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काेश्‍ािश नहीं रंग लाई, चार साल बाद भी 25 हजार जनधन खाते शून्य

संशोधन के बाद भी नहीं पड़ रहा असर, बैंककर्मी खाताधारकों को कर रहे सूचित, दो लाख का बीमा कवर और 10 हजार रुपये तक की ओवरड्राफ्ट की सुविधा

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 12:58 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 02:50 PM (IST)
काेश्‍ािश नहीं रंग लाई, चार साल बाद भी 25 हजार जनधन खाते शून्य
काेश्‍ािश नहीं रंग लाई, चार साल बाद भी 25 हजार जनधन खाते शून्य

आगरा (गगन राव पाटिल): सरकार की तमाम कवायद के बाद भी जनधन योजना में धन नहीं आ पा रहा है। चार साल बाद भी तकरीबन 25 हजार खाते शून्य अवस्था में पड़े हुए हैं। 

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बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराने और हर परिवार का बैंक खाता खोलने के मकसद से 15 अगस्त 2014 को जनधन योजना शुरू की गई थी। तब जिले में तीन लाख से अधिक बैंक खाते खोले गए थे। योजना के तहत एक लाख रुपये का आकस्मिक बीमा कवर और पांच हजार रुपये तक की ओवरड्राफ्ट की सुविधा का प्रावधान था। शर्त ये थी कि खाते में ट्रांजेक्शन होता रहे। लोगों ने खाते तो खुलवा लिए, लेकिन इसका संचालन सुचारू नहीं रखा। 

योजना के प्रति खाताधारकों की रुचि पैदा करने के लिए इसमें संशोधन कर दिया। इसके तहत नियमित ट्रांजेक्शन वाले खाते पर 28 अगस्त के बाद से दो लाख रुपये का आकस्मिक बीमा कवर और 10 हजार रुपये तक की ओवरड्राफ्ट की सुविधा कर दी गई। इसके अलावा दो हजार रुपये तक के ओवरड्राफ्ट (ओडी) के लिए कोई शर्त नहीं जुड़ी होगी। 

 लीड बैंक के अग्रणी जिला प्रबंधक अनिल गुप्ता का कहना है कि योजना में जो संशोधन हुए हैं, उससे फर्क पडऩे की संभावना है। खाताधारक इससे उत्साहित होंगे। 

बैंककर्मी खुद डाल चुके रुपये

शून्य खातों को संचालित करने के लिए बैंककर्मियों ने करीब दो साल पूर्व खातों में एक से 10 रुपये डालकर कई खातों को संचालित किया था। नहीं तो शून्य खातों का आंकड़ा कहीं अधिक होता।  


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