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Pollution in Agra: 2020 में नवंबर रहा आगरा में सबसे अधिक प्रदूषित, जानिए क्या रहा आगरा में पूरे साल का हाल

Pollution in Agra क्लाइमेट चेंज की वजह से नवंबर में रहा सबसे अधिक प्रदूषण। लगातार चार दिन खतरनाक स्थिति में रही थी वायु गुणवत्ता। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा आगरा में चार मानीटरिंग स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता की जांच की जाती है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 03:21 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 03:21 PM (IST)
Pollution in Agra: 2020 में नवंबर रहा आगरा में सबसे अधिक प्रदूषित, जानिए क्या रहा आगरा में पूरे साल का हाल
क्लाइमेट चेंज की वजह से नवंबर में रहा सबसे अधिक प्रदूषण।

आगरा, जागरण संवाददाता। 2020 में नवंबर सबसे अधिक प्रदूषित रहा। क्लाइमेट चेंज की वजह से नवंबर में हवा के बहाव की गति बहुत कम होने से वायु गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में पहुंच गई थी। ताजमहल, एत्माद्दौला, रामबाग और नुनिहाई सभी जगह नवंबर में सर्वाधिक अति सूक्ष्म कण (पीएम2.5) और धूल कण (पीएम10) की मात्रा दर्ज की गई। श्वसनीय निलंबित कणों (एसपीएम) की मात्रा भी बढ़ी हुई रही।

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा आगरा में चार मानीटरिंग स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता की जांच की जाती है। इनमें ताजमहल, एत्माद्दौला, रामबाग और नुनिहाई हैं। सीपीसीबी द्वारा जनवरी से नवंबर (अप्रैल-मई को छोड़कर) तक के आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट को देखें तो 2020 में नवंबर सबसे अधिक प्रदूषित रहा। चारों मानीटरिंग स्टेशनों पर आगरा में वायु प्रदूषण के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार माने जाने वाले पीएम2.5 और पीएम10 की मात्रा बढ़ी रही। एसपीएम की मात्रा भी नुनिहाई को छोड़कर ताजमहल, एत्माद्दौला व रामबाग में नवंबर में सर्वाधिक रही। रामबाग में अक्टूबर में एसपीएम सर्वाधिक रहा।

सीपीसीबी के प्रभारी अधिकारी कमल कुमार ने बताया कि नवंबर में दीपावली से पूर्व शहर में वायु प्रदूषण बढ़ा हुआ था। क्लाइमेट चेंज की वजह से आगरा में वायु गुणवत्ता लगातार चार दिन तक खतरनाक स्थिति में रही थी। इसी वजह से नवंबर सर्वाधिक प्रदूषित रहा।

अगस्त सबसे स्वच्छ रहा

25 मार्च को देश में लाक डाउन हुआ था, हालांकि आगरा में इससे दो दिन पूर्व 23 मार्च को ही लाक डाउन हो गया था। लाक डाउन के समय मानवीय व औद्योगिक गतिविधियों पर रोक लगने से आगरा में वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला था। हालांकि, बारिश के चलते अगस्त वर्ष में सबसे स्वच्छ रहा। इस माह पीएम2.5, पीएम10 और एसपीएम की मात्रा सभी मानीटरिंग स्टेशनों पर वर्ष में सबसे कम दर्ज की गई।

ताजमहल

माह, एसओटू, एनओटू, पीएम2.5, पीएम10, एसपीएम

जनवरी, 7, 22, 159, 196, 257

फरवरी, 5, 22, 107, 156, 239

मार्च, 4, 19, 65, 105, 193

जून, 5, 9, 32, 82, 210

जुलाई, 4, 9, 27, 49, 104

अगस्त, 4, 11, 21, 26, 54

सितंबर, 5, 13, 51, 81, 173

अक्टूबर, 5, 26, 113, 187, 350

नवंबर, 4, 22, 198, 258, 366

एत्माद्दौला

माह, एसओटू, एनओटू, पीएम2.5, पीएम10, एसपीएम

जनवरी, 8, 32, -, 188, 273

फरवरी, 5, 30, -, 148, 289

मार्च, 4, 22, -, 106, 219

जून, 4, 11, 35, 117, 326

जुलाई, 5, 15, 33, 52, 182

अगस्त, 4, 14, 26, 48, 112

सितंबर, 5, 17, 39, 66, 156

अक्टूबर, 5, 34, 120, 212, 390

नवंबर, 4, 32, 237, 341, 490

रामबाग

माह, एसओटू, एनओटू, पीएम2.5, पीएम10, एसपीएम

जनवरी, 5, 21, 155, 190, 260

फरवरी, 4, 19, 129, 149, 270

मार्च, 5, 17, -, 109, 205

जून, 4, 13, -, 116, 175

जुलाई, 4, 15, 40, 65, 112

अगस्त, 4, 21, 27, 33, 86

सितंबर, 5, 15, 46, 79, 184

अक्टूबर, 4, 21, 98, 166, 354

नवंबर, 6, 39, 169, 264, 445

नुनिहाई

माह, एसओटू, एनओटू, पीएम2.5, पीएम10, एसपीएम

जनवरी, 10, 36, -, 232, 372

फरवरी, 4, 44, 102, 185, 372

मार्च, 5, 19, 66, 103, 203

जून, 4, 13, 41, 104, 329

जुलाई, 4, 11, 31, 81, 189

अगस्त, 5, 16, 34, 74, 131

सितंबर, 5, 18, 65, 124, 296

अक्टूबर, 4, 31, 140, 294, 561

नवंबर, 5, 35, 225, 318, 553

नोट: यह सभी माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर में हैं। लाक डाउन के चलते अप्रैल व मई में प्रदूषक तत्वों की गणना नहीं हो सकी थी।

मानक

एसओटू: 20 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर

एनओटू: 30 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर

पीएम2.5: 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर

पीएम10: 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर 


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