पर्यटको पर नही ताजनगरी मे रात्रि प्रवास की वजह
ताजनगरी मे नाइट कल्चर और नाइट स्टे को बढ़ावा देने के लिए लंबे समय से प्रयास चल रहे हैै, लेकिन इस दिशा मे कोई सफलता नही मिल पा रही है।
जागरण संवाददाता, आगरा: ताजनगरी मे नाइट कल्चर और नाइट स्टे को बढ़ावा देने के लिए लंबे समय से प्रयास चल रहे हैै, लेकिन इस दिशा मे कोई सफलता नही मिल पा रही है। पर्यटको की संख्या मे इजाफा तो हो रहा है लेकिन पर्यटको को यहां रात्रि मे रुकने की कोई वजह नही मिल रही है। यह बात विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेट (आइटीएचएम) के चल रहे सर्वे की अब तक की रिपोर्ट मे सामने आई है।
आइटीएचएम द्वारा ताज नगरी मे नाइट स्टे को लेकर एक सर्वे कराया जा रहा है। यह सर्वे पांच चरण मे होना है। इसकी शुरुआत अक्टूबर के अंतिम सप्ताह मे हुई थी। अभी तक तीन चरण पूरे हो चुके है। इसमे आइटीएचएम के छात्रो ने ताजनगरी मे आने वाले 450 भारतीय परिवारो से नाइट स्टे को लेकर बात की। आइटीएचएम के निदेशक डॉ. लवकुश मिश्रा ने बताया कि सर्वे मे नाइट स्टे को लेकर जिनसे बात की गई उसमे 35 से 40 फीसद पर्यटक फैमिली के साथ आए थे। इसमे अधिकांश परिवार तो ताजनगरी मे नाइट स्टे करना चाहते थे, लेकिन उनको यहां रात्रि मे रुकने के लिए कोई वजह नही मिली। उनका कहना था कि यहां का मुख्य अट्रेक्शन ताजमहल है। ऐसे मे अगर दिन मे ताज और अन्य दूसरे स्मारक घूम लिए जाएं तो शाम को पूरा समय खाली रहता है। ऐसे मे शाम को यहां रुकने से बेहतर है कि उस समय मे वापस लौटने या कही और जाने के लिए यात्रा कर ली जाए।
पर्यटको ने दिए सुझाव
पर्यटको ने नाइट स्टे के लिए अपने सुझाव भी दिए हैं। अधिकांश पर्यटको का कहना है कि ताज के आसपास रात मे सांस्कृतिक गतिविधियां हो, जहां बच्चो के मनोरंजन की व्यवस्था हो। किसी गांव को इस तरह से विकसित किया जाए, जहां पर्यटक जाकर गांव के बारे मे जान सके और देहाती अंदाज मे भोजन कर सके। इसके अलावा कई पर्यटकों ने म्यूजियम खोले जाने का सुझाव भी दिया।
नही की गई प्लानिंग
ताजनगरी मे पर्यटको का नाइट स्टे बढ़ावा देने के प्लानिंग नही की जा रही है। आइटीएचएम के निदेशक का कहना है कि यमुना एक्सप्रेस-वे बनने पर कहा जा रहा था कि इससे पर्यटन बढ़ेगा, लेकिन इसके बनने से ताजनगरी मे केवल पर्यटको की संख्या बढ़ी है। अब पर्यटक दिल्ली से ही पूरी खाने-पीने की पूरी तैयारी करके आता है।
फरवरी मे पूरा होगा सर्वे
नाइट स्टे के सर्वे के बाकी के चरण फरवरी तक पूरे होगे। इस सर्वे मे हॉवर्ड विवि भी शामिल है। फरवरी के अंत मे हॉवर्ड विवि के प्रतिनिधि यहां आएंगे।