Pollution in Agra: 2020 में नवंबर रहा आगरा में सबसे अधिक प्रदूषित, जानिए क्या रहा आगरा में पूरे साल का हाल
Pollution in Agra क्लाइमेट चेंज की वजह से नवंबर में रहा सबसे अधिक प्रदूषण। लगातार चार दिन खतरनाक स्थिति में रही थी वायु गुणवत्ता। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा आगरा में चार मानीटरिंग स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता की जांच की जाती है।
आगरा, जागरण संवाददाता। 2020 में नवंबर सबसे अधिक प्रदूषित रहा। क्लाइमेट चेंज की वजह से नवंबर में हवा के बहाव की गति बहुत कम होने से वायु गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में पहुंच गई थी। ताजमहल, एत्माद्दौला, रामबाग और नुनिहाई सभी जगह नवंबर में सर्वाधिक अति सूक्ष्म कण (पीएम2.5) और धूल कण (पीएम10) की मात्रा दर्ज की गई। श्वसनीय निलंबित कणों (एसपीएम) की मात्रा भी बढ़ी हुई रही।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा आगरा में चार मानीटरिंग स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता की जांच की जाती है। इनमें ताजमहल, एत्माद्दौला, रामबाग और नुनिहाई हैं। सीपीसीबी द्वारा जनवरी से नवंबर (अप्रैल-मई को छोड़कर) तक के आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट को देखें तो 2020 में नवंबर सबसे अधिक प्रदूषित रहा। चारों मानीटरिंग स्टेशनों पर आगरा में वायु प्रदूषण के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार माने जाने वाले पीएम2.5 और पीएम10 की मात्रा बढ़ी रही। एसपीएम की मात्रा भी नुनिहाई को छोड़कर ताजमहल, एत्माद्दौला व रामबाग में नवंबर में सर्वाधिक रही। रामबाग में अक्टूबर में एसपीएम सर्वाधिक रहा।
सीपीसीबी के प्रभारी अधिकारी कमल कुमार ने बताया कि नवंबर में दीपावली से पूर्व शहर में वायु प्रदूषण बढ़ा हुआ था। क्लाइमेट चेंज की वजह से आगरा में वायु गुणवत्ता लगातार चार दिन तक खतरनाक स्थिति में रही थी। इसी वजह से नवंबर सर्वाधिक प्रदूषित रहा।
अगस्त सबसे स्वच्छ रहा
25 मार्च को देश में लाक डाउन हुआ था, हालांकि आगरा में इससे दो दिन पूर्व 23 मार्च को ही लाक डाउन हो गया था। लाक डाउन के समय मानवीय व औद्योगिक गतिविधियों पर रोक लगने से आगरा में वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला था। हालांकि, बारिश के चलते अगस्त वर्ष में सबसे स्वच्छ रहा। इस माह पीएम2.5, पीएम10 और एसपीएम की मात्रा सभी मानीटरिंग स्टेशनों पर वर्ष में सबसे कम दर्ज की गई।
ताजमहल
माह, एसओटू, एनओटू, पीएम2.5, पीएम10, एसपीएम
जनवरी, 7, 22, 159, 196, 257
फरवरी, 5, 22, 107, 156, 239
मार्च, 4, 19, 65, 105, 193
जून, 5, 9, 32, 82, 210
जुलाई, 4, 9, 27, 49, 104
अगस्त, 4, 11, 21, 26, 54
सितंबर, 5, 13, 51, 81, 173
अक्टूबर, 5, 26, 113, 187, 350
नवंबर, 4, 22, 198, 258, 366
एत्माद्दौला
माह, एसओटू, एनओटू, पीएम2.5, पीएम10, एसपीएम
जनवरी, 8, 32, -, 188, 273
फरवरी, 5, 30, -, 148, 289
मार्च, 4, 22, -, 106, 219
जून, 4, 11, 35, 117, 326
जुलाई, 5, 15, 33, 52, 182
अगस्त, 4, 14, 26, 48, 112
सितंबर, 5, 17, 39, 66, 156
अक्टूबर, 5, 34, 120, 212, 390
नवंबर, 4, 32, 237, 341, 490
रामबाग
माह, एसओटू, एनओटू, पीएम2.5, पीएम10, एसपीएम
जनवरी, 5, 21, 155, 190, 260
फरवरी, 4, 19, 129, 149, 270
मार्च, 5, 17, -, 109, 205
जून, 4, 13, -, 116, 175
जुलाई, 4, 15, 40, 65, 112
अगस्त, 4, 21, 27, 33, 86
सितंबर, 5, 15, 46, 79, 184
अक्टूबर, 4, 21, 98, 166, 354
नवंबर, 6, 39, 169, 264, 445
नुनिहाई
माह, एसओटू, एनओटू, पीएम2.5, पीएम10, एसपीएम
जनवरी, 10, 36, -, 232, 372
फरवरी, 4, 44, 102, 185, 372
मार्च, 5, 19, 66, 103, 203
जून, 4, 13, 41, 104, 329
जुलाई, 4, 11, 31, 81, 189
अगस्त, 5, 16, 34, 74, 131
सितंबर, 5, 18, 65, 124, 296
अक्टूबर, 4, 31, 140, 294, 561
नवंबर, 5, 35, 225, 318, 553
नोट: यह सभी माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर में हैं। लाक डाउन के चलते अप्रैल व मई में प्रदूषक तत्वों की गणना नहीं हो सकी थी।
मानक
एसओटू: 20 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
एनओटू: 30 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
पीएम2.5: 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
पीएम10: 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर