जेल में कैद जिंदगियां देंगी मीठा स्वाद, जानिये क्या होने जा रही नई शुरुआत
जिला कारागार में खुलेगी पीपीपी मॉडल पर बेकरी। दो करोड़ रुपये का होगा सालाना का टर्नओवर।
आगरा, उमेश भारद्वाज। टीवी और सड़क पर लगे होर्डिंग्स पर यदि यह विज्ञापन लगा दिखे की यह है जिला कारागार में कैदियों और बंदियों द्वारा बनाई गई चॉकलेटी बिस्कुट या ब्रेड तो चौंकिएगा नहीं। मथुरा जिला कारागार में जल्द ही बेकरी खुलने जा रही है। यहां के लजीज उत्पादों का स्वाद अब आप अपने घर पर बैठकर ले सकते हैं। जिला कारागार प्रशासन ने प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय को भेज दिया है, वहां से अनुमति मिलते ही इसका संचालन किया जाएगा।
जिला कारागार में पीपीपी मॉडल पर अत्याधुनिक मशीनों द्वारा इस बेकरी का संचालन किया जाएगा। यहां बनने वाली खाद्य वस्तुओं के लिए मार्केट कंपनी तैयार करेगी। अन्य बेकरी हाउस ने भी बंदियों द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट की खरीद में इच्छा जताई है। इस बेकरी का सालाना टर्न ओवर करीब दो करोड़ रुपये के आसपास का होगा। इस प्रोडक्ट को पहले मथुरा के घर- घर में पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा, इसके बाद इसे दूसरे जिलों में भेजा जाएगा।
यह प्रोडक्ट होंगे तैयार
बिस्कुट, टोस्ट, क्रीम रोल, ब्रेड, पॉव, केक, पेस्ट्री, पेटीज आदि का यहां निर्माण बंदियों और कैदियों के द्वारा कराया जाएगा।
दिया जाएगा प्रशिक्षण
खाद्य एवं औषधि विभाग के साथ कंपनी बंदियों और कैदियों को बेकरी के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण देगा। इसमें इन्हें उत्पाद के साथ उसकी मार्केङ्क्षटग किस तरह की जाए, इसका भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बैंक से मिलेगा लोन
जिला कारागार ने जो प्रोजेक्ट तैयार किया है, उसके अनुरूप बंदियों को रिहाई के बाद अपना कारोबार शुरू करने के लिए बैंक के माध्यम से ऋण प्रदान करने की व्यवस्था भी की गई है।
रचनात्मक पहल
जिला कारागार प्रशासन का प्रयास है कि बंदी और कैदी जेल से रिहाई के बाद अपराध की दुनियां को छोड़ अपना व्यापार शुरू कर समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सकें।
लखनऊ भेजा गया है प्रस्ताव
जिला कारागार में पीपीपी मॉडल पर बेकरी खोलने का प्रस्ताव लखनऊ मुख्यालय को भेजा गया है। प्रस्ताव शासन से स्वीकृत होते ही यहां बेकरी खुलने से बंदियों और कैदियों को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे।
-शैलेंद्र कुमार मैत्रेय, अधीक्षक, जिला कारागार