हुजूर, ये है उत्तर प्रदेश सरकार, दफ्तर में कम सड़क पर ज्यादा जलवा
अनुबंधित कारों की नंबर प्लेट पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखकर दौड़ा रहे प्राइवेट व्यक्ति। पुलिस भी बचती है हाथ डालने से।
नजारा नंबर एक
जयपुर हाउस स्थित वाणिज्य कर विभाग, कार्यालय के गेट पर चार गाडिय़ां खड़ी थीं। तीन सरकारी और एक संबद्ध, लेकिन चारों पर उप्र सरकार लिखा था। साथ ही कार्यालय परिसर में दर्जनों निजी गाडिय़ों की नंबर प्लेट या अन्य जगह यह लिखा मिला।
नजारा नंबर दो
पचकुइयां स्थित शिक्षा विभाग, यहां दो सरकारी जबकि आधा दर्जन छोटी-बड़ी चार पहिया गाडिय़ां खड़ी थीं। इनमें से करीब चार की नंबर प्लेट पर उप्र प्रदेश सरकार लिखा था।
नजारा नंबर तीन
साईं का तकिया स्थित जिला अस्पताल। यहां भी अमूमन यही हाल था। चिकित्सकों और कर्मचारियों की गाडिय़ों पर उप्र सरकार का स्टीकर लगा मिला।
आगरा, जागरण संवाददाता। प्रदेश से वीवीआईपी कल्चर खत्म करने को भले सरकार लाख नियम-कानून बनाए, लेकिन रखवाले ही इसे मुंह चिढ़ाते और तोड़ते नजर आते हैं। रोजाना सरकारी आदेश हवा में उड़ाते निजी वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। सरकारी अधिकारियों के होने के चलते पुलिस और यातायात विभाग भी उन पर हाथ डालने से घबराता है। हम बात कर रहे हैं उन निजी वाहनों की, जो उप्र सरकार लिखकर सड़कों पर दौड़ाई जा रही हैं। विभाग से संबद्ध गाडिय़ों का प्रयोग कर रहे लगभग सभी सरकारी अधिकारियों का यही हाल है।
किसी भी सरकारी विभाग में जाएं, वहां तैनात अधिकारियों की गाडिय़ों पर उप्र सरकार लिखा होना आम बात हैं। भले ही वह सरकारी हो, संबद्ध या निजी। अधिकारी के उनमें सवार होते हैं, लिहाजा कोई इस पर सवाल भी खड़ा करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। इसी का फायदा वह वाहन भी उठा रहे हैं, जो निजी हैं। सरकारी आदेशों में इसकी मनाही के बाद भी यह चलन जोरों पर है।
यह है नियम
उप्र परिवहन विभाग ने नियम व कानून सख्त करते हुए सरकारी अफसरों को भी अपनी जद में लिया था। विभाग ने सभी सरकारी अफसरों व अधिकारियों को चेताया था कि वह अपने निजी वाहनों पर उत्तर प्रदेश सरकार न लिखें। विभाग ने यह आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दिया था।
यह है स्थिति
मौजूदा हालातों की बात करें, तो पद की हनक दिखाने को कई सरकारी अफसर अपने निजी वाहनों पर भी उप्र सरकार लिखकर चल रहे थे। जबकि इस पर कार्रवाई के साथ आरोप सिद्ध होने पर निलंबन तक की संस्तुति तक की थी। हालांकि सरकारी वाहनों पर उप्र सरकार लिखने पर परिवहन विभाग को कोई आपत्ति नहीं।
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