अब कमिश्नर कोर्ट में चलेंगे स्टांप में छूट के केस, खुलेंगे पुरानी फाइलों के पन्ने Agra News
प्रमुख सचिव स्टांप ने वाद दायर करने के दिए आदेश। 12 साल पूर्व स्टांप कमी के केसों में छूट देने की चल रही जांच।
आगरा, जागरण संवाददाता। स्टांप कमी के केसों में छूट देने की फाइलें फिर से खुलने जा रही हैं। प्रमुख सचिव (स्टांप) वीना कुमारी के आदेश पर स्थानीय अफसर कमिश्नर कोर्ट में पांच सौ केसों को दायर करने जा रहे हैं। यह कार्रवाई इसी माह तक पूरी हो जाएगी। कोर्ट तय करेगी कि 12 साल पूर्व तत्कालीन एक पीसीएस अफसर ने स्टांप कमी के केसों में हेराफेरी की है या नहीं। अगर कमी मिलती है तो अफसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यहां तक अफसर का पीसीएस से आइएएस बनने का सपना भी टूट सकता है।
यह सभी मामले 12 साल पूर्व के हैं। जब तत्कालीन पीसीएस अफसर ने गलत तरीके से वादों का निस्तारण किया। यहां तक स्टांप कमी की शिकायत के बाद छूट दे दी। इससे लाखों रुपये के राजस्व की हानि हुई। शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए शासन ने जांच के आदेश दिए थे। प्रमुख सचिव, स्टांप ने अब कमिश्नर कोर्ट में वाद दायर करने के लिए कहा है। जहां इन केसों की सुनवाई होगी। कई केस ऐसे हैं जिसमें डेढ़ लाख से लेकर छह लाख रुपये तक की छूट दी गई है। कई केस ऐसे भी हैं जिसमें दस लाख से 13 लाख रुपये तक की छूट दी गई। यह सब पार्टियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है।
जारी होंगे नोटिस
कमिश्नर कोर्ट में निबंधन विभाग के अफसर एक साथ सभी पांच सौ वाद दायर नहीं करेंगे। एक साथ 50 से सौ वाद दायर होंगे। जैसे ही वाद दायर किए जाएंगे। कमिश्नर कोर्ट से नोटिस जारी होगा जिसमें क्रेता और विक्रेता को तलब किया जाएगा।
आदेश के बाद मची खलबली
इस आदेश के आने के बाद तहसील में खलबली मची हुई है। बिल्डर से लेकर बड़ी जमीनाेें के खरीदारों के मामले इसमें फंस सकते हैं। चर्चा ये है कि उस दौर में तहसीलकर्मियों की सांठगांठ से स्टांप के मामले में बड़ी हेरफेर कर राजस्व को चपत लगाई गई है। अगर ये मामले सही पाए गए तो कइयों पर गाज भी गिर सकती है।