाता। जल्द ही रोडवेज में सफर करने वाले यात्रियों को कैश लेकर चलने से मुक्ति मिल जाएगी। रोडवेज की बसों में यात्रा करने के दौरान डेबिट, क्रेडिट, एटीएम कार्ड से भी टिकट बनवाई जा सकेगी। इतना ही नहीं पेटीएम से भुगतान करने पर भी परिचालक टिकट बनाएंगे। परिवहन निगम जल्द ही अपनी बसों में कैशलेस यात्रा की सुविधा देने जा रहा है। इसके लिए परिचालक को एंड्रॉयड तकनीक से लैस ईटीएम दी जाएंगी। पुरानी मशीनों की अपेक्षा यह मशीन काफी हाईटेक होगी।
रोडवेज बसों के परिचालकों को अब आए दिन ईटीएम खराब होने की समस्या तथा खुले पैसे रखने की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। परिवहन निगम एंड्रॉयड मोबाइल की तरह अब एंड्रॉयड ई-मशीन परिचालकों को दिलाने जा रहा है। लखनऊ और गाजियाबाद में ट्रायल के तौर पर इन मशीनों का प्रयोग भी हो रहा है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि 15 फरवरी तक आगरा रीजन में भी एंड्रॉयड तकनीक की ई-मशीन आ जाएंगी। हालांकि परिवहन निगम के ट्रायल सफल होने के बाद पूरे यूपी में एक साथ मशीनों के वितरण की बात कह रहे हैं।
डेबिट या क्रेडिट कार्ड से होगा पेमेंट
इस मशीन के जरिए यात्री डेबिट और क्रेडिट कार्ड से स्वैप कर टिकट ले सकेंगे। इमरजेंसी में परिचालक ईटीएम से ही वीडियो-ऑडियो और फोटो खींचकर अधिकारियों तक पहुंचा कर बात कर सकेगा। मोबाइल के चार्जर से कहीं भी चार्ज होने वाली इसकी बैटरी 2000 से 4000 एमएच तक की है, जो 2 से 3 दिन तक काम करेगी। वाई-फाई युक्त मशीन नेटवर्क न होने पर भी काम करेगी।
टच स्क्रीन की तरह काम करेगी मशीन
ट्राइमेक्स कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक एंड्रॉयड ईटीएम टच स्क्रीन मोबाइल की तरह ही काम करेगी। जबकि पूर्व की मशीन में बटन लगे हुए थे। इसमें महिलाओं, विधायकों, छात्राओं की रियायत वाली टिकट बनाने का विकल्प दिया है।
कभी भी देख सकेंगे हिसाब
परिचालक द्वारा काटे टिकट का हिसाब अधिकारी कभी भी देख सकेंगें। इसमें सिम-इंटरनेट एवं वाई-फाई की सुविधा भी रहेगी। ऐसे ही सॉफ्टवेयर डाले गए हैं, जिससे यह गर्म-हैंग नहीं होगी।
फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक
रोडवेज में टिकटों के फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी। इंटरनेट से लैस टच स्क्रीन ईटीएम आने के बाद परिचालकों की टिकट बनाने में हेराफेरी की शिकायतें भी दूर होगी। इसमें एक-एक टिकट का ब्यौरा ऑनलाइन होगा। इसे डिपो में बैठे अधिकारी कभी भी देख सकेंगे। परिचालक ने बस में कितनी टिकट काटी, कितना राजस्व आया और बस कितने किमी चली, सभी जानकारी अधिकारी आसानी से पता कर सकेंगे। इसे चलाना पुरानी मशीन की अपेक्षा अधिक आसान होगा।
सात सौ मशीनों की पड़ेगी आवश्यकता
आगरा रीजन में में 583 बसें हैं। इस हिसाब से करीब 700 मशीनों की आवश्यकता पड़ेगी। परिवहन निगम के निमयानुसार 100 गाडिय़ों पर 125 मशीन होनी चाहिए।
ईटीएम का सात साल का सफर होगा खत्म
परिवहन निगम में ईटीएम 2013 में आई थी। ट्राइमेक्स कंपनी के अधिकारियों के अनुसार अब तक आगरा रीजन में 1061 मशीन खरीदी जा चुकी हैं। मशीनों के मेंटीनेंस का काम भी ट्राइमेक्स के पास है। जो मशीन ज्यादा खराब हो जाती है उनके स्थान पर मशीन खरीदी जाती है। ज्यादातर तो पुरानी मशीनों को ही ठीक करके परिचालक को दे दिया जाता है। वर्तमान में आगरा रीजन में 615 ईटीएम कार्य कर रही हैं।
अधिकारी कहिन
लखनऊ और गाजियाबाद में मशीनों का ट्रायल चल रहा है। ट्रायल सफल होने के बाद पूरी यूपी में एक साथ मशीनों का वितरण होगा। अभी 15 फरवरी तक मशीन आने की मुझे कोई जानकारी नहीं है।
-एमके त्रिवेदी, क्षेत्रीय प्रबंधक, रोडवेज आगरा