पंचायत सचिव अब नहीं कर सकेंगे अधिकारियों को गुमराह, सबकुछ हुआ यहां भी Online
अब आनलाइन होगा ग्राम पंचायतों का आडिट। पंचायत सचिव अधिकारियों को नहीं कर सकेंगे गुमराह। आपत्ति और उनका निस्तारण भी आनलाइन ही होगा। विकास कार्यों के नाम पर ग्राम पंचायतों को हर साल लाखों रुपये का बजट दिया जाता है।
आगरा, जेएनएन। ग्राम पंचायतों का आडिट अब आनलाइन होगा। पंचायत सचिवों को अपने बस्ते जमा करने की जरूरत नहीं रहेगी। उन्हें आडिट आपत्तियों का निस्तारण आनलाइन ही करना होगा। इससे वह निरीक्षण को जाने वाले अधिकारियों से बिल, बाउचर और अभिलेख आडिट कार्यालय में जमा होने का बहाना नहीं बना सकेंगे। विकास कार्यों के नाम पर ग्राम पंचायतों को हर साल लाखों रुपये का बजट दिया जाता है। पंचायत सचिवों की जिम्मेदारी है कि वे इसका हिसाब रखें और बिल, बाउचर भी संभाल कर रखें। पंचायतों से उपभोग प्रमाण पत्र भी लिए जाते हैं। इसके साथ ही जिला लेखा परीक्षा अधिकारी कार्यालय ग्राम पंचायतें एवं सहकारी समितियां द्वारा आडिट भी किया जाता है। जिस पंचायत का आडिट होता है लेखा परीक्षा अधिकारी कार्यालय में उसके अभिलेख जमा हो जाते हैं। कई बार पंचायत सचिव इसका गलत फायदा भी उठाते हैं। निरीक्षण करने वाले अधिकारियों को वह यह कहकर गुमराह करने की कोशिश करते हैं कि उनके अभिलेख लेखा परीक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। लेखाधिकारी द्वारा जिन पंचायतों का आडिट किया जाएगा, उसकी तारीख पहले से तय की जाएगी। इसके बाद सचिवों को बिल, बाउचर स्कैन कर आनलाइन भेजने होंगे। वहीं आडीटर द्वारा लगाई गई आपत्तियों में भी पारदर्शिता आएगी। डीपीआरओ नीरज कुमार सिन्हा के अनुसार अब ग्राम पंचायतों की हर गतिविधि पर नजर रखने में आसानी होगी। नवंबर और दिसंबर में 50 ग्राम पंचायतों का आनलाइन आडिट कराया जाएगा। इस संबंध में लेखा परीक्षा विभाग और सहायक विकास अधिकारियों की बैठक करा दी गई है।