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उफ! यहां तो सूरत से भी बुरे हालात हैं, लगी आग तो भूने हुए ही निकलेंगे छात्र

शहर में पांच हजार से अधिक छोटे-बड़े कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं। किसी के भी पास नहीं अग्निशमन विभाग की एनओसी।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 26 May 2019 03:09 PM (IST)Updated: Sun, 26 May 2019 03:09 PM (IST)
उफ! यहां तो सूरत से भी बुरे हालात हैं, लगी आग तो भूने हुए ही निकलेंगे छात्र
उफ! यहां तो सूरत से भी बुरे हालात हैं, लगी आग तो भूने हुए ही निकलेंगे छात्र

आगरा, जागरण संवाददाता। सूरत में कोचिंग सेंटर के अग्निकांड ने लोगों को दहला दिया है। आगरा में तो तमाम कोचिंग सेंटर ऐसे हालात में चल रहे हैं कि उनका भगवान ही मालिक। न तो अग्निशमन विभाग की अनुमति इन कोचिंग सेंटरों के पास है और न ही आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम। बिना पंजीकरण चलने वाले इन कोचिंग सेंटरों पर अधिकारी भी कार्रवाई नहीं करते।

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शहर में पांच हजार से अधिक छोटे-बड़े कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं। यहां मानकों का खुलेआम उल्लंघन किया जाता है। मानकों के अनुसार पांच छात्रों से अधिक को पढ़ाने वाले कोचिंग सेंटर को उच्च शिक्षा विभाग में पंजीकरण कराना होता है। रजिस्ट्रेशन के बाद हर तीन साल में नवीनीकरण कराना पड़ता है। आगरा में सिर्फ 136 कोचिंग सेंटरों का रजिस्ट्रेशन है। अग्निशमन विभाग से भी एनओसी के साथ बिजली का वाणिज्यिक कनेक्शन लेना होता है। कोचिंग के नाम पर किसी ने अग्निशमन का एनओसी नहीं लिया है।

आग लगी तो होगा बड़ा हादसा

भगवान टॉकीज के पास कई कोचिंग सेंटर बेसमेंट में चल रहे हैं। ऐसे में बाहर निकलने का एक ही रास्ता है। अगर शॉर्ट सर्किट या अन्य कारण से आग लगी तो बड़ा हादसा हो सकता है। यहां पार्किंग के इंतजाम न होने से आए दिन ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। कोचिंग सेंटर के संचालन से स्थानीय दुकानदार भी परेशान रहते हैं। भगवान टॉकीज से देवनगर तक कोचिंग की भरमार भगवान टॉकीज से देवनगर और खंदारी में सैकड़ों छोटे-बड़े कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं। वहीं संजय प्लेस, कमला नगर, बल्केश्वर, दयालबाग, सदर, मधुनगर, अर्जुन नगर, ट्रांस यमुना आदि क्षेत्रों में चल रहे कोचिंग सेंटरों में न तो पार्किंग के इंतजाम हैं और न ही अग्निशमन विभाग की एनओसी। इन कोचिंग सेंटर का शिक्षा विभाग में पंजीकरण भी नहीं है। बिना मान्यता के चल रहे इन कोचिंग सेंटर के खिलाफ संबंधित किसी भी विभाग ने अब तक कार्रवाई नहीं की है।

कोचिंग में यह इंतजाम जरूरी

-अग्निशमन के इंतजाम

-कोचिंग में वेंटीलेशन की उचित व्यवस्था

-पार्किंग के इंतजाम

-बिजली का व्यावसायिक कनेक्शन

-शौचालय की व्यवस्था

यह है शुल्क का प्रावधान

बच्चों की संख्या रजिस्ट्रेशन शुुल्क

50 बच्चों से कम --- 10 हजार

50 बच्चों से अधिक - 25 हजार

(यह रजिस्ट्रेशन शुल्क तीन वर्ष तक के लिए निर्धारित होता है)

क्‍या कहते हैं अधिकारी

किसी भी कोचिंग सेंटर ने अग्निशमन विभाग से एनओसी नहीं ली है। इन्हें नोटिस दिया जाएगा।

सीएफओ अक्षय रंजन शर्मा

मानकों को पूरा न करने वाले कोचिंग सेंटर के खिलाफ जल्द अभियान चलाया जाएगा। मानक पूरा न करने वाले कोचिंग सेंटर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उच्च शिक्षा अधिकारी, डीके गर्ग 

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