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Ayodhya Case Verdict: काश, ऐसी ही रहे हमारे देश की सियासत, न खुद को श्रेय न दूसरे का विरोध Agra News

अयोध्‍या फैसले पर जनप्रतिनिधियों की एक ही राय। अमन चैन कायम रहे और कोर्ट का सम्‍मान।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 03:18 PM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 03:18 PM (IST)
Ayodhya Case Verdict: काश, ऐसी ही रहे हमारे देश की सियासत, न खुद को श्रेय न दूसरे का विरोध Agra News
Ayodhya Case Verdict: काश, ऐसी ही रहे हमारे देश की सियासत, न खुद को श्रेय न दूसरे का विरोध Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। 500 साल पुराना देश का सबसेे संवेदनशील और विवादस्‍पद मसला आखिरकार नौ नवंबर, 2019 को हल हो ही गया। सदियों का प्रकरण,दशकों का कोर्ट केस और लाखों उम्मीदों के बाद नौ नवंबर 2019 का सूर्य सुनहरी किरणों के साथ न्‍याय की जीत लेकर आया। संतों द्वारा शुरु किए गए राम मंदिर निर्माण के हवन में राजनीति का घी भी जमकर डाला गया। मुददा हर चुनावों में छाया रहा। हर बार मंदिर निर्माण का वादा हुआ लेकिन संवेदनशीलता के कारण मुददे पर बस हर बार गहमागहमी होती रही। अब जब राम लला के मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है तो हर ओर उत्‍साह का माहौल बन गया। आम जनमानस में आस्‍था की हिल्‍लोरें लिए खुशी की तरंगे छाईं लेकिन इस उत्‍साह, इस जीत पर सियासी गलियारे से भी सुखद संदेश आया। जो कभी चुनाव में मंदिर निर्माण को लेकर तरह-तरह के दावे करते थे, एकदूसरे का विरोध करते थे। फैसला आने पर ऐसा देखने को नहीं मिला। राष्ट्रीय प्रदेशीय आह्वान पर भाजपाई तो शांत रहे ही, उन्होंने ऐसा कोई बयान भी नहीं दिया। जिससे सियासत झलकती हो। गैर भाजपाई दलों के नेताओं ने भी राजनीतिक लाभ खोजने के बजाए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। न किसी को श्रेय और न किसी का विरोध की रणनीति अपनाए हर राजनैतिक दल सौहार्द कायम रखने की अपील ही कर रहा है।

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दल और नाम अलग लेकिन स्‍वर एक

भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा, अलग अलग राजनीतिक पार्टियां हैं। इनमेंं कोई भी मुददा ऐसा नहीं होता जिसमें ये दल एक दूसरे के विरोध स्‍वर न छेड़ती हों लेकिन शनिवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हर दल का नेता भाईचारे का संदेश देता हुआ ही दिखाई दिया।

ये बोले जनप्रतिनि

यह निर्णय किसी भी पक्ष की जय और पराजय नहीं है। उम्मीद है कि यह फैसला फासलों को मिटाने में मील का पत्थर साबित होगा। जनता भारत के संविधान में स्थापित सर्वधर्म सद्भाव व भाईचारे के उच्च मूल्य निभाते हुए अमन-चैन बनाए रखे।

- डॉ. कृष्णवीर सिंह कौशल, पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हैं। सभी भाईचारा बनाकर रखें। अफवाह फैलाने वालों से सतर्क रहें।

- रामसहाय यादव, निर्वतमान जिलाध्यक्ष-समाजवादी पार्टी

जो फैसला आया है उसका स्वागत करते हैं। इसमें सभी के हितों का ध्यान रखा गया है। सभी से अपील है शांति और सौहार्द बनाए रखें।

- संतोष आनंद, जिलाध्यक्ष-बहुजन समाज पार्टी

सर्वोच्च न्यायालय का फैसला सभी बातों का मूल्यांकन करने के बाद आया है। सभी लोगों ने उसे स्वीकार भी कर लिया है। इसमें सभी पक्षों का सम्मान रखा गया है।

- श्याम भदौरिया, जिलाध्यक्ष-भाजपा

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं। जिस तरह से जनता ने इस आदेश को स्वीकारा है उसके लिए सभी का धन्यवाद। सभी से अपील है कि वह शांति व सौहार्द को इसी तरीके से बनाकर रखें।

- प्रो. एसपी सिंह बघेल, सांसद, आगरा

लोकसभा क्षेत्रसुप्रीम कोर्ट ने बहुत ही ऐतिहासिक फैसला दिया है। साथ ही बहुत ही बड़ा निर्णय देश के हित में हुआ है। लोग धैर्य और शांति के साथ इसे स्वीकार करें। भाईचारा बनाकर रखें।

- राजकुमार चाहर, सांसद, फतेहपुर सीकरी


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